प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को क्वाड़ नेताओं के तीसरे शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने टोक्यो पहुच चुके हैं। सम्मेलन में मोदी के अलावा जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा‚अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइड़न व आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री हिस्सा लेंगे। मार्च‚ २०२१ में डि़जिटल माध्यम से हुई पहली बैठक के बाद क्वाड़ नेताओं के बीच यह चौथी वार्ता है। समूह के नेता सहयोग के नये क्षेत्रों की पहचान तथा भविष्य के गठजोड़़ के लिए सामरिक मार्गदर्शन की रणनीति भी तैयार करेंगे। मोदी जापान के कारोबारियों के साथ कारोबारी समारोह में हिस्सा लेंगे तथा जापान में भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात भी करेंगे। चारों नेता यूक्रेन पर रूसी हमले और रूस पर तीन महीने के पश्चिमी प्रतिबंधों के असर का आकलन भी करेंगे। भारत क्वॉड का एकमात्र सदस्य है जो रूस के खिलाफ प्रतिबंधों में शामिल नहीं हुआ है‚ और न ही उसने यूक्रेन पर हमले के लिए सीधे रूस की आलोचना की है। समझा जाता है कि अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया‚ जापान और भारत को मिलाकर बने क्वॉड की गतिविधियां बढ़ा दी हैं। इसे एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन के आधिपत्य को चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। चीन क्वॉड को लेकर शुरू से ही कहता आया है कि अमेरिका अपने सहयोगियों को साथ लाकर उसे ‘दबाने’ की कोशिश कर रहा है। चीन की आक्रामक विदेश नीति और दक्षिण चीन सागर के साथ ही हिमालय के क्षेत्र में विवादित इलाकों पर प्रभुत्व जमानेे की हरकतों ने जापान‚ भारत और दूसरे पड़ोसियों के साथ रिश्ते खराब किए हुए हैं। चीन ताइवान को अपनी मुख्यभूमि का हिस्सा होने का दावा करता है। खनन‚ मछली मारने व अन्य सामुद्रिक हितों को लेकर वियतनाम‚ फिलीपींस‚ मलयेशिया‚ ब्रुनेई और ताइवान दक्षिण चीन सागर पर चीनी रुख का जमकर विरोध करते हैं। चीन क्वाड़ के साथ–साथ ऑकुस (यूएस‚ यूके और ऑस्ट्रेलिया) के गठजोड़़ का भी इस आधार पर विरोध करता है कि उनका उद्देश्य उसके (चीन) विकास को बाधित करना है। अमेरिका ने लोकतांत्रिक देशों का गठबंधन बनाया है ताकि रूस को यूक्रेन पर हमले की कीमत चुकाने के लिए विवश किया जा सके। इस में दक्षिण कोरिया और जापान भी हैं। बाइड़न जानते हैं कि चीन की उग्रता के मुकाबले के लिए उन्हें इन देशों के साथ संबंध मजबूत करने होंगे।
पहले चरण में मोदी सरकार के ये मंत्री भी मैदान में, कहां-किसे-कौन दे रहा चुनौती?
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में आज मतदान हो रहा है। इस चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश...