बुधवार की रात बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए मगध प्रक्षेत्र के आईजी (Magadh Range IG) अमित लोढ़ा और गया के एसएसपी (Gaya SSP) आदित्य कुमार को उनके पद से चलता कर दिया. भारतीय पुलिस सेवा के 1998 बैच के अधिकारी अमित लोढ़ा को वेटिंग फॉर पोस्टिंग में डालते हुए बिहार पुलिस मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है. यही नहीं सरकार ने गया के एसएसपी और 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार (IPS Aditya Kumar) को भी पद से हटाते हुए पदस्थापन की प्रतीक्षा में बिहार पुलिस मुख्यालय बुला लिया गया है.
नीतीश सरकार ने गया के पूर्व जिलाधिकारी और बुडको के प्रबंध निदेशक अभिषेक सिंह को भी बुडको के प्रबंध निदेशक के पद से हटाते हुए बिहार राज्य योजना परिषद का परामर्शी बनाया गया है. सामान्य प्रशासन विभाग ने अभिषेक सिंह को बुडको के एमडी के पद से हटाने की अधिसूचना बुधवार की शाम जारी कर दी. इन तीनों अधिकारियों को महत्वपूर्ण पद से हटाया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है, हालांकि आधिकारिक तौर पर सरकार की ओर से किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई है.
अमित लोढ़ा और आदित्य कुमार तेजतर्रार और कड़क अफसर माने जाते रहे हैं. अभिषेक सिंह भी बिहार सरकार की नजर में एक काबिल और योग्य अफसर रहे हैं. गृह विभाग की अधिसूचना के अनुसार बिहार पुलिस मुख्यालय में आईजी के पद पर तैनात विनय कुमार मगध प्रक्षेत्र के नए आईजी होंगे जबकि बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस में समादेष्टा के पद पर तैनात हरप्रीत कौर को गया का नया एसएसपी बनाया गया है.
गृह विभाग ने 10 डीएसपी के तबादले की अधिसूचना भी बुधवार की रात जारी की है. इस अधिसूचना के अनुसार बिहार पुलिस सेवा के अधिकारी सुशील कुमार को पुलिस उपाधीक्षक विधि व्यवस्था नालंदा बनाया गया है. राजेश कुमार को पुलिस उपाधीक्षक सुरक्षा नालंदा बनाया गया है. कुमार ऋषिराज को एसडीपीओ दाउदनगर औरंगाबाद बनाया गया है. विनोद कुमार को एसडीपीओ पुपरी सीतामढ़ी बनाया गया है जबकि विप्लव कुमार को एसडीपीओ जयनगर बनाया गया है. विपिन कुमार को पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय अरवल बनाया गया है. श्रीमती ज्योति को पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय गोपालगंज बनाया गया है वहीं रोशन कुमार गुप्ता को पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय टू भागलपुर बनाया गया है. अमित कुमार को पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय लखीसराय बनाया गया है जबकि संदीप गोल्डी को पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय शेखपुरा बनाया गया है.
चार ड़ीएसपी पर शुरू हुई विभागीय कार्यवाही
बालू के अवैध खनन में लिप्त और मलाई खाने वाले चार डीएसपी को सरकार बख्शने के मूड में नहीं है। चारों डीएसपी को पहले निलंबित किया गया और अब विभागीय कार्यवाही शुरू की गई है। पटना के आईजी राकेश राठी को सरकार ने संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया है। इसके पहले गृह विभाग ने चारों अधिकारियों से जवाब मांगा था। जवाब से गृह विभाग संतुष्ट नहीं हुआ और विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्णय लिया है। इन अधिकारियों में आरा सदर के तत्कालीन एसडीपीओ पंकज कुमार रावत‚ पालीगंज के तत्कालीन एसडीपीओ तनवीर अहमद औरंगाबाद सदर के एसडीपीओ अनूप कुमार और डिहरी के तत्कालीन एसडीपीओ संजय कुमार शामिल हैं। इन चारों एसडीपीओ बालू के अवैध खनन‚ परिवहन और कारोबार में लिप्त पाए गए थे। सरकार ने २७ जुलाई २०२१ को निलंबित कर दिया था। आर्थिक अपराध इकाई ने इन सभी के ठिकानों पर आय से अधिक संपत्ति केस में छापेमारी भी की थी। सरकार ने इन भ्रष्ट अफसरों को निलंबित करने के बाद २७ अगस्त २०२१ को इनका पक्ष जाना था‚ लेकिन सरकार इनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुई और उसे अस्वीकार कर दिया। निलंबित चारों डीएसपी को १० दिनों के अंदर संचालन पदाधिकारी के समक्ष हाजिर होने को कहा गया है।