झल्लन आते ही बोला‚ ‘ददाजू‚ पिछले चुनाव में हम अपना घोषणा–पत्र जारी किये थे पर वोटर ध्यान नहीं दिये थे। इस बार हम संकल्प से समृद्ध‚ वचन से बद्ध‚ सत्य से निष्ठ‚ लोक कल्याण से पुष्ट‚ विधान से उन्नत और जनता के लिए मदमस्त‚ सत्य वचन के साथ अपना संकल्प–पत्र लाये हैं‚ इस पर अटूट वादे का वचन–पत्र चढाये हैं और कुल मिलाकर अपने चतुर–चालाक मतदाता के लिए उनकी उन्नति का विधान बनाए हैं।’
हमने कहा‚ ‘लोक कल्याण संकल्प–पत्र‚ सत्य वचन‚ अटूट वादे वाला वचन–पत्र और उन्नति विधान तो चुनाव से पहले ही आ गये हैं‚ अखबार‚ टीवी पर छा गये हैं। सब एक–दूसरे को झूठा–फरेबी बताकर तीन चरण चुनाव पूरा कर रहे हैं और हमारे झल्लन मियां अपने संकल्पों का वचन–पत्र अब लेकर आ रहे हैं।’ झल्लन बोला‚ ‘देखो ददाजू‚ चुनाव तो आएंगे–जाएंगे पर जागरूक मतदाता हमारे वचन–पत्र का लाभ बाकी के चरणों में उठाएंगे और जो वंचित रह जाएंगे वे इसका फायदा अगले चुनाव में पाएंगे। और ददाजू‚ अपना यह वचन–पत्र हम ऐसे ही नहीं बना लिये हैं‚ इसमें हमने अपने मोहल्ले के सारे फंकीबाज–फक्कड‚ बेरोजगार–आवारा‚ निखट्टू–नाकारा‚ चौकीदार–पल्लेदार सबके मशविरे शामिल किये हैं। इसमें बहुत दिमागी संसाधन लगाए हैं तब कहीं जाकर अपना ये वचन–पत्र बना पाये हैं।’ हमने कहा‚ ‘तो तूने अपना ये वचन–पत्र किसी को सुनाया‚ किसी को दिखाया‚ इस पर टीवी का समर्थन पायाॽ’
झल्लन बोला‚ ‘सुनाने के लिए हम मीडिया के पास गये थे पर किसी ने हमें घास नहीं डाली‚ सो इसे सुनाने आपके पास चले आये हैं‚ समझो ये वचन–पत्र हम आपके लिए ही लाये हैं।’ हमने कहा‚ ‘जरा सुना‚ बता‚ तेरे वचन–पत्र में ऐसी क्या खूबी है जिसे सुना जाये और जो तेरे वोटर के मन को भा जायेॽ’ झल्लन बोला‚ ‘सबसे पहले हम हर किसान का कर्जा माफ कराएंगे और जिसने कर्ज नहीं लिया होगा उसे कर्ज दिलाएंगे और फिर उसे माफ कराएंगे। सिंचाई के लिए हम मुफ्त बिजली बिल्कुल नहीं देंगे। हर किसान से भरपूर सिंचाई कराएंगे और बिजली का जो बिल आएगा उसे सरकार से भरवाएंगे। हर उपभोक्ता को हजार यूनिट बिजली मुफ्त दिलवाएंगे और जो हजार यूनिट से कम खर्च करेगा उस पर जुर्माना लगाएंगे। किसान आंदोलन के शहीदों को पच्चीस लाख की जगह पिचहत्तर लाख दिलवाएंगे और जो किसान घर बैठे मर गये हों उनका नाम भी शहीदों में लिखवाएंगे। हर गरीब को पांच रुपये की थाली दिलवाएंगे और जो हमारी थाली नहीं खरीद पाये उसे थाली के लिए गरीब बनवाएंगे। हर युवक को बडा चौपहिया दिलवाएंगे और हर युवती के घर छोटा चौपहिया भिजवाएंगे और जो चलाना नहीं जानते होंगे उन्हें चलाना भी सिखवाएंगे। जो भी अपने आपको वृद्ध बताएगा उसे पेंशन दिलवाएंगे और पचास हजार की मासिक पेंशन सीधे उसके खाते में डलवाएंगे। भ्रष्टाचारियों को जेल भिजवाएंगे और जेल में जगह नहीं मिली तो जेल की सारी सुविधा घर पर ही मुहैया कराएंगे। अगर पता लगा कि कोई भ्रष्टाचारी नहीं है तो हम उसे अपराधी ठहराएंगे और भ्रष्टाचार न करने के जुर्म में जेल अवश्य पहुंचाएंगे। इसके लिए हर गांव–मोहल्ले में जेल बनवाएंगे और प्रधानमंत्री नहीं‚ हर जेल का उद्घाटन करने हम खुद जाएंगे।’
हमने कहा‚ ‘भई‚ कांग्रेस कह रही है कि भगवान परशुराम की जयंती पर अवकाश करवाएगी‚ यहां तेरे वचन की कौन सी धारा काम आएगीॽ’ झल्लन बोला‚ ‘इस मामले में हमारा वचन–पत्र बिल्कुल स्पष्ट है कि इस देश में जिस–जिसके पास जो भी भगवान हैं उन सबकी जयंती पर अवकाश कराएंगे और जिनके पास भगवान नहीं होगे उनके लिए नये भगवान खोजकर लाएंगे।’ हमने कहा‚ ‘उन्नति विधान में व्यवस्था है कि अनुसूचित जाति के बच्चों को मुफ्त शिक्षा दिलाई जाएगी‚ यहां तेरी कौन सी शिक्षा नीति काम आएगीॽ’ झल्लन ने कहा‚ ‘देखिए ददाजू‚ हम मुफ्त शिक्षा नीति के सख्त समर्थक हैं‚ पर इतना जोडेंगे कि जो बच्चे अनुसूचित जाति या जनजाति के नहीं हैं उन्हें सबसे पहले अनुसूचित जाति–जनजाति का बनवाएंगे‚ पर शुरू से लेकर आखिर तक सबको शिक्षा मुफ्त में ही दिलवाएंगे।’
हमने कहा‚ ‘विकास के लिए क्या करेगा‚ उसके लिए क्या प्रावधान रखेगाॽ’ झल्लन बोला‚ ‘देखिए ददाजू‚ इस मामले में हम बिल्कुल समझौता नहीं करेंगे और सत्य वचन के साथ अपना वचन–पत्र पूरा करेंगे। उन्होंने शहर से शहर तक एक्सप्रेस–वे बनवाए हैं पर हम गांव से गांव तक एक्सप्रेस–वे बनवाएंगे और उन पर खटारा बसें नहीं‚ सीधे हवाई जहाज उतरवाएंगे‚ और जिस गांंव तक हमारा एक्सप्रेस–वे नहीं जाएगा उसे उठाकर हम सीधे एक्सप्रेस–वे तक ले आएंगे।’ हमने कहा‚ ‘बाकी सब वचन–पत्र‚ संकल्प–पत्र हर घर में रोजगार देने की बात कर रहे हैं‚ यहां तेरा वचन–पत्र क्या कहेगा और रोजगार के लिए क्या करेगाॽ’ झल्लन बोला‚ ‘देखिए ददाजू‚ जिनके पास रुजगार नहीं हैं तो हम उनकी बेरुजगारी को ही बडा रुजगार घोषित कर देंगे और बेरुजगारी की समस्या को एक झटके में ही खत्म कर देंगे।’ हमने कहा‚ ‘तुझे लगता है तेरा वचन–पत्र वोटरों को भाएगा‚ उन्हें लुभाएगाॽ’ झल्लन बोला‚ ‘सुनो ददाजू‚ बाकी सबके वचन–पत्र झूठ का पुलिंदा हैं‚ चुनाव बाद सब भूल जाएंगे‚ बस‚ हमीं वचन के पक्के हैं‚ सो हमीं वादा निभाएंगे‚ हमीं वोटरों की नैया पार लगाएंगे‚ अगर वोटरों ने हमें वोट नहीं दिया तो ससुर बहुत पछताएंगे।