मुजफ्फरपुर की चर्चित बालिका गृह कांड जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। अब उस पर फिल्म बनने जा रही है। सच्ची घटना पर आधारित फिल्में बनाने के लिए जाने जाने वाले राइटर-डायरेक्टर कुमार नीरज लोगों के बीच अब बिहार के जीवंत मुद्दे को एक बार फिर से पर्दे पर दिखाने जा रहे हैं। बिहार के माथे पर कलंक की वो कहानी जिसने सबको झकझोर के रख दिया था। अब उसी शेल्टर होम की घटना को राइटर-डायरेक्टर कुमार नीरज पर्दे पर दिखाने जा रहे हैं अपनी हिंदी फिल्म ‘नफीसा’ के जरिए।
मार्च से शुरू होगी फिल्म की शूटिंग
हिंदी फिल्म ‘नफीसा’ के बारे में कुमार नीरज का कहना है कि ये फिल्म बिहार के माथे पर लगे उस कलंक की कथा को पर्दे पर जीवंत करेगी और असली सच्चाई भी बताएगी। कुमार नीरज की मानें तो ये उनकी मोस्ट अवेटेड फिल्मों में से एक है। इस पर कई महीनों से काम चल रहा था। लेकिन, कुछ निजी कारणों और कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से उनका ये प्रोजेक्ट कुछ समय के लिए रुक गया था। लेकिन, अब इस हिंदी फिल्म की शूटिंग मार्च से शुरू होने जा रही है। फिल्म की शूटिंग मुंबई और बिहार में होने वाली है।
मास्टरमाइंड ब्रजेश को अंतिम सांस तक उम्रकैद
मुजफ्फरपुर जिले के टाउन थाना क्षेत्र के साहू रोड के रहने वाले ब्रजेश ठाकुर का साम्राज्य देखते-देखते समाप्त हो गया था। ब्रजेश बालिका गृह कांड का मुख्य आरोपी या कहें तो मास्टरमाइंड था। वह एक दैनिक अखबार का संपादक भी था। बालिका गृह में लड़कियों के साथ जो भी घिनौने करतूत हुए उसमे ब्रजेश के अलावा 21 लोग के नाम सामने आए थे। जिसमें महिलाएं भी इस दरिंदगी में बराबर की हिस्सेदार थीं।
कोर्ट ने एक को इस मामले से बरी कर दिया। वहीं, ब्रजेश समेत अन्य 20 को दिल्ली के साकेत कोर्ट ने सजा सुनाई। ब्रजेश को अंतिम सांस (उम्र कैद) तक जेल में रहने की सजा सुनाई गई थी। वहीं, एक आरोपी रामानुज की मौत बीमारी से 2020 में तिहाड़ जेल में हो गई थी। ब्रजेश पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला चल रहा है। उसकी संपत्तियों को ED ने जब्त कर लिया है।
TISS की रिपोर्ट से हुआ था खुलासा
सबसे पहले मई 2018 मुंबई की संस्थान TISS (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस) की टीम ने बालिका गृह का सर्वेक्षण किया। इसके बाद उसने रिपोर्ट जारी किया कि यहां कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बालिका गृह में रहने वाली लड़कियों के साथ दरिंदगी होती है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। बाल संरक्षण इकाई के तत्कालीन सहायक दिवेश कुमार वर्मा ने 31 मई को महिला थाना में FIR दर्ज कराई। जिसमें ब्रजेश ठाकुर और उसमें रहने वाली महिला कर्मियों और ब्रजेश की राजदार मधु उर्फ साइस्ता परवीन को आरोपी बनाया।
मामले को गम्भीरता से लेते हुए तत्कालीन SSP हरप्रीत कौर ने फौरन ब्रजेश की गिरफ्तारी का आदेश दिया। FIR दर्ज होने के एक दिन बाद ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। लड़कियों को वहां से हटाकर दूसरे जिले में शिफ्ट किया गया। ब्रजेश की गिरफ्तारी के साथ ही मधु फरार हो गई।
फिर CBI को मिला केस
FIR दर्ज होने के ठीक एक महीने बाद ये केस CBI को मिल गया। मुजफ्फरपुर आकर CBI ने जांच शुरू की। एक-एक कर 21 को आरोपी बनाया गया। इसमें ब्रजेश के अलावा, मधु, बाल संरक्षण इकाई की तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी, तत्कालीन बाल संरक्षण पदाधिकारी रवि रौशन, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वर्मा, सदस्य विकास कुमार, महिला कर्मी मीनू देवी, मंजू देवी, इंदु कुमारी, नेहा कुमारी, चंदा देवी, हेमा मसीह, किरण कुमारी, विजय तिवारी, गुड्डू पटेल, किशन राम उर्फ कृष्णा, डॉ. अश्विनी उर्फ आसमानी, रामानुज ठाकुर, प्रेमिल, विक्की और रामाशंकर शामिल थे।
46 लड़कियों को कराया था मुक्त
महिला थाना में FIR दर्ज होने और ब्रजेश की गिरफ्तारी के बाद तत्कालीन महिला थानेदार ज्योति कुमारी ने बालिका गृह से 46 बच्चियों को मुक्त कराया और दूसरे जिले के आश्रय गृह में शिफ्ट किया था। इसके बाद जब उन 46 बच्चियों के बयान हुआ तो सभी ने इन आरोपियों पर दुष्कर्म, नशीला सुई देना, मारपीट, प्रताड़ना समेत कई दिल दहला देने वाले आरोप लगाए थे। इसी आधार पर चार्जशीट भी दायर हुई।
11 बच्चियों की हत्या का आरोप
पीड़िताओं ने बालिका गृह में रहने वाली 11 बच्चियों की हत्या करने का आरोप ब्रजेश समेत अन्य पर लगाया था। जिसे श्मशान घाट और बालिका गृह परिसर में खुदाई कर गाड़ दिया गया था। CBI ने दोनों जगहों पर JCB से खुदाई भी कराई। लड़कियों के बताए जगह से हड्डी का पोटला भी मिला था।
मधु की गिरफ्तारी सबसे अहम
एक-एक कर सब गिरफ्तार होते चले गए। लेकिन, मधु की गिरफ्तारी CBI के लिए भी चुनौती बन गई थी। वह कई महीनों तक नेपाल, दिल्ली समेत कई जगहों पर छिपती रही। अंततः उसे CBI ने दबोच ही लिया और जेल भेज दिया। मधु की गिरफ्तारी इस केस में सबसे अहम रही। क्योंकि उसके पास ब्रजेश के काली करतूत का पूरा सबूत था। CBI ने उससे पूछताछ में सब उगलवा लिया।