बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की सहरसा जेल से रिहाई हो गई है. करीब 14 साल बाद आनंद मोहन जेल से सजा काट कर बाहर आये हैं. बताया जा रहा है कि सुरक्षा कारणों के मद्देनजर उन्हें जेल से पहले ही रिहाह कर दिया गया है. सुबह करीब 4:30 बजे ही उन्हें जेल से रिहाह कर दिया गया है. उम्र कैद की सजा काटने के बाद वो अब हमेशा के लिए जेल से बाहर आ गए हैं. उनके बाहर आते ही उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौर गई. हालांकि ये खबर थी की वो दोपहर तक जेल से बाहर आएंगे लेकिन सुरक्षा को देखते हुए सुबह सुबह ही उन्हें रिहाह कर दिया गया.
बता दें कि वो 15 दिनों के पैरोल पर बाहर आये थे और कल वो जेल वापस गए थे. जहां उनकी रिहाई को लेकर सारी प्रक्रिया की गई. जिसके बाद उन्हें जेल से रिहाह कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि कल रात में ही इसके लिए फैसला ले लिया गया था कि उन्हें सुबह सुबह ही जेल से रिहाह कर दिया जायेगा. क्योंकि उनकी रिहाई को लेकर उनके समर्थकों ने उनके स्वागत के लिए भव्य रोड शो की तैयारी की थी. समर्थकों की भारी भीड़ को देखते हुए समय में बदलाव कर दिया गया. ऐसे में उनकी पहले ही रिहाई हो गई. सहरसा में आनंद मोहन के स्वागत के लिए समर्थकों का जुटना होना भी शुरू हो गया था.
आनंद मोहन की रिहाई पर डीएम जी कृष्णैय्या की पत्नी और बेटी का पहला बयान
पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन की सहरसा जेल से रिहाई के बाद गोपालगंज के डीएम रहे जी कृष्णैय्या के परिवार की तरफ से पहला बयान है। उनकी पत्नी उमा देवी और बेटी निहारिका ने इंडिया टीवी के साथ करते हुए बिहार सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। उन्होंने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से इस मामले में दखल देने की अपील की है। गोपालगंज के डीएम की हत्या के आरोप में आनंद मोहन को उम्रकैद की सजा हुई थी लेकिन बिहार सरकार ने नियमों को बदलते हुए आज सुबह आनंद मोहन को रिहा कर दिया।
समाज में सही संदेश नहीं जाएगा
जी कृष्णैय्या का परिवार इस फैसले से बेहद नाराज है। कृष्णैय्या की पत्नी उमा देवी ने कहा कि इस तरह फैसले से समाज में सही संदेश नहीं जाएगा और अधिकारियों का मनोबल गिरेगा। वहीं उनकी बेटी ने इस सवाल पर कि आनंद मोहन का परिवार भी पिछले कई वर्षों से दुख झेल रहा है, कहा कि दोनों परिवारों के दर्द की तुलना नहीं हो सकती।
आनंद मोहन सुबह 6.15 बजे रिहा
बता दें कि आनंद मोहन को आज जेल से रिहा कर दिया गया है। उन्हें सुबह 6:15 बजे ही जेल से रिहा कर दिया गया। आनंद मोहन की रिहाई के दौरान अधिक भीड़ होने की आशंका जताई जा रही थी, लिहाजा एहतियात बरतते हुए प्रशासन ने ये फैसला लिया और उन्हें सुबह ही जेल से छोड़ दिया। बिहार सरकार ने हाल ही में आनंद मोहन के सहित 27 दोषियों को रिहा करने की अनुमति देते हुए जेल नियमों में संशोधन किया था।
दलित समुदाय से थे जी कृष्णैया
तेलंगाना में जन्मे आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया दलित समुदाय से थे। वह बिहार में गोपालगंज के जिलाधिकारी थे और 1994 में जब मुजफ्फरपुर जिले से गुजर रहे थे तभी भीड़ ने पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी थी। हत्या की घटना के वक्त आनंद मोहन मौके पर मौजूद थे, जहां वह गैंगस्टर छोटन शुक्ला की शवयात्रा में शामिल हो रहे थे। शुक्ला की मुजफ्फरपुर शहर में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।
रेप का दोषी पूर्व विधायक राजवल्लभ यादव भी रिहा
आनंद मोहन के अलावा, जिन अन्य लोगों की रिहाई का आदेश दिया गया है उनमें राजद के पूर्व विधायक राज वल्लभ यादव, जद(यू) के पूर्व विधायक अवधेश मंडल शामिल हैं। यादव को एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया गया है, जबकि मंडल कई आपराधिक मामलों में नामजद है। मंडल की पत्नी बीमा भारती एक पूर्व मंत्री हैं।