मणिपुर में हिंसा पर सरकार ने सख्ती दिखाते हुए दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं. राज्य में 3 मई को आदिवासी आंदोलन के दौरान अचानक से हिंसा भड़क गई. हिंसा की आग राज्य के 8 जिलों में पहुंच गई. हालात बेकाबू होता देख पुलिस प्रशासन ने आठों जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है. आठ जिलों में इम्फाल वेस्ट, काकचिंग, थौबाल, चुराचांदपुर, कांगपोकपी, जिरिबाम, बिष्णुपुर और तेंगनौपाल में कर्फ्यू लागू है. इसके अलावा, पूरे राज्य में इंटरनेट सेवा को अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है. हालांकि, ब्रॉडबैंड सेवा चालू रहेंगी.
इससे पहले हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गई थी. राज्य में अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है. मणिपुर में असम राइफल्स की 34 कंपनियां तैनात कर दी गई है. वहीं, सेना की 9 टुकिड़ियां भी तैनात हैं. इनके अलावा गृह मंत्रालय ने रैपिड एक्शन फोर्स की भी पांच कंपनियों को मणिपुर भेजने का आदेश जारी किया है. इसके बावजूद मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही.
देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. दरअसल मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति की कैटेगरी में शामिल करने की मांग को लेकर उठी हिंसा की आग लगातार फैलती जा रही है. इसको लेकर मणिपुर सुलग रहा है. मैतेई कम्युनिटी के लोग अपनी मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन पर उतर आए हैं. यही वजह है कि मणिपुर के एक दो नहीं बल्कि आठ जिलों में हालात बेकाबू हो गए हैं. ऐसे में प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाते हुए इन 8 जिलों में कर्फ्यू लागू कर दिया है. इसके साथ ही प्रदेश में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है. ये सेवाएं फिलहाल 5 दिन के लिए बंद कर दी गई हैं. इस बीच बॉक्सर मैरी कॉम ने भी बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खास गुहार की है.
मैरी कॉम ने पीएम मोदी से की ये अपील
इंडियन वुमन बॉक्सर मैरी कॉम ने सुलग रहे मणिपुर को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है. मैरी कॉम ने ट्विट के जरिए लिखा- ‘मेरा मणिपुर जल रहा है, कृपया इसे बचाने के लिए मदद कीजिए.’ मैरी कॉम की ओर से इस ट्विटर को प्रधानमंत्री कार्यालय यानी पीएमओ के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी टैग किया गया है. इसके साथ ही मैरी कॉम ने मणिपुर में फैल रही आग की तस्वीर को भी अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया है.
सरकार भी सख्त
मणिपुर में फैल रही हिंसा को नियंत्रित करने के लिए सरकार की ओर से भी लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. प्रदेश सरकार ने सेना और असम राइफल्स के जवानों को हिंसाग्रस्त इलाकों में तैनात कर दिया है. स्थानीय पुलिस को भी सेना और राइफल्स के साथ अटैच कर दिया गया है ताकि स्थानीय स्तर पर होने वाली किसी भी तरह की दिक्कत ना हो.
प्रशासन का दावा है कि गुरुवार की सुबह तक हिंसा को कंट्रोल कर लिया गया है और आगजनी जैसी घटनाएं भी फिलहाल नियंत्रण में हैं. इसके साथ ही करीब 4 हजार ग्रामीणों को सेना ने रेस्क्यू कर सीओबी और प्रदेश के सरकारी आश्रयों में शिफ्ट कर दिया है. सरकार ने धरना-प्रदर्शन करने वालों पर भी सीधी नजर रखी हुई है.
कैसे भड़की हिंसा?
मणिपुर में हिंसा भड़कने के पीछे सबसे बड़ी वजह मैतेई समुदाय की मांग को लेकर उठाए जा रहे कदमों को माना जा रहा है. दरअसल बुधवार को अपनी मांगों को लेकर छात्रों के एक गुट की ओर से बुलाए गए आदिवासी एकता मार्च ने अचानक हिंसक मोड़ ले लिया. इस दौरान चुराचांदपुर में भी हालात बिगड़ने लगे और घरों में ही तोड़फोड़ शुरू कर दी गई. इस दौरान हजारों की तादाद में आए आंदोलनकारियों भी हिंसा में शामिल हो गए. मिली जानकारी के मुताबिक ये हिंसा आदिवासी और गैर आदिवासी समूहों के बीच हुई.