विकासशील इंसान पार्टी (VIP) सुप्रीमो मुकेश सहनी न तो बीजेपी के साथ रहना चाहते हैं और न ही एनडीए का साथ छोड़ना चाहते हैं। MLC चुनावों में उनकी रणनीति को देखकर तो यही प्रतीत होता है। पहले तो गठबंधन में साथी बीजेपी के खिलाफ यूपी में चुनाव लड़ कर आए। फिर अब बिहार विधान परिषद के लिए होने चुनाव में अपने 7 उम्मीदवारों को उतारा है। यह सातों उम्मीदवार बीजेपी के खिलाफ उतारे गए हैं। VIP के उम्मीदवार जहां से नहीं हैं, वहां सहनी ने एनडीए के उम्मीदवारों को सपोर्ट करने की घोषणा की है। इस अजीबोगरीब राजनीति को लेकर सत्तारूढ़ दल के नेता भी कंफ्यूज हैं।
चुन-चुन कर BJP के खिलाफ VIP ने उतारे उम्मीदवार
मुकेश सहनी ने समस्तीपुर से आदर्श कुमार, बेगूसराय-खगड़िया से जय-जय राम सहनी, सहरसा-मधेपुरा-सुपौल से चंदन कुमार, सारण से बालमुकुंद चौहान, रोहतास-कैमूर से गोविंद सिंह, पूर्णिया-अररिया-किशनगंज से श्यामानंद सिंह और दरभंगा से वैद्यनाथ साहनी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
सहनी ने खास तौर पर उन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जहां से भाजपा के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। यानी अब यूपी के बाद एक बार फिर से मुकेश सहनी बिहार में बीजेपी के साथ दो-दो हाथ करने को तैयार हैं।
मुकेश सहनी 15 NDA के उम्मीदवारों का करेंगे सपोर्ट
हालांकि, मुकेश सहनी ने एक और लिस्ट जारी की है, जिसमें उन्होंने 15 एनडीए के उम्मीदवारों को सपोर्ट करने की बात कही गई है। इस लिस्ट में 11 जेडीयू के और एक राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार हैं। तीन भाजपा के उम्मीदवार हैं। मुकेश सहनी की ओर से जो लिस्ट जारी की गई है उसमें लिखा गया है बिहार विधान परिषद के लिए होने वाले स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र चुनाव में VIP एनडीए के 15 उम्मीदवारों का समर्थन करेगी।
वहीं, बीजेपी के दो ऐसे उम्मीदवार हैं जिन्हें VIP न तो अपना समर्थन देगी और न विरोध करेगी। सीवान के उम्मीदवार मनोज कुमार सिंह, पूर्वी चंपारण के उम्मीदवार राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता के खिलाफ इस पार्टी न्यूट्रल रुख अपनाया है।
24 मार्च के बाद मुकेश सहनी की विदाई तय
अजय निषाद ने दावा किया कि मुकेश सहनी को एनडीए से निकालने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बोचहां विधानसभा उपचुनाव के लिए 24 मार्च को नामांकन करने का आखिरी दिन है। यदि उस दिन तक वीआइपी अपना उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारती है तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। वैसे भी उनका कोई भी विधायक उनके साथ नहीं है। एनडीए के सहयेाग से जीत कर आए वीआइपी के तीनाें विधायक एनडीए के हैं और वे भाजपा में शामिल हो जाएंगे। मुजफ्फरपुर सांसद के इस रहस्योद्घाटन के बाद ही लोगों को इस बात की जानकारी हो सकी है कि बिहार विधानसभा चुनाव के समय मुकेश सहनी और अमित शाह के बीच क्या समझौता हुआ था? यदि उन्होंने इस राज से पर्दा न हटाया होता तो यह राज राज ही बनकर रह जाता।
क्यों हो रहा वीआईपी और बीजेपी में विवाद
वीआईपी और बीजपी के बीच ये नोकझोंक यूपी चुनाव के वक्त से चलता आ रहा है। यूपी चुनाव में वीआईपी के सुप्रीमो मुकेश सहनी ने बीजेपी के खिलाफ चुनावी मैदान में प्रत्याशी उतारा था। वीआईपी की ओर से 53 सीटों पर उम्मीदवार उतारे गए थे। इसके बाद बिहार में 24 सीटो पर होने वाले एमएलसी चुनाव में एनडीए के तरफ से मुकेश सहनी को एक भी सीट नहीं दी गई है।
आगे और भी हो सकता है विवाद
वीआईपी और बीजेपी के बीच आने वाले समय में और भी ज्यादा विवाद बढ़ सकता है। 12 अप्रैल को बोचहा में उपचुनाव होना है। यहां से वीआईपी के विधायक मुसाफिर पासवान थे । लेकिन, उनके दिवंगत हो जाने के बाद बीजेपी भी ताल ठोक रही है। वहीं, दूसरी तरफ मुकेश सहनी भी कह चुके है।की सूरज पश्चिम से क्यों न उग जाए लेकिन बोचहा से वीआईपी ही लड़ेगी।