समाज सुधार अभियान के क्रम में शनिवार को पूर्णिया पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनसेवा को अपना धर्म बताया। यहां के ऐतिहासिक इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा‚ ‘मैं वर्ष २००५ से ही आपकी सेवा कर रहा हूं। जनता की सेवा करना ही मेरा धर्म है। चाहे आप किसी को वोट दें‚ लेकिन हमने जो काम किया है‚ उसे भी नहीं भूलें। ॥ उन्होंने प्रदेश में पिछली सरकार के कार्यकाल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वह दिन याद करें‚ जब शाम होते ही लोग घर से बाहर नहीं निकलते थे‚ लेकिन मेरी सरकार ने बिहार में कानून का राज स्थापित किया। पोशाक और साइकिल योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पहले पांचवीं से आगे बेटियां नहीं पढ़ती थीं‚ लेकिन इन योजनाओं ने बच्चियों को आगे बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत से लेकर नगर निकाय में महिलाओं को ५० फीसद और बिहार पुलिस में ३५ प्रतिशत आरक्षण दिया गया। आज बिहार में जितनी महिलाएं पुलिस विभाग में हैं‚ उतनी किसी राज्य में नहीं है। उन्होंने कहा कि समाज में महिला और पुरुष बराबर हैं। दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।इसलिए अब समाज से दहेज प्रथा का कलंक भी खत्म करें।
सीएम ने कहा कि महिलाओं की मांग पर ही हमने राज्य में शराबबंदी लागू की। पहले ग्रामीण क्षेत्रों में इसे लागू किया गया‚ लेकिन जब शहर की महिलाएं भी शराब का विरोध करने लगीं‚ तब पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गई। हालांकि इतनी सख्ती के बावजूद आज भी लोग चोरी–छुपे जहरीली शराब पी रहे हैं और मर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी जानते है कि शराब बुरी चीज है‚ फिर भी पीते हैं और मरते हैं‚ तो इसमें पीने और पिलाने वाला दोषी है। उन्होंने कहा कि जहरीली शराब कांड के बाद उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की गई। दोषियों को सजा भी मिल रही है। मद्य निषेध विभाग अपना काम करता रहेगा। यह अभियान रुकेगा नहीं। शराब बेचने वालों को पकड़ने के लिए ३४ ड्रोन और चार हेलीकॉप्टर ड्रोन की मदद ली जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आजादी की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे थे‚ उसी दौरान वह शराबबंदी की भी मुहिम चला रहे थे। गांधी जी कहा करते थे‚ शराब पीने वाला इंसान से हैवान हो जाता है। शराब पैसा ही नहीं छीनता‚ बल्कि बुद्धि भी हर लेता है। जब महात्मा गांधी शराबखोरी के खिलाफ थे‚ तो हम और आप क्या हैं। इसलिए शराबबंदी अभियान लगातार जारी रखना है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस वक्त भी गड़बड़ कर रहे हैं। शराबबंदी पर तंज कस रहे हैं। बार–बार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) अपनी रिपोर्ट जारी कर रहा है‚ लेकिन ये गड़बड़ करने वाले लोग न बापू की सुनते हैं और न ही डब्लूएचओ की। उन्होंने कहा कि उन्होंने बापू के नाम पर पटना में बापू सभागार का निर्माण कराया है‚ अब शराबबंदी की तरह बापू सभागार से दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ भी बिगुल बज चुका है।