विधान परिषद चुनाव के लिए एनडीए के उम्मीदवारों ने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. नामांकन के अंतिम दिन आज जेडीयू के उम्मीदवार अफाक अहमद और रविंद्र सिंह के साथ साथ बीजेपी के उम्मीदवार अनिल शर्मा और हरि सहनी ने अपना नामांकन दाखिल किया है. इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल, डिप्टी सीएम तारकेश्वर प्रसाद समेत एनडीए के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे हैं.
बिहार विधान परिषद चुनाव में सियासत एक बार फिर से तेज हो गई है। एक तरफ जहां RJD की प्रत्याशी मुन्नी देवी ने BJP को पटक-पटक कर धोने की बात कही तो अब BJP ने पलटवार किया है। BJP प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि महागठबंधन में हमेशा से गुलामी की प्रथा है। उन्होंने कहा कि जो RJD कहता है सभी को गुलामों की तरह पालन करना पड़ता है। एनडीए बिना किसी विवाद के अपने उम्मीदवारों की घोषणा करती है। जिनकी घोषणा होती है वे सभी निर्विवाद विधानसभा पहुंच जाते हैं।
इससे पहले नामांकन के आखिरी दिन आज NDA के प्रत्याशियों ने अपना पर्चा दाखिल किया। BJP की तरफ से जहां अनिल शर्म और हरि साहनी ने तो JDU की तरफ से अफाक अहमद खान और रविंद्र प्रसाद सिंह ने नामांकन कराया।
दोनों पार्टियों के सभी बड़े नेता रहे मौजूद
इस दौरान एक बार फिर NDA की एकजुटता दिखी। CM नीतीश कुमार के अलावा दोनों डिप्टी CM तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी के अलावा BJP प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह समेत दोनों पार्टियों के दिग्गज नेता मौके पर मौजूद रहे।
BJP प्रत्याशी दौड़ लगाकर पहुंचे विधानसभा
वहीं BJP के प्रत्याशी हरि सहनी नामांकन के लिए देर हो गए। CM, डिप्टी CM समेत सभी बड़े नेता नामांकन के लिए पहुंच गए थे। उन्हें बताया गया कि जल्दी जाइए आपका इंतजार हो रहा है तब धोती कुर्ता में ही वे दौड़ लगाते हुए अंदर गए।
BJP के समर्पित कार्यकर्ता हैं हरि और अनिल
हरि साहनी और अनिल शर्मा BJP के समर्पित कार्यकर्ता हैं। दोनों फिलहाल प्रदेश कार्यकारिणी समिति के सदस्य हैं। हरि साहनी 2015 में बहादुरपुर से बीजेपी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। वहीं 2020 के चुनाव में भी इन्हें दरभंगा के अलीनगर सीट से टिकट दिया गया था लेकिन बाद में नेतृत्व ने इनसे टिकट वापस ले लिया था। वहीं जहानाबाद के अनिल शर्मा संगठन में कई पदों पर काम कर चुके हैं।
10 जून को होगी नामांकन पत्रों की जांच
नामांकन पत्रों की जांच 10 जून को होगी, जबकि नाम वापसी की अंतिम तिथि 13 जून निर्धारित की गई है। अगर इन चारों कैंडिडेट के अलावा अन्य कोई सदस्य अपना नामांकन नहीं दाखिल करते हैं तो स्क्रूटनी वाले दिन ही सभी को जीत का सर्टिफिकेट दे दिया जाएगा।
21 जुलाई को समाप्त होगा 7 सदस्यों का कार्यकाल
बिहार विधान परिषद में कुल सदस्यों की संख्या 75 है, जिनमें विधायकों की ओर से निर्वाचित किए जाने वाले सदस्यों की संख्या 27 है। इसी 27 में से सात सीटें 21 जुलाई को रिक्त हो रही हैं। विधान परिषद में इसके अलावा स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से भी छह-छह यानी कुल 12 सदस्य चुन कर आते हैं।