22 गज की पिच पर 23 वर्ष तक राज करने वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज ने 8 जून को संन्यास लेकर खेल प्रेमियों को चौंका दिया। मिताली के इस खेल के तीनों प्रारूप-टेस्ट, एकदिवसीय और टी20-से संन्यास लेने से महिला क्रिकेट के एक युग का समापन हो गया। मिताली ने तीनों प्रारूप में भारत का नेतृत्व किया और कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। उन्हें महिला क्रिकेट का सचिन तेंदुलकर कहा जाता है। हालांकि यह सवाल पूछे जाने पर कि उनका पसंदीदा पुरुष क्रिकेटर कौन है; उन्होंने पत्रकार से पलटकर सवाल किया कि आपने किसी पुरुष क्रिकेटर से उसकी पसंदीदा महिला क्रिकेटर के बारे में कभी सवाल पूछा है?
उन्हें तुलना खासकर पुरुष खिलाड़ियों के बरक्स रखने की आदत नागवार गुजरती थी। दरअसल, ये बातें उनके तेवर को परिलक्षित करती हैं। हालांकि क्रिकेट खासकर भारतीय खिलाड़ियों की बात होगी तो सचिन, धोनी, मिताली का जिक्र भी होगा और इनके बीच तुलना भी होगी। मिताली ने अपने ट्वीट में कहा कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य सुरक्षित हाथों में है और मेरे लिए संन्यास लेने का यह सबसे उपयुक्त समय है। निश्चित तौर पर मिताली ने क्रिकेट को जिस तरह जिया है, वह काबिलेतारीफ है। वह कई महिला खिलाड़ियों की प्रेरणास्रोत रहीं हैं।
उन्हें खेलते देखकर कई लड़कियों ने इस जेंटलमैन गेम में शामिल होने का फैसला किया। यह वाकई बड़ी बात है। एक वक्त ऐसा भी था जब वह अपने पिताजी के साथ हैदराबाद के सेंट जोंस मैदान में सिर्फ इसलिए जाती थीं कि सुबह उठने के बाद उन्हें खेल के मैदान में जाने की आदत बने और उनका आलस्य खत्म हो। वह तो कथक नृत्य सीख रही थीं। मगर कौन जानता था क्रिकेट की दुनिया उन्हें बुला रही है।
जिस वक्त बहुत कम महिलाएं क्रिकेट का शौक रखती थीं उस वक्त (1999) उन्होंने बैट और गेंद से यारी कर ली। वह भारत की एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं जिन्होंने दो विश्व कप में भारत का नेतृत्व किया और छह विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया। नि:संदेह उनके क्रिकेट से विदा लेने से भारतीय टीम में एक खालीपन सा महसूस होगा, मगर उनकी दूसरी पारी किस रूप में होगी; यह देखना भी दिलचस्प होगा। अलबत्ता, साथी खिलाड़ियों और कोच से विवाद के बावजूद उनका कॅरियर बहुतों के लिए प्रेरणास्पद है।