अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की पूर्व अध्यक्ष नैन्सी पोलोसी की ताइवान यात्रा से उपजे तनाव का जख्म शी जिनपिंग के सीने से अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि नवनिर्वाचित अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी ने अपने एक बयान से चीन को फिर चिंता में डाल दिया है। केविन मैक्कार्थी के रुख ने जिनिपिंग की धड़कनों को बढ़ाने के साथ ही यह संकेत दे दिया है कि ताइवान ही नहीं, बल्कि अन्य मसले पर भी अमेरिका ड्रैगन को बख्शने वाला नहीं है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी ने शनिवार को कहा कि वह सार्वजनिक ऋण के मुद्दे पर गौर करेंगे। साथ ही सदन ‘‘चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के उभार’’ विषय पर चर्चा करेगा।
मैक्कार्थी (57) शनिवार को आधी रात के बाद हुए 15वें चरण के मतदान में सदन के नए अध्यक्ष चुने गए हैं। उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की नैन्सी पेलोसी (82) का स्थान लिया। आधी रात को हुए 15वें दौर के मतदान में मैक्कार्थी ने 52 वर्षीय हकीम सेकोउ जेफ्रीस को 216 के मुकाबले 212 मतों से हराया। अध्यक्ष के रूप में अपने पहले संबोधन में मैक्कार्थी ने कहा कि वह चाहते हैं कि अमेरिका चीन के साथ आर्थिक प्रतिस्पर्धा में जीत हासिल करे। उन्होंने अमेरिका की दीर्घकालिक चुनौतियों, ऋण और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के उभार विषय पर चर्चा करने की बात भी कही। साथ ही कांग्रेस को इन मुद्दों पर एक स्वर में बोलने की अपील की। चीन पर मैक्कार्थी के रुख से स्पष्ट है कि आने वाले समय में अमेरिका और चीन के बीच तनाव और बढे़गा।
चीन को लेकर बनाएंगे प्रवर समिति
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के लगातार उभार और शी जिनपिंग के बढ़ते कद की भी अमेरिका न सिर्फ समीक्षा करेगा, बल्कि इस पर पैनी नजर रखने के साथ ड्रैगन को मात देने और उसकी दादागीरी रोकने के तरीके भी खोजेगा। इस मामले में अमेरिका चीन को लेकर द्विदलीय प्रवर समिति का गठन भी करेगा। यह समिति इस बात पर गौर करेगी कि चीन जाने वाली सैकड़ों-हजारों नौकरियों को कैसे वापस लाया जाए। कम्युनिस्ट पार्टी के उभार और जिनपिंग की दादागीरी को कैसे रोका जाए। मैक्कार्थी ने कहा कि हम चीन से आर्थिक स्पर्धा को भी जीतेंगे। यह देश के भीतर एक दूसरे के बीच विश्वास बहाल करने का मौका है।
मैं‘‘उस भावना से किसी के भी साथ काम करूंगा, जो राष्ट्र के लिए, बेहतर भविष्य देने के लिए हमारे जुनून को साझा करता है। मुझे उम्मीद है कि आप मेरे साथ जुड़ेंगे क्योंकि कांग्रेस तभी काम कर सकती है जब हम सहयोग करें।’’ इतिहास में पांचवें सबसे लंबे मुकाबले के बाद मैक्कार्थी प्रतिनिधि सभा के 55वें अध्यक्ष गए हैं। उन्होंने 15 चरण के मतदान के बाद अध्यक्ष का चुनाव जीता। अमेरिका के इतिहास में सबसे लंबा मतदान 1855 में हुआ था, जो दो महीनों में 133 चरण तक चला था।
बाइडन ने दी बधाई
रिपब्लिकन पार्टी के नेता केविन मैक्कार्थी को शनिवार को ऐतिहासिक 15वें चरण के मतदान में अमेरिकी संसद के प्रतिनिधि सभा का अध्यक्ष चुन लिया गया, जिससे देश में पिछले कुछ समय से पैदा गतिरोध खत्म हो गया है। मैक्कार्थी (57) डेमोक्रेटिक पार्टी की 82 वर्षीय नैंसी पेलोसी का स्थान लेंगे जो आठ नवंबर को हुए मध्यावधि चुनाव के बाद सदन में बहुमत खो बैठी थीं। इस चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी ने 435 सदस्यीय सदन में 222 सीट जीती थीं, जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी ने 212 सीट जीती थीं।
राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रतिनिधि सभा का अध्यक्ष निर्वाचित होने पर मैक्कार्थी को बधाई दी और कहा कि यह वक्त जिम्मेदारीपूर्वक शासन करने का है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘जिल बाइडन (प्रथम महिला) और मैं, सदन का अध्यक्ष निर्वाचित होने पर केविन मैक्कार्थी को बधाई देते हैं। अमेरिकी लोग अपने नेताओं से इस तरीके से शासन करने की उम्मीद करते हैं जिससे किसी भी चीज से ऊपर उनकी जरूरतें रहें और हमें अभी यही करने की आवश्यकता है।