पंजाब के तरनतारन जिले के सरहाली थाने पर 9 दिसंबर की रात हुए RPG अटैक मामले की गुत्थी पंजाब पुलिस ने सुलझा ली है। पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि इस हमले का मास्टरमाइंड लखबीर सिंह लांडा है, जो कनाडा में छिपा बैठा है। पुलिस को इस आतंकी की लंबे अर्से से तलाश है। डीजीपी ने बताया कि उसने यूरोप के अपने दो हैंडलर सतबीर सत्ता और गुरदेव जस्सल के जरिए इस हमले को अंजाम दिया। इन लोगों की कड़ी अजमीत सिंह से जुड़ी है इन दिनों गोइंदवाल साहिब जेल में बंद है।
जानकारी के मुताबिक, इस हमले का मास्टर माइंड लखबीर लड़ा है। लड़ा ने 2 यूरोप स्थित हैंडलर्स-सतबीर सत्ता और गुरदेव जस्सल के माध्यम से इस हमले को अंजाम दिया। बता दें कि इस हमले को दो नाबालिग ने अंजाम दिया था। गौरतलब है कि यह दोनों नाबालिग अनट्रेंड हैं।
इसके अलावा, पुलिस ने यह भी जानकारी दी कि इस हमले में आतंकी संगठन मुजाहिदीन का भी हाथ है। पंजाब डीजीपी ने बताया कि इस मामले में 6 लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि एक को पुलिस कस्टीडी में रखा गया है। बता दें कि इस आरपीजी अटैक में गोइंदवाल जेल में बंद अजमीत सिंह का भी नाम आया है। अजमीत का नाम नकोदर गोली कांड में भी सामने आया था। पुलिस ने उसे प्रोडक्शन वारंट पर लिया है। गौरव यादव ने आगे जानकारी दी कि हमने आरपीजी 26, एक लॉन्चर, 32 बोर की पिस्टल के साथ 15 गोलियां, हथगोले, 30 बोर की पिस्तौल के साथ 35 जिंदा गोलियां और 32 बोर की पिस्तौल के साथ 5 जिंदा गोलियां बरामद की। बता दें कि गोल्डी बराड़ को लेकर पंजाब के डीजीपी ने कोई कमेंट्स नहीं किए।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि हमले इस मामले को सुलझा लिया है। इस मामले में अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। थाने पर हमले के लिए 70 मिमी कैलिबर आरपीजी 26 का इस्तेमाल किया गया था। इस तरह की आरपीजी का इस्तेमाल आमतौर पर मुजाहिदीनों द्वारा किया जाता है। इसे एक खेप में सीमा पार से मंगवाया गया है।