प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागपुर में 520 किमी लंबे हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग के पहले चरण का उद्घाटन किया। यहां ढोल बजाकर मोदी का स्वागत किया गया। मोदी कलाकारों के बीच पहुंचे और उनके साथ ढोल भी बजाया।
मोदी ने नागपुर में मेट्रो सेवा की भी शुरुआत की। मेट्रो स्टेशन के उद्घाटन के बाद उन्होंने स्टूडेंट्स के साथ मेट्रो की सवारी की। स्टूडेंट्स ने पीएम मोदी से बातचीत भी की। इससे पहले उन्होंने सबसे पहले नागपुर रेलवे स्टेशन से वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। ये देश की छठवीं वंदे भारत ट्रेन है। यह ट्रेन नागपुर से रायपुर के बीच चलेगी।
पीएम शनिवार सुबह नागपुर एयरपोर्ट पहुंचे थे। यहां पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उनका स्वागत किया। मोदी ने महाराष्ट्र में 75 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने AIIMS नागपुर का उद्घाटन किया। यहां से PM मोदी गोवा जाएंगे, वहां मोपा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे।
नागपुर में 520 किमी लंबे समृद्धि महामार्ग का उद्घाटन किया
मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस-वे का पहला चरण पूरा हो गया है। 6 लेन के एक्सप्रेसवे को ‘समृद्धि महामार्ग’ नाम दिया गया है। PM मोदी ने नागपुर और शिर्डी को जोड़ने वाले 520 किमी लंबे समृद्धि महामार्ग के पहले चरण का उद्घाटन किया। यह एक्सप्रेस-वे उत्तरी महाराष्ट्र, विदर्भ और मराठवाड़ा के 10 जिलों से गुजरेगा।
दूसरा चरण पूरा होने पर लंबाई 701 किमी होगी। लागत 55 हजार करोड़ रुपए है। इससे 24 जिलों के विकास में मदद मिलेगी। यह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे, जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट, अजंता-एलोरा गुफाओं, शिर्डी, वेरुल, लोनार पर्यटन स्थलों से जुड़ेगा। यह भारत के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे में से एक है। देशभर में बेहतर कनेक्टिविटी और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
नागपुर में दो मेट्रो ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई
प्रधानमंत्री नागपुर में खपरी मेट्रो स्टेशन पर दो मेट्रो ट्रेनों- खपरी से ऑटोमोटिव स्क्वायर (ऑरेंज लाइन) और प्रजापति नगर से लोकमान्य नगर (एक्वा लाइन) को हरी झंडी दिखाई। नागपुर मेट्रो का पहला चरण 8 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनाया गया है। PM मोदी ने करीब 6700 करोड़ रुपए की लागत से बने नागपुर मेट्रो फेज-2 का भी शिलान्यास किया।
पीएम मोदी खोलेंगे समृद्धि महामार्ग का पहला चरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) आज महाराष्ट्र के दौरे पर हैं। वह नागपुर में आज कई परियोजनाओं की शुरूआत करेंगे। वह आज नागपुर से छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाएंगे। आज जिन परियोजनाओं की शुरूआत करेंगे, उनमें समृद्धि महामार्ग (Samruddhi Mahamarg) के पहले चरण का उद्घाटन भी शामिल है। समृद्धि महामार्ग का पहला चरण 520 किलोमीटर की दूरी को कवर करेगा।
10 घंटे का सफर पांच घंटे में
इस महामार्ग के जिस पहले चरण को खोला जा रहा है, वह नागपुर को शिरडी (Nagpur to Shirdi) से जोड़ेगा। अभी इन दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय जो 10 घंटे का है, वह घट कर पांच घंटे का रह जाएगा। इस महामार्ग का असली नाम हिंदू हृदयसम्राट बालासाहब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग (Hindu Hrudaysamrat Balasaheb Thackeray Maharashtra Samruddhi Mahamarg) है। यह एक्सप्रसेवे महाराष्ट्र के 10 जिलों से गुजरेगा।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे कब तक पूरा होगा
केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री (Minister of Road Transport and Highways) नितिन गडकरी ने शनिवार को ही मध्य प्रदेश के रीवा में बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे दिसंबर तक करीब करीब पूरा almost ready हो जाएगा। इस हाइवे के बनने से दिल्ली से मुंबई तक सड़क मार्ग से केवल 12 घंटे में यात्रा की जा सकेगी। उनका कहना है कि इसके बन जाने से दिल्ली से मुंबई की यात्रा सिर्फ 12 घंटे में हो सकेगी।
मनुष्य ही नहीं, जंगली जानवरों का रखा गया है ध्यान
यह एशिया का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे है, जिसमें वन्यजीवों के लिए ग्रीन ओवरपास (Green Overpass) की सुविधा दी गई है। मतलब कि जंगली जानवरों को वन में विचरण करते वक्त सड़क पार नहीं करना होगा। उनके लिए सड़क के नीचे से विशेष रास्ता बनाया गया है, वहीं से पार हो जाएंगे। ऐसा नहीं होने से जंगली जानवर सड़क पर आ जाते हैं और अक्सर दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं।
फिलहाल आठ लेन का लेकिन हो सकेगा 12 लेन का
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को फिलहाल आठ लेन का बनाया जा रहा है। लेकिन आने वाले दिनों में इसे 12 लेन का किया जा सकता है। इसके लिए जमीन समेत सभी व्यवस्था कर के रखी गई है। इस पर 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां फर्राटा भरेंगी। इसके साथ ही इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (Industrial Corridor) का भी विकास किया जा रहा है। माना जा रहा है कि यह एक्सप्रेसवे सही मायनों में देश की प्रगति का एक्सप्रेसवे (Expressway of Progress) साबित होगा।
इन शहरों की कनेक्टिविटी में होगा सुधार
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा होने से जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा जैसे आर्थिक केंद्रों से कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इससे इन शहरों में आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा। इस एक्सप्रेसवे पर हैलीपैड भी बनाने की योजना है। इससे दुर्घटना की स्थिति में पीड़ितों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया जा सकेगा।
एक्सप्रेसवे की खासियत
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे की आधारशिला नौ मार्च 2019 को रखी गई थी। इसके निर्माण में 12 लाख टन स्टील का इस्तेमाल हो रहा है। मतलब कि इतने स्टील से 50 हावड़ा ब्रिज बनाया जा सकता है। साथ ही, इसमें 35 करोड़ क्यूबिक मीटर मिट्टी और 80 लाख टन सीमेंट का इस्तेमाल हो रहा है। मतबल कि साल भर के दौरान देश में जितने सीमेंट का उत्पादन होता है, उसके दो फीसदी की खपत यहीं हो गई।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे बनाने में कितनी लागत
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को बनाने में करीब एक लाख करोड़ रुपये लग रहे हैं। यह 1,382 किलोमीटर लंबा है। यह एक्सप्रेसवे एक्सेस कंट्रोल है।एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा होने के बाद फ्यूल की खपत में 32 करोड़ लीटर की कमी भी आएगी। साथ ही कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन में 85 करोड़ किलोग्राम की कमी आएगी जो कि चार करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। यह पर्यावरण के लिए काफी फायदेमंद होगा। हाइवे पर हर 500 मीटर पर रेन वॉटर हार्वेसटिंग सिस्टम होगा। साथ ही एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ 40 लाख पेड़ लगाए जाने की योजना है।
कई राज्यों को होगा फायदा
इस एक्सप्रेसवे के बनने से सिर्फ दिल्ली और मुंबई के लोगों को नहीं बल्कि कई राज्यों को फायदा होगा। इस एक्सप्रेसवे का 160 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा में, 374 किलोमीटर का हिस्सा राजस्थान में, 245 किलोमीटर हिस्सा मध्य प्रदेश में और 423 किलोमीटर लंबा हिस्सा गुजरात से गुजर रहा है। इससे जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा जैसे शहरों की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी।