वर्षों लंबे इंतजार के बाद अखिरकार शुक्रवार को मुंगेर में गंगा नदी पर बने रेल सह सड़़क पुल (श्रीकृष्ण सेतु) को जनता को समर्पित किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय सड़़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने ६९६ करोड़़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना का लोकार्पण किया। इस परियोजना के पूरा होने से अब मुंगेर और खगडि़या के बीच की दूरी १०० किलोमीटर तथा मुंगेर–बेगूसराय के बीच की दूरी २० किलोमीटर कम हो गयी है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीकृष्ण सेतु के चालू हो जाने से बिहार की उन्नति के द्वार खुलेंगे। अब दूसरे जिलों से कारोबार बढ़गा। उन्होंने कहा कि भले ही श्रीकृष्ण सेतु के निर्माण में विलंब हुआ है‚ लेकिन इस पर परिचालन शुरू होने से मुंगेर और खगडि़या एक हो गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री स्व.श्रीकृष्ण बाबू के नाम से सेतु का नामकरण किया गया है‚ इससे बड़ी खुशी की बात नहीं हो सकती। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि इस सेतु के शिलान्यास के दिन मुंगेर में दिवाली मनी थी। आज भी आपलोग दिवाली मनायें। उन्होंने कहा कि राज्य में जहां तक शिक्षा‚ स्वास्थ्य‚ बिजली‚ सड़क या पुल की बात हो‚ तो हर क्षेत्र में तेजी से काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी जी का सपना साकार हो गया है। अब यह पहले वाला बिहार नहीं है। यह पूरी तरह बदल गया है। उन्होंने कहा कि मुंगेर जिले में कृषि‚ सिंचाई और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण काम हुए हैं। अभी और बहुत कुछ होना बाकी है। सीएम ने कहा कि श्रीकृष्ण सेतु के निर्माण में कई अड़चनें आयीं‚ पर काम को नहीं रोका गया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र की विशेष इथेनॉल नीति २०२१ से राज्य में उद्योगों को बढावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को रेल सह सड़क पुल की पहुंच पथ परियोजना का लोकार्पण करने के बाद आयोजित कार्यक्रम में कहा कि वर्ष २००७ में गन्ने से इथेनॉल बनाने के लिए २१ हजार करोड़ का प्रस्ताव राज्य सरकार को प्राप्त हुआ था। इस संबंध में तत्कालीन केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था‚ लेकिन मंजूरी नहीं मिली। तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा गन्ने से चीनी बनाने का हवाला दिया गया और इस खाद्य सुरक्षा से जोड़ा गया। मुख्यमंत्री ने कहा‚‘१० दिसम्बर २०२० को कोईलवर में सोन नदी पर बने नये पुल के उद्घाटन के अवसर पर भी हमने कहा था कि गन्ना से इथेनॉल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिले‚ इसके लिए हमलोग वर्ष २००७ से प्रयास कर रहे थे। ॥ ॥ अब केंद्र सरकार ने निर्णय ले लिया है और विशेष इथेनॉल नीति २०२१ लागू की गई है। इससे बिहार में उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। यदि प्रारंभ में ही केंद्र से मंजूरी मिल जाती‚ तो बिहार में उद्योगों को बढ़ावा मिलता।’ उन्होंने कहा कि अब तक १८७ करोड़ लीटर वार्षिक इथेनॉल उत्पादन क्षमता वाली २९ इकाइयों के आवेदन आये हैं। केंद्र ने ३५.२८ करोड़ लीटर उत्पादन क्षमता के लिए १७ इकाइयों को चयनित किया है। बिहार में मक्के का उत्पादन तीनों सीजन में बहुत ज्यादा होता है। यहां उत्पादित मक्का दूसरे राज्यों में जाता है। केंद्र सरकार द्वारा अगर मक्के से इथेनॉल बनाने की भी अनुमति मिलती‚ तो बिहार को काफी फायदा होता। पेट्रोल–डीजल में इथेनॉल का मिश्रण किया जाता है‚ इसलिए मक्के से इथेनॉल बनाने की दिशा में भी सकारात्मक प्रयास करना चाहिए। इससे बिहार में उद्योग बढ़ेगा‚ जिससे लोगों को रोजगार मिलेगा।
भागलपुर में विक्रमशिला पुल के समानांतर नये पुल का निर्माण इसी वर्ष दिसम्बर महीने में शुरू होगा। यह बात शुक्रवार को केंद्रीय परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने कही। गड़करी ने कहा कि आज बिहार के लिए बड़ा खास दिन है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी और तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने जिस सेतु का शिलान्यास किया था‚ आज उसी का शुभारंभ हुआ है यह राज्य का तीसरा रेल सह सड़क पुल है। इससे राज्य में पर्यटन‚ कृषि और उद्योग में फायदा होगा।यह बिहार के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि भोजपुर के कोइलवर में सोन नदी पर पुल का निर्माण तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार से पश्चिम बंगाल‚ झारखंड़ और उत्तर प्रदेश के लिए कई एक्सप्रेस–वे का निर्माण होना है। राम जानकी मार्ग अयोध्या से सीतामढ़ी के भिा मोड़ होते हुए नेपाल सीमा तक बनेगा। गड़करी ने कहा कि दो लाख करोड़ रुपये बिहार में सड़क और पुल के निर्माण पर खर्च हो रहे हैं। पांच लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। उन्होंने कहा कि बिहार की सड़कें पांच वर्षों में अमेरिका की तरह होंगी।