आत्महत्या के प्रयासों को अपराध के दायरे में रखने वालों को महसूस होने लगा है कि ऐसे लोगों को दंडि़त करने से उन्हें आत्महत्या से नहीं रोका जा सकता। बल्कि वे अपनी इस मानसिक हालत को बताने से कतराता है। आत्महत्या का प्रयास करने को अब मलेशिया भी अपराध से बाहर करने के लिए समीक्षा कर रहा है। दुनिया के बीस देशों में अभी भी यह अपराध माना जा रहा है। जिन देशों में आत्महत्या के प्रयासों का गैर–अपराधीकरण हुआ‚ वहां मिला–जुला असर देखने को मिला। विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार‚ सात लाख से अधिक लोगों ने २०१९ में विश्व में खुदकुशी की। हर एक लाख में नौ की मौत का कारण आत्महत्या थी। जो २००० में हर एक लाख में चौदह थी। आत्महत्या मनोवैज्ञानिक समस्या है। यह स्थिति नहीं है‚ परिस्थिति है। अपने देश में तेजी से आत्महत्या के मामले बढते जा रहे हैं। बीते साल सरकारी आंकड़़ों के अनुसार हर रोज ४५० लोगों ने आत्महत्या की। हर लाख लोगों में बारह आत्महत्या करते हैं। ये संख्या जिंदगी खत्म करने वालों की है। जो इसकी कोशिश हैं‚ उनकी संख्या तो इससे बहुत ज्यादा है। भारत में आईपीसी की धारा ३०९ को खत्म कर दिया गया‚ जिसके अनुसार अब खुदकुशी का प्रयास करने वालों को कोई सजा नहीं होगी। पहले इसमें एक साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान था। कोविड़ महामारी के बाद सारी दुनिया में आत्महत्याओं के मामले बढेÃ हैं। लोगों में अवसाद घर कर रहा है। विशेषज्ञ कहते हैं‚ अपने करीबियों‚ परिवार वालों‚ मित्रों की बातों‚ उनकी हरकतों और विचारों को गंभीरता से लेना सीखना चाहिए। क्योंकि कोई भी शख्स जो अपनी जान लेने पर उतारू हो जाता है‚ वह लगातार संकेत देता है। वह जिंदगी से उकता जाता है। कारण कोई हो। पढाई का बोझ‚ प्रेम पीड़़ा‚ संबंध विच्छेदन‚ बेरोजगारी‚ आर्थिक दिक्कतें‚ लंबी बीमारी‚ घरेलू कलह व नशेबाजी के चलते लोग अपनी जान लेने पर उतारू हो जाते हैं। इनकी मनोदशा का सम्मान करते हुए‚ समझदारी दिखानी चाहिए। हकीकत है‚ जैसे–जैसे शिक्षा का दायरा बढ रहा है। लोगों में जागरूकता आ रही है। अब मनोचिकित्सक के पास जाना सामान्य हो रहा है। लोग आत्महत्या का प्रयास करने वाले या इस बारे में सोचने वाले के प्रति बदल रहे हैं। खुदकुशी करने वाला अपराधी नहीं है‚ बल्कि स्थितियां या मानसिक जकड़़न ने उसे इस मुहाने पर ला पटका। हम चाहें तो उसे बचा सकते हैं।
GST काउंसिल की बैठक आज, इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले GST सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर होगी चर्चा
GST काउंसिल की आज यानी 9 सितंबर को बैठक होगी. इस बैठक में इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले GST सहित...