केंद्र सरकार आतंकवाद हो या भ्रष्टाचार‚ हर क्षेत्र में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। केंद्र ने आतंकवाद पर नकेल कसने के लिए जहां सुरक्षाबलों के हाथ खोल दिये‚ वही भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए जांच एजेंसियों को और अधिक अधिकार दे दिया है। गृह मंत्रालय के इस कदम से नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को और ज्यादा मजबूती प्रदान हुई है।
सूत्रों के अनुसार‚ एनआईए की जांच का दायरा बढ़ाने के लिए दो नए विंग को मंजूरी दी गई है। एनआईए को ‘साइबर टेररिज्म’ और ‘ह्यूमन ट्रैफिकिंग’ के मामलों पर नजर रखने के लिए दो विंग खोलने की गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। गृह मंत्रालय ने इस बाबत जांच में कम समय लगे इसके लिए एनआईए को १४२ जांच अधिकारी और कर्मचारी भी दिए हैं। इन जांच अधिकारियों को एनआईए के नए विंग में तैनात किए जाएंगे। हाल में जिस तरीके से साइबर थ्रेट और साइबर आतंक की गतिविधियों में इजाफा हुआ है‚ उसे देखते हुए केंद्र ने यह बड़ा फैसला लिया है।
गृह मंत्रालय ने एनआईए की जो नए १४२ पोस्ट सृजित की है‚ उसमें डीआईजी‚ एसपी‚ डिप्टी एसपी सहित साइबर एक्सपर्ट‚ बैलिस्टिक एक्सपर्ट और लीगल एक्सपर्ट और अधिकारी शामिल होंगे। २०२४ तक सभी राज्यो में इसके ऑफिस होंगे। सरकार की इस योजना पर तेजी काम हो रहा है। हाल ही में रायपुर में एनआईए के नए ऑफिस के उद्घाटन के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले तीन साल में एनआईए को एक फेडरल क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी बनाने के लिए कई जरूरी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा था कि विगत वर्षों में एनआईए ने १० राज्यों में अपने काम का विस्तार किया है और तीन साल में १८ राज्यों में अपनी पहुंच को मजबूत किया है। उम्मीद जताई कि मई २०२४ से पहले एनआईए देश के सभी राज्यों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा लेगी।