सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विनिवेश से २०२२–२३ में 65‚000 करोड़़ रुपये जुटाने के लक्ष्य के तहत केंद्र सरकार शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडि़या (एससीआई) की बिक्री की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए सितम्बर तक बोलियां आमंत्रित किए जाने की संभावना है। कंपनी की गैर–प्रमुख संपत्तियों को अलग करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ये बोलियां मंगाई जाएंगी। रणनीतिक बिक्री प्रक्रिया के तहत सरकार शिपिंग हाउस और प्रशिक्षण संस्थान सहित एससीआई की कुछ गैर–प्रमुख संपत्तियों को अलग कर रही है। गैर–प्रमुख संपत्तियों को अलग करने की प्रक्रिया काफी समय लेती है। इसमें तीन–चार माह लग जाएंगे। शिपिंग कॉरपोरेशन के निदेशक मंड़ल की पिछले ही हफ्ते बैठक हुई थी। इसमें कंपनी की गैर–प्रमुख संपत्तियों जिनमें मुंबई का शिपिंग हाउस और पवई का मैरिटाइम ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट भी शामिल है। को शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडि़या लैंड़ एंड़ एसेट्स लि. (एससीआईएलएएल) को स्थानांतरित करने की योजना को मंजूरी दे दी गई। बही–खाते के अनुसार‚ एससीआई की गैर–प्रमुख संपत्तियों का मूल्य ३१ मार्च‚ २०२२ तक २‚३९२ करोड़़ रुपये था। एससीआईएलएएल का गठन नवम्बर‚ २०२१ में किया गया था। बंदरगाह‚ पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने अप्रैल‚ २०२२ में एससीआई को गैर–प्रमुख संपत्तियों को अलग करने की प्रक्रिया को तेजी के साथ पूरा करने को कहा था। पिछले वर्ष मार्च में सरकार को शिपिंग कॉरपोरेशन के निजीकरण के लिए अनेक बोलियां मिली थीं। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग ने दिसम्बर‚ २०२० में कंपनी में सरकार की समूची ६३.७५ प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के लिए अभिरुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किए थे। हिस्सेदारी बिक्री के साथ ही कंपनी का प्रबंधन भी स्थानांतरित हो जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंड़ल ने नवम्बर‚ २०२० में शिपिंग कॉरपोरेशन के रणनीतिक विनिवेश को सैद्धान्तिक मंजूरी दी थी। शिपिंग कॉरपोरेशन का निजीकरण अब चालू वित्त वर्ष में पूरा होने की उम्मीद है। अभी पांच पीएसयू के विनिवेश की प्रक्रिया चल रही है। इनर्मं शिपिंग कारपोरेशन के अलावा भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड़(बीपीसीएल)‚ नार्थ ईस्टर्न पावर कारपोरेशन लिमिटेड़‚कंटेनर कारपोरेशन आफ इंडि़या और टीएचड़ीसीआइएल शामिल हैं। सरकार इन कंंपनियों के प्रबंधन से भी अलग होना चाहती है। लगता है सरकार इस नीति पर अमल कर रही है कि कंपनियां चलाना उसका काम नहीं है। चाहे वह मुनाफे में ही क्यों न चल रही हों।
भारत में एंट्री के लिए स्टारलिंक को कौन सी शर्तें माननी होगी ?
एलन मस्क, जिनकी पहचान स्पेसएक्स और टेस्ला जैसी कंपनियों के प्रमुख के रूप में है, अब एक नए और क्रांतिकारी...