प्रयागराज (Prayagraj) की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने उमेश पाल अपहरण केस (Umesh Pal Kidnapping Case) में अपना फैसला सुना दिया है. 17 साल पुराने अपहरण के इस मामले में कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई समेत 10 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है. कोर्ट ने मंगलवार की दोपहर में अपना फैसला सुनाया है.
उमेश पाल (Umesh Pal) की किडनैपिंग के 17 साल पुराने केस में माफिया अतीक अहमद (Atique Ahmed) को दोषी करार दे दिया गया है। प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया को उम्रकैद की सजा दी है। 2006 में हुए केस के अतीक सहित 3 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। साथ ही एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं उसके भाई अशरफ (Ashraf) सहित 7 को दोषमुक्त करार दिया गया है। अतीक और उसका भाई सजा सुनते ही रोने लगे। MP-MLA कोर्ट ने 17 साल पुराने केस में अतीक के साथ ही शौकत हनीफ और दिनेश पासी को दोषी करार दिया गया है। दरअसल, बसपा विधायक राजू पाल की हत्या केस में गवाह रहे उमेश पाल का अपहरण कर लिया गया था। उनके साथ मारपीट भी हुई थी। 2006 में पुलिस में शिकायत के बाद यह मामला अदालत में चल रहा था।
तीक के साथ सभी 10 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। मंगलवार को प्रयागराज के एमपी-एमएलए कोर्ट में अतीक को पेश किया गया था। उसके भाई अशरफ और एक अन्य आरोपी फरहान को भी कोर्ट में पेश किया गया था। एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में दिनेश चंद्र शुक्ला की कोर्ट में मामले में अहम सुनवाई हुई।अतीक के साथ ऐसा पहली बार है, जब उसे किसी मामले में दोषी ठहराया गया है। उसके ऊपर 100 से ज्यादा केस थे लेकिन अभी तक किसी भी मुकदमे में उसे दोषी नहीं ठहराया गया था।
उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के रहने वाले जस्टिस दिनेश चंद्र शुक्ला ने साल 2009 बैच के न्यायिक अधिकारी हैं। 1 जनवरी 1968 को जन्मे दिनेश शुक्ला ने बीकॉम, एमकॉम, एलएलबी और पीएचडी की डिग्री भी हासिल की है। न्यायिक सेवा में आने के बाद 21 अप्रैल 2009 को उन्होंने भदोही के ज्ञानपुर में बतौर ज्यूडिशल मैजिस्ट्रेट अपने करियर की शुरुआत की थी। साल 2011 में वह इलाहाबाद के अडिशनल सिविल जज (जूनियर डिविजन) के रूप में तैनात किए गए। इसके अलावा, उन्होंने एडीजे झांसी, अडिशनल डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज इलाहाबाद और मेरठ में डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी के सचिव के पद पर भी सेवाएं दी हैं। साल 2022 में उनकी तैनाती प्रयागराज के स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में हो गई, जिसके बाद से अब तक वो यहीं अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
प्रयागराज की स्पेशल कोर्ट में आने के बाद दिनेश शुक्ला ने कई महत्वपूर्ण और चर्चित मामलों में फैसला दिया है। हाल ही में योगी सरकार में मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को उन्होंने एक साल की सजा सुनाई थी। नंदी को यह सजा साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज एक मुकदमे में सुनाई गई थी। उन पर आरोप था कि उन्होंने सपा नेता रेवती रमण सिंह की जनसभा में हिंसक हमला किया था। नंदी आईपीसी की धारा 147 और 323 में दोषी करार दिए गए और उन्हें एक साल की कैद और 5 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई।सपा विधायक पर सुनाया फैसला
इसी साल प्रतापुर से सपा विधायक विजमा यादव को भी 22 साल पुराने एक मामले में दिनेश शुक्ला ने डेढ़ साल की सजा सुनाई है। साल 2000 के इस मामले में विजमा यादव और अन्य लोगों पर पुलिस की टीम पर हमला करने का आरोप लगा था। दिनेश शुक्ला की कोर्ट ने चार बार की सपा विधायक विजमा यादव को दोषी माना था और उन्हें डेढ़ साल की सजा सुनाई थी। विजमा और नंदी के बाद यह तीसरा मौका है, जब दिनेश शुक्ला किसी हाई प्रोफाइल मसले पर अपना फैसला सुनाएंगे।