केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को नवादा के हिसुआ में जनसभा को संबोधित करेंगे. उनके दौरे के पहले जदयू ने भाजपा और अमित शाह से बड़ी मांग करते हुए एक पुराने वादे का स्मरण कराया है. जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि अमित शाह नवादा के हिसुआ आ रहे हैं. हिसुआ विधानसभा के ही खनवॉं में बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री और आधुनिक बिहार निर्माता श्री कृष्ण सिंह की जन्मस्थली है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो हिसुआ – खनवॉं में शानदार जानदार संस्थान स्थापित किया है. नीरज ने अमित शाह से पूछा कि क्या आप श्री बाबू को भारत रत्न देने की घोषणा करेंगे? या फिर क्या स्वामी सहजानन्द सरस्वती जी की तरह यह भी ठगे जाऐंगे?
दरअसल, अंग्रेजों के दौर में किसान आंदोलन के जनक रहे स्वामी सहजानन्द सरस्वती को पिछले वर्षों के दौरान कई बार भाजपा नेताओं ने भारत रत्न दिलाने की सार्वजनिक घोषणा की. लेकिन, आज तक उन्हें भारत रत्न नहीं मिला. अब उसी तर्ज पर कुछ भाजपा नेताओं की ओर से श्री बाबू को भी भारत रत्न दिलाने की बात भी कही जा रही है. इसलिए जदयू प्रवक्ता ने अमित शाह को याद दिलाया है कि आप जिस हिसुआ में आ रहे हैं, वहीं श्री कृष्ण सिंह की जन्मस्थली है. तो क्या आप हिसुआ की रैली से श्रीबाबू को भारत रत्न देने की घोषणा करेंगे. या फिर इनका हश्र भी स्वामी सहजानन्द सरस्वती वाला ही करेंगे जिन्हें कई मौके पर भारत रत्न दिलाने की मांग का समर्थन भाजपा नेताओं ने किया लेकिन आज तक वह वादा पूरा नहीं हुआ.
अमित शाह 1 अप्रैल की शाम ही पटना पहुंच चुके हैं. वे पहले सासाराम और नवादा में जनसभा को समबोधित करने वाले थे. लेकिन सासाराम की हिंसा के बाद वहां की रैली को भाजपा ने रद्द कर दिया. अब वे सिर्फ नवादा के हिसुआ में जनसभा को संबोधित करेंगे. इसे लेकर जदयू ने अमित शाह को निशाने पर लिया है. उनसे उस मांग को पूरा करने कहा है जिसे लेकर लम्बे अरसे से कई भाजपा नेता भी सार्वजनिक मंचों पर बोलते रहे हैं.
अमित शाह इससे पहले 25 फरवरी को पटना में सहजानंद सरस्वती की जयंती के अवसर पर आयोजित किसान समागम में भी भाग लिया. इस आयोजन में अमित शाह ने बिहार के सवर्ण वोटरों को साधने की कोशिश की . उम्मीद थी कि उस दौरान वे सहजानंद सरस्वती को भारत रत्न दिलाने की घोषणा करेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब वे हिसुआ आ रहे हैं तो एक बार फिर से जदयू ने उन्हें याद दिलाया है कि आप यहां श्रीकृष्ण बाबू के लिए भारत रत्न देने की घोषणा करेंगे या उन्हें भीसहजानंद सरस्वती की तरह ठगेंगे.