मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2006 में ही हमलोगों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का सुदृढीकरण करवाना शुरू किया और सातों दिन तक 24 घंटे एक्टिव रखने का सिलसिला शुरू किया गया। हर अस्पताल में लैंडलाइन फोन लगवाए गए ताकि डाक्टर और अन्य स्टाफ की मौजूदगी की जानकारी मिल सके। पटना के न्यू गार्डिनर अस्पताल में हमने उस समय के उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत जी को आमंत्रित किया था और उन्हीं से मुफ्त मेडिसिन देने की शुरुआत करवाई थी। उन्होंने कहा कि मरीजों को सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में दवा हमेशा मिलना चाहिए। इस पर विशेष ध्यान दें। मुख्यमंत्री शुक्रवार को स्वास्थ्य कर्मियों को नियुक्ति पत्र देने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ६ बेड हुआ करता था‚ उसको हमलोगों ने तय किया कि अब ३० बेड का होगा। इसको लेकर ४३४ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में २६१ का निर्माण हो चुका है और बाकी की निर्माण प्रक्रिया जारी है। जल्दी से सारे कायोंर् को पूरा कर लिया जाएगा। सभी मेडिकल एवं जिला अस्पतालों में सिटी स्कैन की जांच‚ किडनी के मरीजों के लिए डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध करायी गई है। पटना के आईजीआईएमएस में आई बैंक और आधुनिक किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट स्थापित की गई है। सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में नसिंर्ग कॉलेज की स्थापना करनी है। बहुत जगहों पर हो गया है। ८ तो पहले से उपलब्ध था बाकी १६ पर काम चल रहा है। हरेक जिले में जीएनएम स्कूल‚ वो भी बहुत हद तक हो गया है। प्रत्येक जिले में पारा मेडिकल संस्थान‚ पांच जिलों में फार्मेशी कॉलेज‚ प्रत्येक अनुमंडल में एएनएम स्कूल की स्थापना की जा रही है। आईजीआईएमएस की व्यवस्था को और बेहतर किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी क्षेत्रों में विकास के काम किए गए हैं। बिहार को हमलोग अपने बल पर विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार में विकास के काम किए गए हैं‚ उसकी भी जानकारी लोगों को रहनी चाहिए ताकि नयी पीढी उससे अवगत हो सके। मैट्रिक की परीक्षा में लडकियों की संख्या लडके के बराबर हो गई है। सभी आगे बढ रहे हैं। महिलाएं और लडकियां भी समाज में आगे बढ कर काम कर रही हैं। मेरे खिलाफ जिनको जो बोलना है बोलें‚ लेकिन बिहार का जो विकास हुआ है उसके संदर्भ में जरूर बात होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग की २४ योजनाओं का किया शुभारंभ
राज्य सरकार स्वास्थ्य समिति में लगभग 11 हजार कर्मचारियों की नियुक्ति करेगी। यह घोषणा शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को 224.19 करोड रुपये की लागत की स्वास्थ्य विभाग की 24 योजनाओं का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने बक्सर के डुमरांव तथा बेगूसराय में ५१५–५१५ करोड रुपये लागत की राजकीय मेडि़कल कॉलेज एवं अस्पताल का शिलान्यास किया। इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना का शुभारंभ करने के साथ–साथ ९४६९ चयनित स्वास्थ्यकर्मियों को नियुक्ति पत्र भी सौंपा
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति में एएनएम काउंसलर‚ सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर‚ स्वास्थ्य प्रबंधक‚ जिला सामुदायिक उत्प्रेरक‚ प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक एवं प्रखंड लेखापाल के ९४६९ पदों पर बहाली की गई है। जिन लोगों को आज नियुक्ति–पत्र दिया गयाल उन्हें मेरी बधाई। आप सभी को जो जिम्मेदारी मिल रही है‚ उसका पूरी मजबूती के साथ निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा पिछले पांच वर्षों में २४ हजार ६०० से अधिक पदों पर कर्मियों की बहाली की गई है और ५ हजार से अधिक पदों के लिए नियोजन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है‚ जिसे इस वर्ष पूरा कर लिया जायेगा। स्वास्थ्य समिति में लगभग ११ हजार और नई बहाली की जायेगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले पांच वर्षों में १२ हजार ८०० से अधिक नियुक्तियां की गई हैं तथा २१ हजार ४०० पदों पर नई बहाली की प्रक्रिया शुरू की गई है। कुल मिलाकर पिछले ५ वर्षों में ३७‚४०० से अधिक कर्मियों की बहाली हो चुकी है और लगभग इतने ही पदों पर बहाली अगले वर्ष तक हो जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले नियुक्तियों में बहुत विलंब होता था‚ इसीलिए हमलोगों ने तकनीकी सेवा आयोग का गठन किया‚ ताकि तेजी से जरूरत के अनुसार लोगों की बहाली हो सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना की आज शुरुआत की गई है। इसकी सुविधा होने से घर पर ही बडे–बडे डॉक्टर और एक्सपर्ट लोग मरीजों को देखेंगे और एक–एक चीज के बारे में सुझाव भी देंगे। उन्होंने कहा कि पावापुरी में भगवान महावीर के नाम पर महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान बनाया गया है। बेतिया में मेडिकल कॉलेज अस्पताल बनाया गया है। मधेपुरा में जननायक कर्पूरी ठाकुर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल खोला गया है। पटना के राजवंशी नगर में हड्डी संबंधित रोगों और राजेंद्र नगर‚ पटना में आंखों के इलाज के लिए विशिष्ट अस्पताल बनाया गया है। न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल में डायबिटीज के विशिष्ट इलाज की व्यवस्था की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में हमलोग मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बनाने के लिए सोच रहे हैं। केंद्र के सहयोग से ८ जगहों पर मेडिकल कॉलेज बनाये जा रहे हैं। केंद्र १५० करोड से १८० करोड रुपये खर्च कर रहा है‚ जबकि राज्य सरकार ३५० करोड से ज्यादा खर्च करेगी। जब और अस्पताल बनेंगे‚ तो बहाली और अधिक होगी और बेहतर इलाज भी हो सकेगा। हमलोग चाहते हैं कि लोग स्वस्थ रहें। लोगों के बेहतर इलाज के लिए हम सारा इंतजाम कर रहे हैं।