लंबे इंतजार के बाद आज भोजपुर को पटना से जोड़ने वाले पुल का उद्घाटन होने जा रहा है। भोजपुर जिले के कोईलवर और पटना जिले के बिहटा के बीच प्रो.अब्दुल बारी पुल के समानांतर बना नया पुल न केवल जाम की समस्या को खत्म करेगा, बल्कि सूबे की राजधानी पटना से देश की राजधानी दिल्ली तक के सफर को भी आसान बनाएगा। पुल की लंबाई डेढ़ किलोमीटर तथा चौड़ाई 30 मीटर है। पुल के तीन लेन के अप स्ट्रीम हिस्से का 10 दिसंबर 2020 में उद्घाटन हुआ था। केवल अप स्ट्रीम के ही चालू होने से ही सोन नद पार करने में जाम की समस्या काफी कम हो गई थी। आज केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इस पुल के शेष तीन लेन का भी उद्घाटन करेंगे।
इस सिक्स लेन पुल को बिहटा की ओर से फोर लेन सड़क बनाकर कनेक्टिविटी दी गई है। वहीं, पश्चिमी हिस्से में यह आरा-बक्सर फोरलेन से यह जुड़ा है। पुल के जिस बचे हुए लेन का आज शनिवार को उद्घाटन हो रहा है, उसके निर्माण में 266 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। हालांकि, दोनों लेन और दोनों तरफ एप्रोच रोड मिला कर पुल के निर्माण में 825 करोड़ रुपए की लागत आई है।
पटना में दानापुर से बिहटा तक ऐलिवेटेड सड़क निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है। वहीं, आरा-बक्सर फोरलेन और बक्सर में गंगा नदी पर वीर कुंवर सिंह पुल के समानांतर नए पुल का निर्माण कार्य साल के अंत तक पूरा होना है। बक्सर से 20 किलोमीटर की दूरी पर गाजीपुर से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की कनेक्टिविटी मिल रही है। बक्सर से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के बीच 20 किलोमीटर सड़क को भी बलिया के रास्ते फोरलेन का बनाया जा रहा है। इन सभी निर्माण कार्यों के पूरा होने के बाद पटना से सड़क मार्ग से दिल्ली का सफर 12 घंटे में आसानी से पूरा किया जा सकेगा।
उदघाटन समारोह को भव्य बनाने के लिए उदघाटन स्थल कोईलवर तारा मणि भगवान साव प्लस टू विद्यालय के खेल मैदान को सजाया संवारा गया है। 20 हजार स्कवायर फीट में सजावट, मंच व शेड बना है। पुल निर्माण कार्य का शिलान्यास 27 जुलाई 2017 को केंद्रीय मंत्री सह आरा सांसद आर के सिंह ने किया था। पांच वर्षों में पुल का निर्माण कार्य पूरा हुआ है। पुल के रास्ते आने वाले समय में दिल्ली से पटना तक का सफर भी आसान हो जाएगा।
कोईलवर पुल के डाउनस्ट्रीम लेन का उद्घाटन आज केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी करने जा रहे हैं। इस लोकार्पण कार्यक्रम के लिए केंद्र सरकार ने बीजेपी के नेताओं की पूरी कतार खड़ी की है लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पूछा तक नहीं है। कोईलवर पुल के उद्घाटन के बहाने एनडीए का अंदरूनी गतिरोध एक बार फिर से खुलकर सामने आ गया है। बीजेपी और जेडीयू के बीच जिस दूरी की चर्चा होती रहती है, उसका ताजा नमूना उद्घाटन समारोह होगा। इस कार्यक्रम में ना तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बुलाया गया और ना ही पोस्टर बैनर पर भी कहीं जगह दी गई।
केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी आज कोईलवर पुल का उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए न तो मुख्यमंत्री को न्योता दिया गया है और ना ही जेडीयू के किसी नेता को ही बुलाया गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी किये गए आमंत्रण पत्र में न तो मुख्यमंत्री का नाम है और न ही उनके किसी नेता का। हालांकि आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र और किरण देवी का नाम इस आमंत्रण पत्र में जरूर लिखा गया है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अलावा केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह, केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, भाजपा सांसद रामकृपाल यादव, BJP विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह, राजद विधायक किरण देवी और मनेर से राजद विधायक भाई वीरेंद्र को इस कार्यक्रम में बुलाया गया है, लेकिन सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू के किसी भी नेता को नहीं बुलाया गया है।
पुल से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
नए पुल का निर्माण मौजूदा अब्दुलबारी पुल के समानांतर ही उत्तर दिशा में किया गया है। नया पुल 6 लेन का है जो 30 मीटर चौड़ा और 1.528 किलोमीटर का है। इसमें एक लेन की चौड़ाई 16 मीटर है। 825 करोड़ रुपए की लागत से पुल और अप्रोच पथ का निर्माण किया गया है।
पुल निर्माण को ससमय पूरा करने में कई चुनौतियां आईं। वर्ष 2020 में कोरोना आ जाने के कारण निर्माण में कुछ व्यवधान आया, इसके बावजूद एक लेन को चालू कर जाम की समस्या से निजात दिलाने की कोशिश की गई।
नवनिर्मित कोईलवर पुल 38 खंभों पर टिका है, पुल के दोनों ओर पैदल चलने वालों की भी व्यवस्था की गई है।
पुराने रेल सह सड़क पुल ने 154 सालों तक पटना से भोजपुर का संपर्क बनाए रखा। 1868 में अंग्रेजों ने सोन नद पर स्ट्रील का रेल सह सड़क पुल बनवाया था।