देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर घने बादलों की वजह से हादसे का शिकार हुआ था। सूत्रों के मुताबिक एयरफोर्स की इन्क्वॉयरी कमीशन आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इस जांच के बारे में ब्रीफ करेगी। रक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीडीएस बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर घने बादलों की वजह से रेलवे ट्रैक को फॉलो कर रहा था। इसी क्रम में हेलिकॉप्टर पहाड़ों से टकरा गया। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि हेलिकॉप्टर के पायलट और को-पायलट पूरी तरह से ट्रेन्ड थे।
दुर्घटना का पता लगाने वाली समिति ने सुझाव दिया कि पायलट सुलूर हवाईअड्डे से वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज की ओर उड़ान भरते समय एक रेलवे लाइन का अनुसरण कर रहे थे. अचानक एक घना बादल छा गया और चालक दल को एहसास हुआ कि उन्हें इससे बाहर निकलना होगा क्योंकि वे पहले से ही नीचे उड़ रहे थे. इससे बाहर निकलने की कोशिश में वे रास्ते में एक चट्टान से टकरा गए. चालक दल मास्टर ग्रीन था. इसलिए ऐसा लगता है कि उन्हें विश्वास था कि वे स्थिति से बच निकलेंगे क्योंकि उन्होंने ग्राउंड स्टेशनों को आपातस्थिति के बारे में कोई सूचना नहीं दी थी. पायलट स्थिति से बाहर निकलने के लिए पूरी तरह से आश्वस्त लग रहे थे क्योंकि पास के तीन केंद्रों पर कोई संकट नहीं था. सूत्रों के अनुसार चूंकि पूरा दल ‘मास्टर ग्रीन’ श्रेणी का था, ऐसा लगता है कि उन्हें भरोसा था कि वे स्थिति से बाहर निकलने में सक्षम होंगे, क्योंकि आपात स्थिति का सुझाव देने के लिए ग्राउंड स्टेशनों पर कोई कॉल नहीं किया गया. सूत्रों ने कहा कि तीन बलों के परिवहन विमान और हेलीकॉप्टर बेड़े में सर्वश्रेष्ठ पायलटों को ‘मास्टर ग्रीन’ श्रेणी दी जाती है. इन पायलटों को कम दृश्यता में विमान उड़ाने और उतारने में महारत हासिल होती है.
पिछले महीने आठ दिसंबर को तमिलनाडु में कन्नूर के पास एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें जनरल रावत, उनकी पत्नी मधूलिका, ब्रिगेडियर एल एस लिड्डर के अलावा दस अन्य रक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी। दुर्घटना में मारे गए अन्य कर्मियों में लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, विंग कमांडर पी एस चौहान, स्क्वाड्रन लीडर के सिंह, जेडब्ल्यूओ दास, जेडब्ल्यूओ प्रदीप ए, हवलदार सतपाल, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार और लांस नायक साई तेजा, ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह शामिल हैं।
जनरल रावत और अन्य लोगों को लेकर यह हेलीकॉप्टर सुलूर वायुसेना स्टेशन से रवाना हुआ था और करीब एक घंटे बाद उधगमंडलम के वेलिंग्टन में डीएसएससी पर उतरना था। लेकिन यह हेलिकॉप्टर नीलगिरि जिले के पर्वतीय क्षेत्र में कुन्नूर के निकट कातेरी-नंजप्पनचथिराम इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। स्थानीय लोग घायलों को बचाने के लिए मदद के वास्ते सबसे पहले पहुंचे थे हालांकि, वे आग की भीषण लपटों के कारण पीड़ितों की मदद नहीं कर सके और उन्होंने अधिकारियों को जानकारी दी।