देश में कोरोना के मामले (Coronavirus in India) लगातार बढ़ रहे हैं। बीते 24 घंटे में कोरोना के 2451 नए मामले सामने आए हैं। गुरुवार के मुकाबले कोरोना के आज फिर मामले बढ़े हैं। वहीं, ये लगातार तीसरा दिन है जब कोरोना के देश में दो हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इससे पहले गुरुवार को कोरोना के 2,380 मामले सामने आए थे जबकि बुधवार को 2,067 केस दर्ज किए गए थे।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बीते 24 घंटे में कोरोना 1589 मरीज ठीक भी हुए हैं। कोरोना के एक्टिव मरीज बढ़कर अब 14,241 हो गए हैं। वहीं, इस दौरान कुल 54 लोगों की मौत हुई है। देश में अब तक कुल 5,22,116 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है।
दिल्ली में एक हजार से कम कोरोना के मामले
उधर, राजधानी दिल्ली में कोरोना के एक हजार से कम मामले दर्ज किए गए हैं। बीते 24 घंटे में यहां कोरोना के 965 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 635 लोग डिस्चार्ज हुए और 1 व्यक्ति की मृत्यु दर्ज की गई। अब कुल सक्रिय मामले 2,970 हो गए हैं। जबकि कुल पॉजिटिविटी दर 4.71% है।
दिल्ली में कोविड के 965 नये मामले
दिल्ली में एक दिन में कोविड-19 के 965 नये मामले सामने आये और संक्रमण दर 4.71 प्रतिशत रही. राजधानी में संक्रमण से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी. दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह जानकारी दी गई है. विभाग द्वारा साझा किये गये आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में एक दिन पहले कुल 20,480 नमूनों की जांच की गयी. आपको बता दें कि बुधवार को राजधानी में संक्रमण के 1,009 मामले सामने आए थे जो 10 फरवरी के बाद सर्वाधिक थे.
गुजरात और महाराष्ट्र में एक-एक मरीज की मौत
गुजरात में गुरुवार को कोविड-19 के 19 नये मामले सामने आए जिससे संक्रमितों की संख्या 12,24,214 हो गई और एक संक्रमित की मौत होने से मरने वालों की संख्या 10,943 हो गई. वहीं पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में कोविड-19 के 179 नये मामले आए, जो एक दिन पहले की तुलना में 17 अधिक हैं और संक्रमण से एक व्यक्ति की मौत हुई है. इसके साथ ही राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 78,76,382 हो गई, जबकि मृतक संख्या बढ़कर 1,47,831 हो गई.
जब तक सभी को वैक्सीन नहीं लग जाता कोई सुरक्षित नहीं
इधर जॉन हॉप्किन्स की वैज्ञानिक अमिता गुप्ता का कहना है कि असमान वैक्सीनेशन भारत सहित पूरी दुनिया के लिए मुद्दा है और भारत में जहां अभी तक दो फीसद से भी कम आबादी को बूस्टर डोज दी गयी है वहीं दुनिया के 56 देशों में अभी तक 10 प्रतिशत लोगों का भी वैकसीनेशन नहीं हुआ है. जॉन हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में संक्रामक रोग विभाग की प्रमुख और मेडिसिन की प्रोफेसर गुप्ता ने इस बात पर जोर दिया कि जब तक सभी का वैक्सीनेशन नहीं हो जाता है कोई कोविड से सुरक्षित नहीं है.
बिहार में भी तैयारी और मंथन जारी
कोरोना की चौथी लहर की आशंका को देखते हुए बिहार सरकार की तैयारी चल रही है। डॉक्टरों की पोस्टिंग से लेकर संसाधन की व्यवस्था की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग में अधिकारियों की बैठक में हर दिन कोरोना के बचाव को लेकर मंथन चल रहा है। अस्पतालों में कोरोना को लेकर एहतियात के साथ डॉक्टरों की तैनाती की जा रही है। इसी क्रम में पटना मेडिकल कॉलेज में 27 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर की पोस्टिंग की गई है। सरकार ने पूरे राज्य में विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में एक साल के लिए 512 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर नियुक्त किया है।
अलग-अलग विभागों में तैनाती
पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के अलग-अलग विभागों में जूनियर रेजिडेंट को पोस्ट किया गया है। यह पोस्टिंग एक साल के टेन्योर के लिए हुई है। जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर को अलग-अलग विभागों में तैनात किया गया है। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो कोरोना की चौथी लहर की आशंका को देखते हुए जूनियर रेजिडेंट को मुख्य रुप से सुपर स्पेशियलिटी विभाग में लगाया गया है। इससे गंभीर रोगियों के इलाज में काफी राहत होगी।
डॉक्टरों की कमी होगी दूर
पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में डॉक्टरों की कमी है और जूनियर रेजिडेंट की तैनाती से इस समस्या से थोड़ी राहत होगी। डॉक्टर विशेषकर उन विभागों में ही तैनात किए जाएंगे, जिस विभाग में डॉक्टरों की कमी है। सरकार ने राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में एक साल के लिए 512 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर नियुक्त किया है। इन्हें प्रतिमाह स्टाइपेंड के तौर पर 65 हजार रुपए मिलेंगे। कोरोना को लेकर चल रही तैयारी में सरकार का यह बड़ा प्रयास है। मौजूदा समय में बच्चों में एईएस (AES) और जेई (JE) के साथ गर्मी से होने वाली बीमारी का खतरा है। ऐसे में डॉक्टरों की कमी दूर होने से बड़ी राहत होगी।