शपथ ग्रहण के दूसरे दिन ही अपहरण केस को लेकर वारंट विवाद में घिरे बिहार के कानून मंत्री कार्तिक कुमार का विभाग बदल दिया गया है। उन्हें अब गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। शमीम अहमद अब बिहार के नए कानून मंत्री होंगे। बिहार में कैबिनेट विस्तार के बाद से ही कानून मंत्री को लेकर सवाल उठ रहे थे।
दरअसल, जिस दिन उन्हें एक अपहरण केस में कोर्ट में सरेंडर करना था, उसी दिन उन्होंने राजभवन पहुंच कर मंत्री पद की शपथ ले ली। इतना ही नहीं, कार्तिक कोर्ट की नजर में 8 साल से फरार थे।
अनंत सिंह के करीबी और RJD कोटे से मंत्री बने कार्तिक ने विवाद पर सफाई दी थी। उन्होंने कहा था, ‘मैंने हलफनामे में सब कुछ दिया है।’ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्तिक पर आरोपों की जानकारी होने से इनकार किया था।
वहीं, मंत्री के वकील मधुसूदन शर्मा ने कहा था कि 19 सितंबर 2018 पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट दी है। पुलिस ने सभी जांच के बाद कहा कि इस मामले में कार्तिक कुमार की इसमें संलिप्तता नहीं है। चार साल बाद कोर्ट ने ये क्यों निकाला, उसको लेकर आवेदन दिया गया है। हम लोगों ने अग्रिम जमानत का आवेदन दिया, जिसमें 1 सितंबर तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।
कार्तिकेय सिंह के नाम पर लालू- तेजस्वी ने लगाया वीटो, जेल में रहते बनवाया था MLC
अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार रहे हैं कार्तिक
कार्तिके को बाहुबली नेता अनंत सिंह के समर्थक ‘कार्तिक मास्टर’ के नाम से जानते हैं। वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिक मास्टर और अनंत सिंह की दोस्ती परवान चढ़ी थी। आगे अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिकेय ने खुद को साबित किया। जानकारी है कि अनंत सिंह के लिए सभी राजनीतिक दांव-पेंच पर्दे के पीछे से कार्तिकेय की मदद से ही अनंत सिंह संभालते हैं। इसलिए अनंत सिंह की पहली पसंद वे हैं।
लालू प्रसाद ने खुद कार्तिक के नाम की घोषणा MLC चुनाव में की थी
कार्तिक कुमार ने जदयू के उम्मीदवार वाल्मीकि सिंह को पटना में MLC सीट पर मात दी और विधान परिषद का चुनाव जीता। जिस समय जदयू में वाल्मीकि सिंह को विधान परिषद का टिकट देने की बात चल रही थी, तभी अनंत सिंह ने तेजस्वी यादव से कहा था कि कार्तिक सिंह की जीत की गारंटी वे लेते हैं। लालू प्रसाद ने बतौर MLC उम्मीदवार कार्तिक के नाम की घोषणा खुद से की थी। जेल में रहकर भी अनंत ने कार्तिक को जितवा दिया।
अनंत सिंह कार्तिकेय कुमार को खुद ‘मास्टर साहब’ कहकर पुकारते हैं। राजनीति में सक्रिय होने से पहले कार्तिक स्कूल में शिक्षक थे। वे मोकामा के रहनेवाले हैं और उनके गांव का नाम शिवनार है। कार्तिक मास्टर की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार मुखिया बनीं।