भारतमाला परियोजना–२ के तहत पूर्वांचल एक्सप्रेस–वे का विस्तार बक्सर से भागलपुर वाया पटना तक किया जायेगा। इसके साथ ही राज्य में सड़़क और पुल निर्माण की लंबित कई परियोजनाओं पर जल्द काम शुरू होगा। इन परियोजनाओं पर १२ हजार करोड़़ रुपये खर्च होंगे। लंबित परियोजनाओं पर काम शुरू करने के लिए सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से हरी झंड़ी मिल गई है। यह जानकारी राज्य के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने दी। पटना में बृहस्पतिवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि दिल्ली में सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव गिरधर अरमानी के साथ एक बैठक हुई‚ जिसमें राज्य की विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) परियोजनाओं के संबंध में चर्चा हुई। बैठक में राज्य की कई लंबित परियोजनाओं के शीघ्र कार्यान्वयन अथवा उसमें गति लाने पर सहमति बनी। उन्होंने बताया कि कोईलवर–बिहटा फोरलेन सडक के निर्माण कार्य के लिए अब तक निविदा आमंत्रित नहीं किये जाने को लेकर भी बात हुई। इसपर सचिव गिरधर अरमानी ने इस परियोजना का कार्यान्वयन भारत सरकार से प्राप्त राशि से राष्ट्रीय उच्च पथ उपभाग के द्वारा कराये जाने का निर्देश दिया। मंत्री ने बताया कि इसके अतिरिक्त लगभग १२००० करोड रुपये की लागत से विभिन्न परियोजनाओं‚ जिनमें सड़़क और पुल निर्माण भी शामिल हैं‚ के कार्य की निविदा आमंत्रित कर इस वर्ष ३० जून तक कार्य आवंटित करने का निर्णय लिया गया है। मंत्री ने बताया कि चर्चा के क्रम में अदलवारी–मानिकपुर पथ पर अवस्थित गंडक नदी पर पुल निर्माण के लिए इसके मार्गरेखण का कार्य ३० अप्रैल तक पूरा करा लेने पर सहमति बनी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री पैकेज के तहत शेष बचे हुए कार्यों की स्वीकृति तथा भारतमाला परियोजना के तहत शेष बची ३७३ किमी की सडक परियोजनाओं की स्वीकृति शीघ्र प्रदान किये जाने का अनुरोध किया गया‚ जिस पर गिरधर अरमानी ने इसका अनुश्रवण खुद करने और इस पर शीघ्र निर्णय लेने की बात कही। मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि भारतमाला परियोजना–२ के तहत पूर्वांचल एक्सप्रेस का विस्तार बक्सर से भागलपुर भाया पटना तक करने पर भी सहमति बनी। इसके अतिरिक्त सुल्तानगंज–देवघर कांवरिया पथ (फोरलेन) के चौडीकरण तथा गोरखपुर–सिल्लीगुडी एक्सप्रेसवे में राज्य के महत्वपूर्ण शहरों और पर्यटन स्थलों से संपर्कता प्रदान करने के लिए स्पर देने पर भी सहमति बनी। इसके अलावा आमस–दरभंगा एक्सप्रेसवे से बोधगया एवं राजगीर को सम्पर्कता प्रदान करने के लिए भी स्पर देने पर सहमति बनी।
राज्य की विलम्बित राष्ट्रीय उच्च पथ की परियोजनाओं हाजीपुर–छपरा (एनएच–१९) और महेशखूंट–सहरसा–पूर्णिया (एनएच–१०७) के कार्य को पूरा कराने के लिए एक माह के अंदर अपेक्षित निर्णय लिये जाने पर भी बात बनी। इसके अतिरिक्त पटना शहर के सरिस्ताबाद–नत्थुपुर पथांश (२.८ किमी) का निर्माण पटना–गया–डोभी (एनएच–८३) के चेंज ऑफ स्कोप के तहत कराने तथा एनएच–११९ ए के रामनगर–कच्ची दरगाह एवं आमस–दरभंगा (एनएच–११९ डी) के कच्ची दरगाह जंक्शन पर मल्टी लेयर ट्रूंपेट बनाये जाने के लिए आईआईटी दिल्ली के तकनीकी विशेषज्ञों से स्थल अध्ययन कराने का निर्देश भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को दिया गया। पथ निर्माण मंत्री ने बताया कि राज्य अंतर्गत राष्ट्रीय उच्च पथों पर अवस्थित ६५ ब्लैक और ग्रे स्पॉट को अगले दो माह में समाप्त किये जाने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया गया। इस चर्चा में एनएचआईडीसीएल के प्रबंध निदेशक चंचल कुमार‚ सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से संजय कुमार निर्मल‚ सडक विकास विभाग के अपर महानिदेशक प्रेम राज मीणा‚ पथ निर्माण विभाग (बिहार) के मुख्य अभियंता हनुमान चौधरी‚ अभियंता प्रमुख नीरज सक्सेना‚ भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के मुख्य अभियंता महावीर सिंह के अतिरिक्त अन्य संबंधित विभागीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
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