प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केरल दौरे के अपने दूसरे दिन तिरुवनंतपुरम सेंट्रल रेलवे स्टेशन से वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. यह केरल की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का, मंगलवार को केरल की राजधानी पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया. विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने और वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने सहित कई परियोजनाओं की शुरुआत करने के सिलसिले में वे यहां पहुंचे हैं. तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनरई विजयन और तिरुवनंतपुरम के सांसद तथा कांग्रेस नेता शशि थरूर ने उनका स्वागत किया. यहां से रेलवे स्टेशन की उनकी यात्रा एक रोड शो की तरह थी, क्योंकि हजारों लोग उनका स्वागत करने के लिए घंटों पहले से ही सड़कों के किनारे कतार में खड़े थे. लोगों ने उनके काफिले पर फूलों की बारिश भी की.
पीएम मोदी ने सुबह साढ़े दस बजे तिरूवनंतपुरम सेंट्रल रेलवे स्टेशन से ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या एक से वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने से पहले, उन्होंने ट्रेन की एक कोच के अंदर स्कूली बच्चों के एक समूह के साथ बातचीत की. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनरई विजयन और कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी ट्रेन के अंदर छात्रों के साथ बातचीत करते हुए पीएम मोदी के साथ मौजूद रहे.
बच्चों ने इस दौरान पीएम मोदी को उनके द्वारा बनाई गई प्रधानमंत्री और वंदे भारत एक्सप्रेस की पेंटिंग भी दिखाईं. पीएम मोदी जब ट्रेन को हरी झंडी दिखा रहे थे, उस समय विपरीत दिशा के प्लेटफॉर्म पर भी बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए.
वंदे भारत एक्सप्रेस राज्य की राजधानी को केरल के उत्तरी कासरगोड जिले से जोड़ेगी. इसे कई लोगों द्वारा राज्य की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार के महत्वाकांक्षी सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोर, सिल्वरलाइन के विकल्प के रूप में पेश किया गया है. वंदे भारत ट्रेन 11 जिलों अर्थात् तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, कोट्टायम, एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, पठानमथिट्टा, मलप्पुरम, कोझिकोड, कन्नूर और कासरगोड को कवर करेगी. वंदे भारत एक्सप्रेस एक स्वदेश निर्मित, सेमी-हाई-स्पीड, स्व-चालित ट्रेन सेट है. ट्रेन में अत्याधुनिक यात्री सुविधाएं हैं, जो यात्रियों को तेज, अधिक आरामदायक और अधिक सुविधाजनक यात्रा अनुभव प्रदान करती हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा की कुछ दिन पहले ही मलयाली नववर्ष शुरु हुआ है। आपने बहुत उत्साह और उमंग के साथ विशु उत्सव मनाया है। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। मुझे बहुत खुशी है कि उल्लास के इस माहौल में मुझे केरला के विकास के उत्सव से जुड़ने का मौका मिला है। आज केरला को अपनी पहली वंदेभारत ट्रेन मिली है। आज कोच्चि को वॉटर मेट्रो की नई सौगात मिली है, रेलवे से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट्स मिले हैं। कनेक्टिविटी के साथ-साथ आज केरला के विकास से जुड़े और भी प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। विकास के इन सभी प्रोजेक्ट्स के लिए केरला के लोगों को बहुत-बहुत बधाई।
केरला, बहुत ही जागरूक, समझदार और शिक्षित लोगों का प्रदेश है। यहां के लोगों का सामर्थ्य, यहां के लोगों की विनम्रता, उनका परिश्रम, उनकी एक विशिष्ट पहचान बनाता है। आप सभी, देश-विदेश की परिस्थितियों से भी भलीभांति परिचित रहते हैं। इसलिए आज आप ये भी भली-भांति जानते हैं कि दुनियाभर के देशों में क्या हालत हैं, उनकी अर्थव्यवस्था किस स्थिति से गुजर रही है। इन वैश्विक हालातों के बीच भी दुनिया भारत को विकास का ब्राइट स्पॉट मान रही है, भारत के विकास की संभावनाओं को स्वीकार कर रही है।
भारत पर दुनिया के इस मजबूत भरोसे के पीछे अनेक कारण हैं। पहला, केंद्र में एक निर्णायक सरकार, भारत के हित में बड़े फैसले लेने वाली सरकार, दूसरा- केंद्र सरकार द्वारा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर अभूतपूर्व निवेश। तीसरा- अपनी डेमोग्राफी यानि युवाओं के स्किल पर इंवेस्टमेंट। और चौथा- ease of living और ease of doing business को लेकर केंद्र सरकार का कमिटमेंट। हमारी सरकार कॉपरेटिव फेडरेलिज्म पर बल देती है, राज्यों के विकास को देश के विकास का सूत्र मानती है। केरला का विकास होगा, तो भारत का विकास और तेज होगा, हम इस सेवा भावना के साथ काम कर रहे हैं। आज भारत की विश्व में जो साख बढ़ी है, उसमें एक बड़ी भूमिका केंद्र सरकार द्वारा Global Outreach के प्रयास की भी है। और इसका बहुत बड़ा फायदा केरला के उन लोगों को भी मिला है, जो बाहर दूसरे देशों में रहते हैं। मैं जब भी कहीं बाहर जाता हूं तो अक्सर मेरी मुलाकात केरला के लोगों से भी होती है। भारत की बढ़ती हुई शक्ति, भारत की बढ़ती हुई ताकत का बहुत बड़ा लाभ विदेश में रहने वाले इंडियन डायस्पोरा को भी मिल रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा की बीते 9 वर्षों में भारत में कनेक्टिविटी के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अभूतपूर्व स्पीड और अभूतपूर्व स्केल पर काम किया जा रहा है। इस साल के बजट में भी हमने 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक, इंफ्रा पर खर्च करना तय किया है। आज हम देश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स सेक्टर का पूरी तरह से कायाकल्प कर रहे हैं। हम भारतीय रेल के स्वर्णिम युग की तरफ बढ़ रहे हैं। 2014 से पहले केरला के लिए जो औसतन रेल बजट रहता था, अब उसमें 5 गुना से भी ज्यादा वृद्धि की ऑलरेडी हमने व्यवस्था कर दी है। पिछले 9 वर्षों में केरला में गेज परिवर्तन, डबलीकरण और इलेक्ट्रीफिकेशन के अनेकों प्रोजेक्ट पूरे हुए हैं। आज भी तिरुवनंतपुरम सहित केरला के तीन स्टेशनों को आधुनिक बनाने का काम शुरु हुआ है। ये स्टेशन सिर्फ रेलवे स्टेशन ही नहीं है, बल्कि मल्टीमोडल ट्रांसपोर्ट हब बनेंगे। वंदेभारत एक्सप्रेस जैसी आधुनिक ट्रेन भी Aspirational India की पहचान है। आज हम ये सेमी-हाईस्पीड ट्रेन इसलिए चला पा रहे हैं क्योंकि भारत का रेल नेटवर्क तेजी से बदल रहा है, अधिक स्पीड के लिए तैयार हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा की अभी तक जितनी भी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चली हैं, उनकी एक विशेषता ये भी है कि वो हमारे सांस्कृतिक, आध्यामिक और पर्यटन स्थलों को भी जोड़ रही हैं। केरला की पहली वंदे भारत ट्रेन भी नॉर्थ केरला को साउथ केरला से जोड़ेगी। इस ट्रेन की मदद से कोल्लम, कोट्टयम, एरणाकुलम, त्रिशूर, कोड़िक्कोड और कन्नूर जैसे तीर्थस्थलों तक आना-जाना और आसान हो जाएगा। आधुनिक सुविधाओं से लैस ये वंदेभारत ट्रेन, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना तेज़ गति से यात्रा का शानदार अनुभव देगी। आज तिरुवनंतपुरम-शोरानुर सेक्शन को भी सेमी-हाईस्पीड ट्रेनों के लिए तैयार करने के प्रोजेक्ट पर काम शुरु हुआ है। जब ये काम पूरा हो जाएगा तो तिरुवनंतपुरम से लेकर मंगलौर तक भी हम सेमी-हाईस्पीड ट्रेन चल पाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा की देश के पब्लिक ट्रांसपोर्ट को, अर्बन ट्रांसपोर्ट को आधुनिक बनाने के लिए हमने एक और दिशा में भी काम किया है। हमारा प्रयास स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल मेड इन इंडिया समाधान देने का है। सेमी-हाई स्पीड ट्रेन हो, रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम हों, रो-रो फेरी हों, रोपवे हों, जहां जैसी ज़रूरत वहां वैसा सिस्टम तैयार किया जा रहा है। आज आप देखिए, वंदे भारत एक्सप्रेस मेड इन इंडिया है। आज देशभर के अनेक शहरों में जो मेट्रो का विस्तार हो रहा है, वो मेक इन इंडिया के तहत हैं। छोटे शहरों में मेट्रो लाइट और अर्बन रोपवे जैसे प्रोजेक्ट्स भी बनाए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा की कोच्चि वॉटर मेट्रो का जो प्रोजेक्ट है, वो भी मेड इन इंडिया है, यूनीक है। इसके लिए जो ज़रूरी Boats बनाई गई हैं, उसके लिए मैं कोच्चि शिपयार्ड को भी बधाई देता हूं। वॉटर मेट्रो से कोच्चि के इर्दगिर्द के अनेक द्वीपों में रहने वाले साथियों को सस्ता और आधुनिक ट्रांसपोर्ट मिलेगा। ये जेटी बस टर्मिनल और मेट्रो नेटवर्क के बीच इंटर मोडल कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगी। इससे कोच्चि की ट्रैफिक समस्याएं भी कम होंगी और बैकवॉटर टूरिज्म को भी नया आकर्षण मिलेगा। मुझे विश्वास है, केरला में हो रहा ये प्रयोग देश के अन्य राज्यों के लिए भी मॉडल बनेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा की फिजिकल कनेक्टिविटी के साथ-साथ डिजिटल कनेक्टिविटी की भी आज देश की प्राथमिकता है। मैं डिजिटल साइंस पार्क जैसे प्रोजेक्ट की सराहना करूंगा। ऐसे प्रोजेक्ट डिजिटल इंडिया को विस्तार देंगे। बीते कुछ वर्षों में ही भारत ने जो डिजिटल सिस्टम बनाया है, उसकी पूरी दुनिया में चर्चा है। जो डिजिटल व्यवस्थाएं भारत ने विकसित की हैं, वो देखकर दुनिया के विकसित देश भी हैरान हैं। भारत ने 5G की टेक्नोलॉजी उसपे भी खुद से ही विकसित की है और इससे इस क्षेत्र में नई संभावनाओं का विस्तार हुआ है, नए डिजिटल प्रोडक्टस के लिए रास्ते खुले हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा की Connectivity पर किया गया Investment सिर्फ सुविधा नहीं बढ़ाता है, बल्कि ये दूरियों को भी कम करता है, अलग-अलग कल्चर्स को भी कनेक्ट करता है। सड़क हो, रेल हो, या अमीर-गरीब, जाति-मत-पंथ उसका भेद भी नहीं करते। सभी इसका उपयोग करते हैं और यही सही विकास है। यही एक भारत श्रेष्ठ भारत के भाव को सशक्त करता है। यही हम आज भारत में होते हुए देख रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा की केरला के पास देश और दुनिया को देने के लिए बहुत कुछ है। यहां Culture है, Cuisine है और बेहतर climate है और इसमें ही समृद्धि का सूत्र जुड़ा हुआ है। आपने देखा होगा, कुछ दिन पहले कुमाराकॉम में G-20 से जुड़ी मीटिंग हुई है। G-20 की और भी कई बैठकें केरला में हो रही हैं। इसका लक्ष्य भी दुनिया को केरला से और ज्यादा परिचित कराने का है। केरला के माट्टा राइस और कोकोनट के अलावा रागी पुट्टु जैसे श्री अन्न भी प्रसिद्ध हैं। आज हम भारत के श्री अन्न को पूरी दुनिया तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। केरला में जो भी उत्पाद हमारे किसान, हमारे हस्तशिल्पी बनाते हैं, उनके लिए हमें वोकल होना है। जब हम वोकल फॉर लोकल होंगे, तभी दुनिया हमारे प्रोडेक्ट्स को लेकर वोकल होगी। जब हमारे प्रोडक्ट्स दुनिया तक पहुंचेंगे, तो विकसित भारत के निर्माण का रास्ता और सशक्त होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा की आपने देखा है, मैं अक्सर मन की बात में भी केरला के लोगों द्वारा, यहां के सेल्फ हेल्प ग्रुप द्वारा बनाए गए Products की चर्चा करता रहता हूं। कोशिश यही है कि हमें लोकल के लिए वोकल होना है। इस रविवार को मन की बात का सौंवा एपिसोड ब्रॉडकास्ट होने जा रहा है। मन की बात की ये सेंचुरी, राष्ट्र निर्माण में हर देशवासी के प्रयासों को समर्पित है, एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को भी समर्पित है। विकसित भारत के निर्माण के लिए हम सभी को जुटना है। वंदे भारत एक्सप्रेस और कोच्चि वॉटर मेट्रो जैसे प्रोजेक्ट से इसमें बहुत मदद मिलेगी। आप सभी को विकास के सभी प्रोजेक्ट्स के लिए फिर से एक बार बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
पीएम मोदी ने वॉटर मेट्रो की कल तस्वीरें जारी की थीं। उन्होंने बताया कि कोच्चि वाटर मेट्रो शहर के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में अहम साबित होगी। इस परियोजना को केरल के लिए ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केरल में भारत की पहली ‘वॉटर मेट्रो रेल सेवा’ का लोकार्पण किया। ये सेवा ऐसे शहरों के लिए बेहद उपयोगी मानी जा रही है, जहां पारंपरिक मेट्रो रेल में कई बाधाएं हैं। आइए जानते हैं कि वॉटर मेट्रो रेल सेवा से जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारियां-
कोच्चि वॉटर मेट्रो शहर के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में अहम साबित होगी। करीब 1,136 करोड़ रुपये की परियोजना को केरल के लिए ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जा रहा है। यह शहर में सार्वजनिक परिवहन व पर्यटन के जरिये आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दे सकेगा।
वॉटर मेट्रो कोच्चि व आस-पास के दस द्वीपों के बीच शुरू हो रही है। पहले चरण में कोच्चि वॉटर मेट्रो हाई कोर्ट-वाइपिन टर्मिनल और विट्टिला-कक्कनाड टर्मिनल के बीच शुरू होगी
वॉटर मेट्रो पर सफर के लिए न्यूनतम किराया 20 रुपये है, जो लोग नियमित यात्री होंगे वह बस या लोकल ट्रेन की तरह साप्ताहिक और मासिक पास भी ले सकते हैं। बता दें, साप्ताहिक किराया 180 रुपये, जबकि मासिक 600 रुपये वहीं, त्रैमासिक किराया 1,500 रुपये होगा। इतना ही नहीं यात्री कोच्चि मेट्रो ट्रेन और वॉटर मेट्रो में एक ही स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल कर सफर कर सकेंगे। टिकट बुक करने के लिए आप कोच्चि वन ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
वॉटर मेट्रो के रूप में चलाई जाने वाली बोट्स को कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड ने बनाया है। इस प्रोजेक्ट को केरल की सरकार ने जर्मनी की KFW के साथ मिलकर फंड किया है। करीब 1,137 करोड़ रुपये इस पर खर्च हुए हैं।
वॉटर मेट्रो की शुरुआत पहले 8 इलेक्ट्रिक हाइब्रिड बोट्स से होगी फिर बाद में इनकी संख्या बढ़ा दी जाएगी।
मेट्रो ट्रेन की तरह यह पूरी तरह वातानुकूलित होंगी और रोजाना 15 मिनट के अंतराल पर 12 घंटे तक सेवाएं देंगी। अभी शुरुआत में 23 नावें व 14 टर्मिनल हैं। वहीं, प्रत्येक मेट्रो में 50 से 100 यात्री बैठ सकते हैं।
अब शहर की जरूरत के अनुसार परिवहन प्रणाली
मेट्रो लाइट : गोरखपुर, जम्मू में
अनुभव, आराम, सुविधाएं, समयबद्धता, विश्वसनीयता, सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण पारंपरिक मेट्रो की तरह।
जम्मू, श्रीनगर, गोरखपुर जैसे टियर-2 व छोटे शहरों के लिए।
एक समय में अधिकतम 15 हजार लोगों को सेवाएं।
40% कम लागत पारंपरिक मेट्रो से।
मेट्रो नियो : नासिक में
रबर के पहियों वाली यह मेट्रो सेवा ओवरहेड ट्रैक्शन लाइन से बिजली लेकर रोड स्लैब पर चलाई जाएंगी। पारंपरिक मेट्रो जैसी सुविधाएं।
नासिक में तैयारी। इलेक्ट्रिक बस ट्रॉली की तरह होगी।
एक समय में अधिकतम आठ हजार यात्रियों को ले जाएगी।
स्थानीय तीव्र परिवहन प्रणाली : एनसीआर, मेरठ में
देश में पहली बार स्थानीय स्तर पर तीव्र परिवहन प्रणाली या आरआरटीएस के जरिये दो शहरों को मेट्रो से जोड़ने की योजना बनाई गई है।
एनसीआर-मेरठ के लिए। स्थानीय स्तर पर विकास को तेजी की उम्मीद की जा रही है। नागरिकों को भी बेहतर परिवहन सेवाएं मिल सकेंगी।