किसी राज्य का प्रमुख ही अपनी पुलिस पर उंगलियां उठाए तो समझना चाहिए कि ऐसा सिर्फ एक मामले में नहीं हुआ होगा। पुलिस की कार्यप्रणाली ही दूषित हो चुकी है‚ अन्य मामलों में भी स्थिति ठीक नहीं है। इसके पीछे राजनेताओं को भी विचार करना चाहिए कि पुलिस को कहां से शह मिल रही है। असम–मेघालय सीमा पर स्थानीय लोगों एवं वन रक्षकों के बीच झड़़प के दौरान हिंसा से निपटने के तौर तरीके के लिए असम पुलिस की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि असम पुलिस ने इस मामले में ‘अकारण‚ अनियंत्रित और मनमाने’ तरीके से बल प्रयोग किया। शर्मा के पास ही राज्य का गृह विभाग भी है‚ उनके अनुसार असम–मेघालय सीमा पर शांति है। और स्थिति पूरी तरह काबू में है‚ लेकिन वे यह कहने से खुद को नहीं रोक पाए कि पुलिस को उस हद तक गोलियां चलाने की जरूरत नहीं थी। कुछ हद तक गोलीबारी पूरी तरह अकारण थी‚ पुलिस को और अधिक नियंत्रित तरीके से काम करना चाहिए था। शर्मा ने कहा कि पुलिस का कहना है कि झड़़प के दौरान बचाव में बल प्रयोग किया गया था। हालांकि‚ मेरे विचार से‚ यह कुछ हद तक मनमाने ढøंग से किया गया। ऐसा नहीं होना चाहिए था। दोनों राज्यों की अंतरराज्यीय सीमा पर वेस्ट कार्बी आंगलोग जिले में लकड़़ी ले जा रहे एक ट्रक को मंगलवार तड़़के असम के वनकर्मियों द्वारा रोकने के बाद स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच भड़़की हिंसा में एक वन कर्मी सहित छह लोगों की मौत हो गई थी। पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले के पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया गया और कुछ अन्य अधिकारी निलंबित किए गए हैं। असम सरकार ने न्यायिक जांच का आदेश दिया है और केंद्र से सीबीआई या एनआईए से जांच कराने का आग्रह किया है। असम रजिस्ट्रेशन वाली यात्री कारों पर सिलसिलेवार हमलों के बाद असम सरकार ने राज्य के वाहनों को मेघालय ले जाने से रोक दिया है।लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि वे असम की नंबर प्लेट वाले वाहनों में मेघालय न जाएं। असम और मेघालय के बीच ८८४.९ किलोमीटर लंबी अंतर–राज्यीय सीमा से सटे १२ क्षेत्रों में लंबे समय से विवाद है। असम पुलिस राजनीतिक शह परअपने राज्य में आंदोलनकारियों से निपटने में जिस सख्ती का परिचय देती है‚ वह इस मामले में तो कतई घातक साबित हुई है।
सीमा पर गोलीबारी: मेघालय में मोबाइल इंटरनेट शनिवार तक बंद
पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले में असम पुलिस की गोलीबारी में मेघालय के पांच नागरिकों और असम के एक वन रक्षक की मौत के बाद मंगलवार को मोबाइल इंटरनेट और डेटा सेवाओं के निलंबन का आदेश दिया गया था, जिसे मेघालय के 7 जिलों में शनिवार सुबह तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
गुरुवार को अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मेघालय के गृह सचिव सी.वी.डी. डेंगदोह ने एक अधिसूचना में कहा कि पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले के मुकरोह गांव में गोलीबारी की घटना से सार्वजनिक शांति भंग होने और सात जिलों में सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा पैदा होने की संभावना है।
अधिसूचना में कहा गया- व्हाट्सएप जैसे मैसेजिंग एप और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब आदि का उपयोग फोटो, वीडियो और भड़काऊ संदेशों के लिए किया जा सकता है, जिससे कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं। शिलॉन्ग के विभिन्न हिस्सों और जयंतिया हिल्स के अन्य हिस्सों से आगजनी और असम पंजीकरण वाले वाहनों को नुकसान की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय से प्राप्त हुई है।
मेघालय में शांति भंग करने के लिए सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए गुरुवार सुबह 10.30 बजे से अगले 48 घंटों के लिए मोबाइल इंटरनेट और डेटा सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। जिन सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट बंद किया गया है, वह हैं- पश्चिम जयंतिया हिल्स, पूर्वी जयंतिया हिल्स, पूर्वी खासी हिल्स, री-भोई, पूर्वी पश्चिम खासी हिल्स, पश्चिम खासी हिल्स और दक्षिण पश्चिम खासी हिल्स।
इस बीच, अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा के नेतृत्व में मेघालय कैबिनेट का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार रात दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेगा और पूरे मुद्दे पर चर्चा करेगा। मंत्रिस्तरीय दल गोलीबारी की घटना की जांच एनआईए या सीबीआई से कराने की मांग करेगा। मेघालय कैबिनेट का प्रतिनिधिमंडल असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से भी मिलने वाला है।
कई गैर सरकारी संगठनों के विरोध के बीच, मेघालय के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एक मंत्रिस्तरीय दल ने बुधवार को मुकरोह गांव का दौरा किया और प्रत्येक को 5 लाख रुपये का अनुग्रह राशि का चेक सौंपा। पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले के गांव और अंतर्राज्यीय सीमा के विभिन्न हिस्सों में तनाव व्याप्त है। एक आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार, मेघालय सरकार ने गोलीबारी की घटना के सभी पहलुओं पर गौर करने के लिए जांच आयोग अधिनियम 1952 के तहत एक न्यायिक आयोग गठित करने की भी घोषणा की है।
मेघालय के मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि असम पुलिस और वन रक्षकों ने मुक्रोह गांव में प्रवेश किया और गोलीबारी की, जिसमें मेघालय के पांच नागरिक और असम के वन रक्षक मारे गए।
जानकारी के मुताबिक, असम पुलिस और वन रक्षकों ने मुक्रोह गांव में लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को रोका और उसके बाद बड़ी संख्या में गांव के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस और वन रक्षकों को घेर लिया, जिसके बाद फायरिंग हुई।