आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने बिहार लोक सेवा आयोग की ६७वीं पीटी परीक्षा के प्रश्न–पत्र लीक होने मामले की जांच तेज कर दी है। बीपीएससी पेपर लीक मामले में बड़ा अपडेट आया है। पुलिस ने इस मामले में पूछताछ के लिए आरा के बड़हरा के प्रखंड विकास पदाधिकारी जयवर्धन गुप्ता को पूछताछ के लिए पकड़ा है। इसके पहले आरा के वीर कुंवर सिंह कालेज परीक्षा केंद्र के प्राचार्य सहित वहां के तीन अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक‚ सोमवार को ईओयू ने छात्र नेता दिलीप कुमार और उसके तीन साथियों को राजधानी पटना के बोरिंग रोड़ चौराहा स्थित एक मॉल से हिरासत में लिया। सभी से पूछताछ शुरू कर दी गयी है। हालांकि ईओयू ने इसकी पुष्टि नहीं की है। बताया जाता है कि रविवार से ही छात्र नेता दिलीप पटना में दावा कर रहा था कि पेपर लीक मामले पर सबसे पहले उसने आवाज उठाई। कहीं से प्रश्न–पत्र लीक होने के बाद उसके मोबाइल पर पेपर भेजा गया था। उसके बाद उसने प्रश्न–पत्र की कॉपी अटैच कर ईमेल के जरिये सीएमओ भेज कर घटना की जांच कराने की मांग की थी। सोमवार को दोपहर बाद दिलीप इसी मामले को लेकर एक नेशनल टीवी न्यूज चैनल के कार्यालय में इंटरव्यू देने गया था। सूत्रों के मुताबिक बोरिंग रोड़ चौराहा स्थित मॉल से निकलते वक्त ही वहां पहुंची ईओयू की टीम ने दिलीप और उसके तीन साथियों को हिरासत में ले लिया। आरंभिक तौर पर ईओयू यह मान कर चल रही है कि आरा के कुंवर सिंह कॉलेज से पेपर लीक हुआ है। कॉलेज के प्राचार्य योगेंद्र सिंह और सेंटर मजिस्ट्रेट जयवर्द्धन गुप्ता को पूछताछ के लिए पटना बुलाया गया। इसके अलावा कॉलेज के चार कर्मचारियों को भी पूछताछ के लिए ईओयू के कार्यालय में तलब किया गया। सेंटर मजिस्ट्रेट जयवर्द्धन गुप्ता भोजपुर जिले में ही बडहरा के प्रखंड़ विकास अधिकारी हैं। कुंवर सिंह कॉलेज में बतौर सेंटर मजिस्ट्रेट परीक्षा कराने का दायित्व इनके ऊपर ही था।
बीपीएससी सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने बरहरा के BDO को हिरास में लिया है. बीडीओ से फिलहाल पूछताछ की जा रही है. बताया जा रहा है कि प्रखंड विकास पदाधिकारी के खिलाफ EOU की टीम को कुछ सबूत हाथ लगे हैं, जिसके बाद उनको हिरासत में लेकर पूछताछ करने का फैसला किया गया. जांच एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. पेपर लीक मामले में कई लोगों को आमने-सामने बिठाकर उनसे पूछताछ की जा रही है. बता दें कि बीपीएससी का पर्चा लीक होने के बाद पूरे अमले में खलबली मच गई थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस पर सख्त रुख अख्तियार कर लिया है.
इस बीच, खबर आ रही है कि बीपीएससी पेपर लीक मामले में ईओयू मंगलवर को बड़ा खुलासा कर सकती है. जांच एजेंसी की ओर से इस बाबत आधिकारिक तौर पर जानकारी दी जा सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ईओयू दोपहर बाद इस बाबत चौंकाने वाली जानकारी दे सकती है. बीपीएससी का पेपर लीक होने से पूरे बिहार में हंगामा मच गया था. परीक्षा के बाद शाम तक अभ्यर्थियों के बीच उहापोह की स्थिति बनी हुई थी. इसके बाद बिहार लोकसेवा आयोग की ओर से बीपीएससी-सिविल सर्विसेज की प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की घोषणा की गई थी.
BPSC पेपर लीक मामले को जल्द से जल्द सुलझाना बिहार सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। इसे देखते हुए जहां पहले जांच की जिम्मेदारी पहले सिर्फ ईओयू को दी गई दी गई थी। वहीं अब इसमें दो और जांच एजेंसियों को भी एसआईटी में शामिल कर दिया गया है। पेपर लीक मामले में अब ईओयू के साथ स्पेशल सेल और एसटीएफ भी जांच करेगी। हालांकि बताया गया कि जांच को लीड ईओयू ही करेगी
बता दें कि पेपर लीक मामले को लेकर बिहार के सभी जिले में जांच एजेसिंयां सक्रिय हो गई है। मामल में बीते सोमवार को ईओयू ने पहला एफआईआर दर्ज कराया था। साथ ही 13 सदस्यीय एसआईटी की टीम का नेतृत्व ईओयू एसपी सुशील कुमार को दी गई है। वहीं खुद ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान इस पूरे जांच की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
आरा पटना सहित कई जिलों में छापेमारी
पेपर लीक मामल में जांच टीम पटना, आरा सहित प्रदेश के कई जिलों में छापेमारी कर रही है। कल आरा से कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया गया था। वहीं आयोग के कुछ अधिकारियों की भी संलिप्तता सामने आ रही है। हालांकि जांच टीम अभी किसी मामले में स्पष्ट नहीं हो सकी है।
आरंभिक तौर ईओयू यह मान कर चल रहा है कि आरा के कुंवर सिंह कॉलेज से पेपर लीक हुआ था। कॉलेज के प्राचार्य योगेंद्र सिंह और सेंटर मजिस्ट्रेट जयवर्द्धन गुप्ता को पटना बुला लिया गया। उनसे पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा कॉलेज के चार कर्मचारियों को भी पूछताछ के लिए ईओयू के कार्यालय में बुलाया गया है। सेंटर मजिस्ट्रेट जयवर्द्धन गुप्ता वर्तमान में भोजपुर जिले में ही बडहरा के प्रखंड़ विकास अधिकारी हैं। कुंवर सिंह कॉलेज में बतौर सेंटर मजिस्ट्रेट शांतिपूर्ण तरीके से पीटी परीक्षा कराने का अहम दायित्व इनके ऊपर ही था। उस सेंटर से ‘ सी सेट ‘ का पेपर लीक हो गया। काफी तेजी से इसका वीडियो भी वायरल हो गया था। इसके बाद अभ्यर्थियों ने हंगामा शुरू कर दिया था। मामला सामने आने के बाद आयोग ने अपनी एक जांच कमेटी बनाई और रिपोर्ट आते ही परीक्षा रद् कर दी। इसके बाद पूरे मामले की जांच करने की जिम्मेदारी ईओयू को सौंप दी गयी। रविवार की देर रात में ही ईओयू के पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार अपनी टीम के साथ पटना में बेली रोड पर स्थित आयोग के कार्यालय पहुंचे थे। सोमवार सुबह जांच टीम वहां दोबारा पहुंची। टीम ने वहां काफी देर तक जांच कर परीक्षा से जुडी जानकारियों को एकत्र किया। इसके बाद टीम वहां से निकल गई। इस बीच ईओयू सूत्रों ने बताया कि वीर कुंवर सिंह कॉलेज के प्राचार्य और सेंटर मजिस्ट्रट के अलावा कॉलेज के चार कर्मियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इनसे पूछताछ के बाद विशेष जानकारी मिलने की बात बतायी जा रही है। ईओयू सूत्रों के मुताबिक कॉलेज के प्राचार्य को रविवार की देर रात टाउन थाना में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। कॉलेज इसी थाना के अधीन आता है। भोजपुर पुलिस की टीम ने भी प्रिंसिपल से रात में पूछताछ की। वरीय पुलिस अधिकारियों के निर्देश के बाद प्राचार्य को रोक कर रखा गया। अब उन्हें पटना लाया गया है। यहां उनसे पूछताछ की जा रही है। पेपर लीक मामले को लेकर चल रही जांच के बीच पुलिस ने बेली रोड़ स्थित आयोग के कार्यालय में सुरक्षा सख्त कर दी है। वहां पटना पुलिस के अलावा स्टेट रैफ की टीम को तैनात किया गया है। एएसपी (सचिवालय) काम्या मिश्रा और सदर एसड़ीओ ने जाकर सुरक्षा बंदोबस्त का जायजा लिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पेपर लीक के बाद छात्रों व विभिन्न संगठनों के प्रदर्शन के मद्ेनजर आयोग के कार्यालय की सुरक्षा सख्त कर दी गयी है। कार्यालय कर्मियों व जांच दल के अलावा अन्य किसी को भी आयोग के कार्यालय में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
बीपीएससी की पीटी परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद सूबे में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के साथ लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान और वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने सुर में सुर मिलाकर सरकार पर प्रहार शुरू कर दिया है। प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा है कि जब बीपीएससी जैसे संस्थान का पेपर लीक हो रहा है तो फिर बाकी का क्या होगा। पेपर लीक को लेकर सदन में आवाज उठाई‚ लेकिन सरकार ने नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि जिन छात्रों ने बड़़ी मेहनत से दूर से आकर परीक्षा दी‚ लेकिन परीक्षा रद् हो गयी। ऐसे हर छात्र को सरकार पांच हजार रुपये मुआवजा दे। साथ ही उन्होंने दोषियों की गिरफ्तारी की मांग भी की है।