पाकिस्तान के राजनीतिक हालात के लिए आने वाले दिन बेहद खास होने वाले हैं। 9 अप्रेल को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है। इसमें इमरान खान की हार तय है। ऐसे में इमरान खान खुद को इस पल के लिए तैयार करते नजर आ रहे हैं। इमरान खान ने एक ट्वीट में कहा है कि उन्होंने शुक्रवार को कैबिनेट और पीटीआई सांसदों की बैठक बुलाई है। इसके बाद आज शाम को इमरान खान देश को संबोधित भी करने वाले हैं। अपने ट्वीट में उन्होंने ये भी लिखा है कि उनका ये संदेश देश के नाम है कि वो हमेशा आखिरी गेंद तक लड़े हैं और इस बार भी वो आखिरी गेंद का सामना करने को तैयार हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इमरान खान की पार्टी पीटीआई की तरफ से भी ट्वीट किया गया है। इसमें कहा गया है इस वक्त प्रधानमंत्री इमरान खान को समर्थन करने की बात कही गई है। ट्वीट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दिल टूटने जैसा बताया गया है। इसमें कहा गया है कि इस फैसले ने सभी को निराश किया है, लेकिन संस्थानों पर कोई हमला न करे। हम अच्छे दिन भी देखेंगे। पीटीआई ने इसको #BehindYouSkipper के साथ ट्वीट किया है।
पाकिस्तानी कौम को मुबारकबाद -नवाज शरीफ
मैं पाकिस्तानी कौम को मुबारकबाद देना चाहूंगा। पाकिस्तानी कौम को ऐसे शख्स से निजात मिली है जिसने पाकिस्तान को बिल्कुल बर्बाद कर किया और जनता को भूखे मारा तथा कंगाल कर दिया है। आज का दिन पाकिस्तान के लिए बहुत अच्छा दिन है: पूर्व PM नवाज शरीफ,लंदन
संसद भंग करने का फैसला अंवैधानिक -पाक सुप्रीम कोर्ट
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल असेंबली को बहाल करने का आदेश देते हुए कहा कि संसद भंग करने और चुनाव कराने का प्रधानमंत्री इमरान खान का कदम ‘‘असंवैधानिक’’ था
सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?
डिप्टी स्पीकर ने 3 अप्रैल को आर्टिकल 5 का हवाला देते हुए महज 7 मिनट की कार्यवाही के बाद अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया था। मुल्क में गुस्से को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुओ मोटो (स्वत: संज्ञान) लिया। तमाम पक्षों को बुलाया।
3 अप्रैल को शुरू हुई सुनवाई 7 अप्रैल तक चली। फैसले का अंदाजा अटॉर्नी जनरल की दलील से लगा। उन्होंने पांच जजों की बेंच से कहा- मैं अविश्वास प्रस्ताव खारिज किए जाने और संसद भंग के लिए जाने का बचाव नहीं कर सकता।
आगे क्या होगा?
संसद बहाल हो गई है। 9 अप्रैल, यानी शनिवार को सुबह 10 बजे अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के मुताबिक, किसी भी सूरत में रात 10 बजे तक वोटिंग का फैसला आ जाना चाहिए।
इमरान की हार बस औपचारिकता है। बहुमत के लिए 172 वोट चाहिए। विपक्षी गठबंधन (पाकिस्तान डेमोक्रेटिक फ्रंट या PDM) के पास 200 से ज्यादा वोट हैं। इमरान के कई मंत्री और सांसद विपक्ष के साथ जा चुके हैं।
सरकार गिरने के बाद दो विकल्प हैं। पहला- विपक्ष नई सरकार बनाने का दावा करे। दूसरा- केयर टेकर सरकार बनाई जाए और वो नए चुनाव होने तक मुल्क के रोजमर्रा से जुड़े प्रशासनिक काम करे।

किसके लिए क्या मायने?
इमरान खान : पाकिस्तान के पत्रकार हामिद मीर के मुताबिक- कप्तान के लिए ये सियासी खुदकुशी से ज्यादा कुछ नहीं। अब उनका मुल्क में रहना भी मुश्किल हो जाएगा। एक और पत्रकार सलीम साफी कहते हैं- खान और उनके इम्पोर्टेड मिनिस्टर्स बहुत जल्द देश छोड़ देंगे। कुछ पहले ही जा चुके हैं। फौज की लेबोरेट्री से निकला इमरान का फॉर्मूला फेल हो गया है। फौज की जबरदस्त बदनामी हुई है।
विपक्ष : इनकी हालत भी बहुत अच्छी नहीं। सब अपना-अपना हिस्सा चाहेंगे। आसिफ अली जरदारी चाहेंगे कि बेटा बिलावल PM बने। नवाज शरीफ की कोशिश भाई शहबाज को PM बनाने की होगी। मौलाना फजल-उर-रहमान खैबर पख्तूनख्वा में अपनी सरकार का दावा ठोकेंगे। नवाज शरीफ की पार्टी (PMLN-N) का पलड़ा पंजाब में भारी है। पंजाब में जिसकी सरकार होती है, वही केंद्र में भी राज करता आया है। जरदारी चाहेंगे कि किसी भी सूरत में नवाज की पार्टी सिंध प्रांत में पैर न पसारे।
फौज : फौज और ISI की इमरान की वजह से बहुत बदनामी हुई है। इमरान उनके लिए गले की हड्डी बन गए और ये मानकर चलिए कि सुप्रीम कोर्ट का सरकार के खिलाफ फैसला फौज की मंजूरी के बाद ही आया है। अब वो इस तरह के प्रयोगों से बचेगी। इमरान ने न सिर्फ इकोनॉमी तबाह की, बल्कि अमेरिका और यूरोप के साथ भी रिश्ते खराब कर लिए। सऊदी अरब और UAE भी पाकिस्तान को भाव नहीं दे रहे।

सुनवाई के दौरान ये भी हुआ
SC ने कहा- कोई भी सरकार संविधान से ऊपर नहीं है। यह सरकार यही बात भूल गई थी। सरकार किसी की वतन परस्ती पर सवाल नहीं उठा सकती। आप किसी को मुल्क का गद्दार कैसे कह सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आपने NSC (नेशनल सिक्योरिटी कमेटी) की मीटिंग को सीक्रेट बताया। हमें भी उसकी डीटेल्स नहीं दीं। ये बताएं कि इतनी बड़ी मीटिंग मेें फॉरेन मिनिस्टर और NSA शामिल क्यों नहीं हुए? वो तो इस्लामाबाद में ही मौजूद थे।
इमरान के मंत्री फवाद चौधरी की धमकी- सुप्रीम कोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग का ऑर्डर दिया तो मुल्क में खतरनाक हालात बन जाएंगे।
चीफ जस्टिस ने शहबाज शरीफ और बिलावल भुट्टो को भी बुलाया। बिलावल भुट्टो से कहा- सिर्फ आप हैं जो इन हालात में भी मुस्करा रहे हैं।
फैसला सुनाने से पहले चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान ने चीफ इलेक्शन कमिश्नर से बातचीत की थी। इलेक्शन कमीशन ने कहा कि हम किसी भी वक्त चुनाव कराने के लिए तैयार।
कहां बदल गया खेल? जब अटॉर्नी जनरल ने कहा- मैं डिप्टी स्पीकर या सरकार के फैसले की हिमायत नहीं करूंगा।