केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने बिहार विधान परिषद की विधानसभा कोटे की सात सीटों पर चुनाव के लिए कार्यक्रम का ऐलान कर दिया है। चुनाव की अधिसूचना दो जून की जारी होगी और मतदान २० जून को होगा। मतगणना चुनाव के दिन शाम पांच बजे से होगी। भाजपा के अर्जुन सहनी‚ जदयू के कमरे आलम‚ जदयू के गुलाम रसूल‚ जदयू की रोजिना नाजिश‚ जदयू के रणविजय कुमार सिंह‚ जदयू के सीपी सिन्हा उर्फ चंदेश्वर प्रसाद सिंह और वीआईपी के मुकेश सहनी का कार्यकाल २१ जुलाई को समाप्त हो रहा है। इस चुनाव में एक सीट पर जीत के लिए ३१ मतों की आवश्यकता पड़़ेगी। ऐसी स्थिति में मौजूदा विधानसभा की सदस्य संख्या के अनुसार चार सीट सत्ताधारी महागठबंधन को और तीन सीट विपक्ष को जाना तय है। राजद वामदलों के समर्थन से तीन सीटों पर आसानी से जीत दर्ज करेगा। केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार चुनाव की अधिसूचना दो जून को जारी की जायेगी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि नौ जून निर्धारित की गयी है। नामांकन पत्रों की जांच १० जून को होगी। नामवापसी की अंतिम तिथि १३ जून निर्धारित की गयी है। मतदान २० जून को सुबह नौ से दोपहर बाद चार बजे तक ोगा। मतगणना चुनाव के बाद २० जून को शाम पांच बजे से बिहार विधान सभा स्थित मतदान केंद्र पर ही होगी।
दो जून से नौ जून तक चलेगा नामांकन
आयोग की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि विधानसभा कोटे की इन सातों सीटों पर नामांकन दो जून से आरंभ होगा जो नौ जून तक चलेगा । नामांकन पत्रों की जांच 10 जून को होगी जबकि नाम वापसी की अंतिम तिथि 13 जून निर्धारित की गयी है। सातों सीटों के लिए मतदान 20 जून को सुबह नौ बजे से चार बजे तक होगा। मतों की गणना 20 जून को ही शाम पांच बजे से होगी।
21 जुलाई को समाप्त हो रहा सात सदस्यों का कार्यकाल
बता दें कि 75 सदस्यीय विधान परिषद में वर्तमान में विधायकों द्वारा निर्वाचित किए जाने वाले सदस्यों की संख्या 27 है। इसी 27 में सात सीटें रिक्त हो रही हैं। विधान परिषद की सीटों की बात करें तो इसके अलावा स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों में प्रत्येक के छह-छह यानी 12, स्थानीय निकायों से 24 के साथ राज्यपाल द्वारा मनोनीत 12 सदस्य होते हैं। मनोनयन वाले सदस्य विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्टता रखने वाले होते हैं।
31 विधायक पर होगा एक विधान पार्षद का चुनाव
विधानसभा कोटे की सीट होने की वजह से इसमें मतदाता विधायक होते हैं। विधायकों की संख्या के हिसाब से दलों को सीटें मिलती हैं। अमूमन दल आपसी समझौते के तहत संख्या बल के हिसाब से सीटों का बंटवारा कर लेते हैं। मतदान की स्थिति नहीं बनती है। बिहार विधानसभा की सदस्य संख्या 243 है। संविधान में तय प्रविधान के तहत एक विधान पार्षद को चुनने के लिए 31 विधायकों के मत की जरूरत पड़ती है। सदस्यों की वर्तमान संख्या के हिसाब से भाजपा को सहयोगी दलों की मदद से तीन, राजद को दो, जदयू को एक और वामदल को एक सीट मिलने की उम्मीद है।