जोशीमठ में जमीन धंसने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ पहुंचे और प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना किया। अपने दौरे के दौरान सीएम धामी पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। बता दें कि 6 जनवरी तक यहां 603 घरों में दरारें आ चुकी हैं। इनमें 100 से ज्यादा घर ऐसे हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं। इनमें 44 परिवारों को फिलहाल सुरक्षित जगह पर भेज दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, ISRO और ONGC की टीमें जोशीमठ का सर्व करेंगी।
जानकारी के मुताबिक, जोशिमठ में कम से कम 9 वार्डों में दरारें और भूमि धंसने की घटनाएं सामने आई हैं। बता दें कि जिला प्रशासन ने प्रभावित परिवारों के लिए 1271 लोगों की क्षमता वाले 229 कमरों की पहचान की है। सीएम धामी ने इससे पहले शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अधिकारियों के साथ जोशीमठ की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करने के बाद कहा, ‘लोगों की जान बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है।’
रोके गए सारे कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट
धंसते जोशीमठ से जुडे ताजा अपडेट्स
- केंद्र ने धंसते जोशीमठ का “तेजी से अध्ययन” करने के लिए एक विशेषज्ञ पैनल का गठन किया है. अधिकारियों ने कहा कि एक समिति बस्तियों, इमारतों, राजमार्गों, बुनियादी ढांचे और नदी प्रणालियों पर भूमि धंसने के प्रभावों का अध्ययन करेगी.
- उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी ने कहा, “जीवन बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है. अधिकारियों को जोशीमठ में घरों में रहने वाले लगभग 600 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए कहा गया है.” शहर के कई घरों में दरारें आ गयी हैं और वहां जमीन धंस रही है.
- डेंजर जोन, सीवर और ड्रेनेज के ट्रीटमेंट के काम में तेजी लाने का आदेश देते हुए मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जमीन पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो और लोगों को एयरलिफ्ट करने की व्यवस्था भी की जाए.
- जोशीमठ में शुक्रवार शाम को एक मंदिर ढह गया और कई घरों में बड़ी दरारें आ गईं, जिससे बड़ी आपदा के डर से यहां रह रहे लोग काफी चिंतित नजर आ रहे हैं.
- स्थानीय लोगों का कहना है कि जोशीमठ के मौजूदा हालात जलवायु परिवर्तन और निरंतर बुनियादी ढांचे में किए जा रहे विकास की देन है. वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक कालाचंद सेन ने कहा ये कारक हाल में सामने नहीं आये हैं, बल्कि इसमें बहुत लंबा समय लगा है.
- सीएम धामी ने कहा कि कस्बे में एक आपदा नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया जाना चाहिए, और राज्य और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल दोनों की पर्याप्त तैनाती होनी चाहिए. प्रभावित लोगों की मदद के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी.
- जोशीमठ प्रमुख हिंदू और सिख धार्मिक स्थलों जैसे बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब का प्रवेश द्वार है. यह चीन के साथ भारत की सीमा के पास प्रमुख सैन्य ठिकानों में से एक है. औली रोपवे का संचालन भी बड़ी दरार विकसित होने के बाद रोक दिया गया है.
- कस्बे का मारवाड़ी इलाका, जहां जमीन से पानी का रिसाव हो रहा है, वो जगह सबसे ज्यादा प्रभावित बताई जा रही है. क्योंकि इस जगह से पानी लगातार बड़ी तेजी के साथ नीचे बह रहा है.
- चारधाम ऑल वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना जैसी मेगा परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों को निवासियों की मांग पर अगले आदेश तक रोक दिया गया है.
- राज्य सरकार ने कहा है कि जिन लोगों के घर प्रभावित हुए हैं और उन्हें खाली करना है, उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से अगले छह महीने के लिए किराए के रूप में 4,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे.