2024 का सेमीफाइनल माने जा रहे कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव के लिए साेमवार काे मतदान हुए। बंपर वाेटिंग हुई। मतदाताओं का रुझान काफी कुछ संकेत दे गया। न नाव का जाेर दिखा और न ही एआईएमआईएम का ओवैसी फैक्टर। कहीं कमल ताे कहीं तीर चले। कांटे की टक्कर ने भाजपा-महागठबंधन की धड़कनें बढ़ा दी हैं। इस सीट पर भाजपा के पूर्व विधायक केदार गुप्ता और महागठबंधन से जदयू उम्मीदवार मनाेज कुशवाहा के बीच पहले से सीधी लड़ाई मानी जा रही थी।
लेकिन, वीआईपी व एआईएमआईएम के मैदान में हाेने से चुनाव दिलचस्प हाे गया था। इसी साल बाेचहां उपचुनाव में भाजपा, राजद के साथ वीआईपी के हाेने से त्रिकाेणीय लड़ाई हुई थी। सवर्ण वाेटराें में विभाजन के कारण भाजपा हार गई थी। कुढ़नी में भी भाजपा काे यही डर था। इसके विपरीत यहां भाजपा काे परंपरागत सवर्ण मतदाताओं का साथ मिलता दिखा। खराैना, मनियारी, चंद्रहट्टी, छाजन, पुरुषाेत्तमपुर, कफेन, बाघी, मधाैल में सवर्ण खासकर भूमिहार वाेटराें पर सबकी नजर थी। लेकिन, अधिकतर जगहाें पर समाज के वाेटराें में वैसी नाराजगी नहीं दिखी।
नतीजों का गणित : सवर्ण इलाके से 3.25% ज्यादा वोट पड़े एमवाई बहुल क्षेत्र में
1. चार प्रत्याशियों में बंटा सहनी समाज का वाेट
वीआईपी से भूमिहार समाज से आने वाले नीलाभ कुमार चुनाव मैदान में हैं। पार्टी सुप्रीमाे मुकेश सहनी का दावा था कि उन्हें सहनी समाज व सवर्णाें का साथ मिलेगा। माछ-भात का नारा भी बुलंद किया गया। लेकिन, सवर्ण भाजपा के साथ इंटैक्ट दिखे ताे सहनी समाज का वाेट चार प्रत्याशियाें के पक्ष में बंटता दिखा। वहीं, महागठबंधन के पक्ष में एमवाई समीकरण में टूट नहीं दिखी। कुढ़नी उपचुनाव में 57.90% वाेटिंग हुई। यह वर्ष 2020 में हुए विस चुनाव से 6.29% कम है। 2020 में 64.19% मतदान हुआ था। मतगणना 8 दिसंबर काे होगी।
2. महागठबंधन
एमवाई समीकरण इंटैक्ट रहा। वाेटिंग भी बंपर 70-72 प्रतिशत तक रही। इसमें टूट का अंदेशा था। जाे नहीं दिखा। सवर्ण बहुल बूथाें पर वाेटंग प्रतिशत कम।
3. भाजपा
सवर्ण एकजुट रहे। कुढ़नी, सुमेरा व अन्य वैश्य बहुल बूथाें पर बंपर वाेटिंग। पासवान व अन्य दलित वाेटाें का साथ। सहनी वाेटाें में बंटवारा। पिछले चुनाव में राजद काे मिला था।
संजय जायसवाल ने कहा- लालू राज वाला काम हुआ है
कुढ़नी विधानसभा सीट पर सोमवार को हुए उपचुनाव के बाद अब बीजेपी ने बूथ कैप्चरिंग और प्रशासन द्वारा लापरवाही का आरोप लगाया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (BJP Sanjay Jaiswal) ने कहा कि कुढ़नी की जनता ने बीजेपी का पूरे दिल से साथ दिया, वहीं बिहार सरकार (Bihar Government) प्रशासन के साथ मिलकर व खासकर जेडीयू (JDU) के उम्मीदवार मनोज कुशवाहा ने बूथ संख्या 120,21, 22,23 को अंतिम दो घंटे में पूरे तौर पर कब्जे में लेकर बूथ कैप्चरिंग की है. जिला प्रशासन ने बार-बार बोलने पर भी कोई संज्ञान नहीं लिया गया.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा- “मेरा चुनाव आयोग से अनुरोध है कि इन सभी बूथों को कैंसिल करके पुनः मतदान कराया जाए, जिससे जनता अपने हिसाब से वोट कर सके. नीतीश जी चुनाव हार चुके हैं और इसलिए उन्होंने 2005 से पहले बिहार में जो होता था उसी तरह का सहारा लिया.”
लोगों को दोनों को कराया शांत
बूथ पर दोनों नेताओं के भिड़ने से थोड़े देर के लिए माहौल गंभीर हो गया. हालांकि, वहां मौजूद लोगों और समर्थकों ने दोनों को शांत कराया. वहीं, बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने आरोप लगाया कि कुढनी विधानसभा उपचुनाव में जदयू के द्वारा पुलिस प्रशासन का इस्तेमाल करके बाहर के लोगों से बोगस वोटिंग कराना का आरोप लगाया.उन्होंने कहा कि इसके लिए पार्टी चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर शिकायत भी करेगी. इसके अलावा मुख्य रूप से कुढ़नी उपचुनाव शांतिपूर्ण रहा. पूरे विधानसभा में मतदान के लिए 320 बूथ बनाए गए थे. सभी बूथों पर पारा मिलेट्री फोर्स की तैनाती की गयी थी.
कुढ़नी उपचुनाव में बूथ कैपचरिंग के आरोप में भीड़े BJP और JDU प्रत्याशी. pic.twitter.com/1RRnVOZ9Ym
— Madhuresh Narayan (@mnarayan26) December 6, 2022
13 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला डब्बे में बंद
कुढ़नी उपचुनाव में विभिन्न पार्टियों के 13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में खड़े थे. इसमें वीआईपी से नीलाभ कुमार, एआईएमआईएम से मो. गुलाम मुर्तजा, उपेंद्र साह, कालिकांत झा, संजय ठाकुर, सुखदेव प्रसाद, आलोक कुमार, दिनेश राय, विनोद कुमार, शेखर साहनी और संजय कुमार आदि मुख्यरुप से शामिल थे. विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 3.11 लाख है. इसमें पुरुषों की संख्या 164474 और महिला मतदाताओं की संख्या 146507. विधानसभा में सुबह लोगों में वोट डालने का उत्साह दिखा. हालांकि दिन चढ़ने के साथ मतदाताओं की संख्या कम होती गयी.