पूर्व पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने नीतीश कुमार के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि नीतीश कुमार खामोश होते हैं तब तब उन्मादियों को बल मिलता है. इसका ताजा उदाहरण राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ से समाने आया जहां आतंकवाद के बड़े मॉड्यूल का खुलासा हुआ है.
नितिन नवीन ने सीएम नीतीश पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, पिछली बार भी जब नीतीश कुमार खामोश हुए थे तब गांधी मैदान में 26 अक्टूबर, 2013 को नरेन्द्र मोदी पर हमला हुआ था. अभी भी जब खामोश थे तब हमले की साजिश रची जा रही थी जिसका पर्दाफाश सेंट्रल की IB टीम ने किया और PFI के नापाक मंसूबे भी सामने आ गए. अगर PFI पर कार्रवाई उन्हें तनाव लगती है तो हमें यह तनाव पसंद है. हालांकि, सीएम नीतीश कुमार से जब नितिन नवीन के बयान पर जवाब मांगा गया तो उन्होंने इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ये सब फालतू बात है; जिनको जो बोलना है बोलने दीजिए.
दूसरी ओर जदयू ने भी नितिन नवीन के आरोपों का जवाब दिया है. पूर्व शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने नितिन नवीन पर पलटवार करते हुए कहा, PFI पर जो कारवाई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने की है उसकी पूरे देश में प्रशंसा हो रही है. उग्रवादियों और आतंकवादियों का ऑल इंडिया नेटवर्क था; इसके उद्भेदन का पूरा श्रेय बिहार पुलिस को जाता है. नितिन नवीन द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगाए गए आरोपों पर RJD विधायक ललित यादव ने कहा कि यह सब बकवास बात है. नीतीश कुमार की सरकार बेहतर काम कर रही थी; और अब चूंकि तेजस्वी यादव भी उनके साथ हैं इसलिए अब और बेहतर काम होगा.
बता दें कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई से संदिग्ध संबंध रखने वाले फुलवारी शरीफ आतंकी मॉड्यूल के सदस्यों ने 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पटना दौरे को बाधित करने की साजिशकी थी. पीएम मोदी के 12 जुलाई वाले बिहार दौरे से पहले 11 जुलाई को कुछ संदिग्ध व्यक्ति फुलवारीशरीफ इलाके में इकट्ठे हुए थे. गुप्त सूचना पर, एक छापेमारी की गई, जिसके बाद दो व्यक्तियों, अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को पकड़ा गया. तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए. ये भारत विरोधी गतिविधियों से संबंधित थे.
इसके बाद पटना से पीरबहोर थाना इलाके से तीन नाम वाले मरगूब अहमद उर्प दानिश उर्फ ताहिर को गिरफ्तार किया गया था. यह गजवा ए हिंद नाम के व्हाट्सएप ग्रुप चलाता था जो पाकिस्तान और बांग्लादेश के आतंकवादियों से जुड़ा था. ये भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की योजना पर काम कर रहे थे. ऐसे ही 26 आरोपियों पर एनआइए ने प्राथमिकी दर्ज करवाई है. आरोपियों पर IPC की धारा 120, 120B, 121, 121A (आपराधिक साजिश), 153A और 153B (धर्म, जाति, आदि के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 34 को लगाया है.