नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में बुधवार को राऊज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई ने कहा की इस मामले में वो 2 से 3 हफ्ते में पूरक आरोपपत्र दाखिल करेगी। वही आज अदालत में राबड़ी देवी और मीसा भारती मौजूद रही, जबकि लालू प्रसाद यादव ने स्वास्थ्य के आधार पर पेशी से छूट मांगी थी। अदलात 8 मई को मामले की अगली सुनवाई करेगा।
क्या होगा आज सीबीआई कोर्ट में
2004 से 2009 के बीच रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने के इस केस में सीबीआई कोर्ट में सुनवाई के लिए आज का दिन अहम है। अदालत में आज इस केस में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती पर आरोप तय करने के बिंदु पर बहस होगी। सीबीआई ने इस मामले में अपनी इन्वेस्टिगेशन के बाद लालू परिवार के साथ 16 और लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया था। इसी केस में पिछले 6 मार्च को राबड़ी देवी और 7 मार्च को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से भी सीबीआई ने पूछताछ की थी। इसी केस में 10 मार्च को ED (Enforcement Directorate) ने तेजस्वी यादव के दिल्ली आवास समेत कई जगहों पर छापेमारी की थी। इसमें लालू यादव के एक समधी का ठिकाना भी शामिल था।
रेल में नौकरी के बदले जमीन का केस
ये पूरा केस साल 2004 से 2009 के बीच का है। इस दौरान लालू प्रसाद यादव केंद्र में रेल मंत्री थे। आरोप है कि ग्रुप डी की बहाली में इस दौरान जमकर धांधली की गई। लोगों को रेलवे में गलत तरीके से नौकरी दी गई और इसके बदले में उनकी जमीन लिखवा ली गई।
लालू- राबड़ी मिल चुकी है जमानत
15 मार्च, 2023 को राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती को 50-50 हजार के निजी मुचलके में जमानत दी जा चुकी है, लेकिन तेजस्वी यादव कोर्ट में प्रस्तुत नहीं हुए थे और बाद में दिल्ली हाईकोर्ट से झटका मिलने के बाद तेजस्वी यादव सीबीआई के समक्ष पेश हुए. हालांकि, उनकी गिरफ्तार पर दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा रोक लगा दी गई थी. वहीं, सीबीआई ने भी दिल्ली हाईकोर्ट में ये बात सुनवाई के दौरान कह ही दी थी कि तेजस्वी से वह सिर्फ पूछताछ करेगी, उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी.
सीबीआई ने दर्ज किया था केस
सीबीआई ने तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों और 15 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिनमें अज्ञात लोक सेवक और निजी व्यक्ति शामिल थे. एक अधिकारी ने कहा, 2004-2009 की अवधि के दौरान, उन्होंने रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह डी पदों पर नियुक्ति के बदले में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन-जायदाद के हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया. सीबीआई के मुताबिक, जोनल रेलवे में स्थानापन्न की ऐसी नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था, फिर भी पटना के निवासी नियुक्तियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था. इस कार्यप्रणाली को जारी रखते हुए, लगभग 1,05,292 वर्ग फीट जमीन, पटना में स्थित अचल संपत्ति लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा पांच बिक्री विलेखों और दो उपहार विलेखों के माध्यम से अधिग्रहित की गई थी, जिसमें अधिकांश भूमि हस्तांतरण में विक्रेता को नकद में किए गए भुगतान को दशार्या गया था.
2022 में भी कार्रवाई
बता दें कि इसी मामले में पहले भी लालू यादव के ठिकानों पर कार्रवाई हो चुकी है. मई 2022 में लालू के परिजनों से जुड़े 17 ठिकानों पर CBI की टीम ने छापेमारी की थी. तभी CBI ने भ्रष्टाचार का नया केस दर्ज किया था. CBI के अनुसार लालू यादव के परिवार ने बिहार में 1 लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा जमीन महज 26 लाख रुपए में ली. ज्यादातर जमीन की खरीद का भुगतान कैश में किया गया. जिस वक्त ये जमीन ली गई उस वक्त जमीन की कीमत करीब 4.39 करोड़ रुपए थी.
क्या है IRCTC घोटाला?
-लालू यादव पर IRCTC घोटाले का आरोप
-लालू के रेलमंत्री रहने के दौरान घोटाला
-लालू पर रेलमंत्री रहते पद का दुरुपयोग का आरोप
-SHPL को दो होटल लीज पर देने का आरोप
-विनय कोचर और विजय कोचर थे SHPL के मालिक
-IRCTC के रांची-पुरी में लीज पर दिये थे दो होटल
-बदले में लालू परिवार को मिली पटना में 3 एकड़ जमीन
-होटल देने के एवज में कथित तौर पर मिली कीमती जमीन
-डिलाइट कंपनी को SHPL से मिली कथित तौर पर जमीन
-राबड़ी-तेजस्वी की लारा प्रोजेक्ट कंपनी ने डिलाइट कंपनी से ली जमीन
-बेहद कम कीमत पर डिलाइट कंपनी से लारा प्रोजेक्ट ने खरीदी जमीन
-आरजेडी नेता प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता के नाम पर डिलाइट कंपनी
-2006 के घोटाले में CBI ने राबड़ी-तेजस्वी से कई बार की पूछताछ
-CBI ने 2017 में लालू,राबड़ी, तेजस्वी समेत 16 पर मामला दर्ज
-सीबीआई ने 2017 में सभी के खिलाफ किया मुकदमा दर्ज
-2018 में सभी को मिल गई कोर्ट से जमानत
-CBI के बाद ED ने भी मामले में चार्जशीट दाखिल की