भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जब द्रौपदी मुर्मू को अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर घोषित किया था‚ तब कांग्रेस‚ तृणमूल कांग्रेस‚एनसीपी‚ नेशनल कॉन्फ्रेंस ‚ समाजवादी पार्टी‚ और कम्युनिस्ट पार्टियों जैसी विपक्षी एकता की तुरही बजाने वाली पार्टियों को यह अनुमान नहीं था कि भाजपा का यह दांव उनकी कथित एकता की भुरभुराहटको इस तरह उजागर कर देगा। वैसे तो अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि विपक्षी एकता का नेतृत्व वास्तव में कौन कर रहा है‚ फिर भी ममता बनर्जी की पहल को नेतृत्वकारी माना जाए तो ममता को इस समय भारी निराशा हो रही होगी कि बीजू जनता दल‚ बहुजन समाज पार्टी (बसपा)‚ वाईएसआर कांग्रेस‚ तेलुगू देशम‚ शिरोमणि अकाली दल जैसे राजग के बाहर के दल द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में आए हैं और शिवसेना ने जिस तरह कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के रुख के विरु द्ध भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में खड़े होने की घोषणा की है‚ उसने महाराष्ट्र की राजनीति में कांग्रेस और एनसीपी की संभावनाओं की जमीन हिला दी है। यहां दो बातें बहुत स्पष्ट हैं कि विपक्षी दलों के पास भाजपा का विरोध करने के नाम पर सिवाय विरोध के कोई साझा कार्यक्रम या साझी कार्यनीति नहीं है। दूसरा; यह कि द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी ने प्रमुख आदिवासी ताकतों के भाजपा विरोधी रुख को बेहद कमजोर कर दिया है। यही वजह है कि झारखंड़ मुक्ति मोर्चा के नेता और झारखंड़ के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जैसे लोग विपक्षी एकता से पल्ला छुड़ाते नजर आ रहे हैं। आगामी लोक सभा चुनाव से पूर्व विपक्ष की नीतिगत असफलता और संगठनात्मक विफलता इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भाजपा की राजनीतिक शक्ति बढ़ रही है और २०२४ के लोक सभा चुनाव में उसकी भावी विजय का पूर्वाभास भी दे रही है। भाजपा के विरुद्ध विपक्ष का इस तरह दयनीय स्थिति में आ जाना लोकतंत्र के लिए सुखद नहीं है‚ लेकिन इसके लिए कोई जिम्मेदार है तो मोदी के अंधविरोधी विपक्षी दल स्वयं ही हैं। विपक्षी दलों को समय रहते सबक लेना चाहिए और उन्हें एक झुंड के रूप में मोदी के विरोध में एकत्रित होने के बजाय नीतिगत और कार्यगत आपसी एकता स्थापित करनी चाहिए‚ जिससे उनके विरोध को राजनीतिक वैधता प्राप्त हो सके। और विपक्ष सचमुच एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा सके।
TMC यहां बांग्लादेशियों को बसा रही, कांग्रेस उन्हें आपकी संपत्ति देने की बात कह रही
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में जनसभा की। इस दौरान उन्होंने फिर संपत्ति बंटवारे को लेकर...