कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मोदी सरनेम केस में सूरत सेशंक कोर्ट से राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने राहुल गांधी की अर्जी खारिज कर दी है। 2019 में राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर अपने भाषण में टिप्पणी की थी जिसे लेकर मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। इसी केस में निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने और सजा मिलने के बाद राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द कर दी गई थी। राहुल गांधी ने इसी फैसले पर रोक लगाने के लिए सेशंस कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
राहुल की याचिका पर सूरत की सेशन कोर्ट में 3 अप्रैल को सुनवाई हुई थी। तब राहुल को उनकी याचिका पर फैसले तक जमानत दी गई थी। इसके बाद 13 अप्रैल को सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
यह केस 2019 में बेंगलुरू में चुनावी रैली के दौरान दिए गए राहुल के बयान से जुड़ा है। राहुल ने रैली में कहा था कि हर चोर का सरनेम मोदी क्यों होता है। इस बयान पर गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का केस दाखिल किया था। इसी साल 23 मार्च को अदालत ने फैसला सुनाया था। अगले दिन उनकी सांसदी रद्द कर दी गई थी।
सजा के खिलाफ याचिका पर राहुल और विरोधी पक्ष की दलीलें
राहुल गांधी: सुनवाई के दौरान राहुल के वकील आरएस चीमा ने एडिशनल सेशन कोर्ट जज आरपी मोगेरा को दलील दी थी कि मानहानि का केस उचित नहीं था। केस में अधिकतम सजा की भी जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा था- सत्ता एक अपवाद है, लेकिन कोर्ट को सजा के परिणामों पर विचार करना चाहिए। विचार करना चाहिए कि क्या दोषी को ज्यादा नुकसान होगा। ऐसी सजा मिलना अन्याय है।
मानहानि का केस करने वाले पूर्णेश मोदी: उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी बार-बार मानहानि वाले बयान देने के आदी हैं।
सूरत कोर्ट से राहुल की 3 अपील
1. मुख्य याचिका: निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई। इस पर 3 मई को सुनवाई होगी।
2. पहला आवेदन: सजा पर रोक (स्टे) की मांग की गई। कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए राहुल को अंतरिम जमानत दी। कोर्ट ने कहा कि यह जमानत इस अर्जी पर फैसला आने तक रहेगी।
3. दूसरा आवेदन: इसमें दोषसिद्धि (कन्विक्शन) पर स्टे की मांग की गई। इस पर कोर्ट ने कहा कि दूसरे पक्ष को सुने बगैर कोई आदेश पारित नहीं किया जा सकता। आज इसी पर सुनवाई हो रही है।
सजा के बाद 24 मार्च को केरल के वायनाड से सांसद राहुल की सदस्यता रद्द कर दी गई थी। सजा के ऐलान के कुछ देर बाद ही उन्हें 30 दिन की जमानत दे दी गई थी।
लोकसभा हाउसिंग कमेटी ने 27 मार्च को बंगला खाली करने के लिए राहुल को नोटिस भेजा। कमेटी ने उन्हें 22 अप्रैल तक 12 तुगलक रोड का सरकारी आवास खाली करने को कहा। राहुल ने बंगला खाली कर सोनिया गांधी के आवास में रहने का फैसला किया है। उनका सामान भी शिफ्ट हो चुका है।