भाकपा माले के विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि वैशाली जिले के मानसिंहपुर बिझरौली पंचायत के शाहपुर गांव में सरेआम सामंती अपराधियों द्वारा एक दलित छात्रा को जबरन उठा लेने की घटना साबित करता है कि भाजपा–जदयू के शासन में एक बार फिर से सामंती ताकतों का मनोबल सिर चढकर बोल रहा है। बिहार में ‘सुशासन’ अथवा ‘कानून’ का नहीं सामंती दबंगों का राज है‚ जिनके सामने प्रशासन पूरी तरह से लाचार व बेबस होकर अपराधियों के ही पक्ष में खडा है समाज सुधार का ढोंग करने वाले नीतीश कुमार को यह बताना चाहिए कि लोकतांत्रिक समाज में इस तरह की बर्बरता व दलितों–महिलाओं के मान–सम्मान को कुचल देने की घटनाओं को कैसे होने दिया जा रहा है। इस तरह की प्रवृत्तियां लगातार क्यों बढ रही हैं।
वैशाली में हुए सामूहिक बलात्कार व हत्या की घटना की जांच के उपरांत पटना लौटे माले विधायक सत्यदेव राम व ऐपवा की राज्य सचिव शशि यादव सोमवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। माले नेताओं ने कहा कि ऐसा लगता है कि हम २०२२ में नहीं‚ बल्कि पुराने जमाने में जी रहे हैं‚ जब समाज के दबंग लोग जब मर्जी हुई‚ दलितों की बहु–बेटियों को उठा लेते थे। बिहार में आए दिन दलितों–महिलाओं–अल्पसंख्यकों पर बर्बर किस्म के हमले हो रहे हैं‚ लेकिन समाज सुधार यात्रा की ढोंग करने वाले नीतीश कुमार को यह सब दिखता ही नहीं है। जांच दल में उक्त नेताओं के अलावा किसान महासभा के बिहार राज्य अध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव‚ वैशाली के जिला सचिव योगेन्द्र राय‚ दीनबंधु प्रसाद‚ अरविंद कुमार चौधरी‚ रामबाबू भगत‚ मो.खलील‚ पवन कुमार‚ साधना सुमन‚ शीला देवी आदि शामिल थे। जांच दल ने मांग की है कि उक्त मुकदमा में एसी–एसटी ऐक्ट लगे‚ दारोगा व एसपी को तत्काल सस्पेंड किया जाए‚ अन्य २ अपराधियों की गिरफ्तारी हो‚ मृतक के परिजन को तत्काल २० लाख रुपये मुआवजा व उनकी सुरक्षा की गारंटी की जाये। स्पीडी ट्रायल चलाकर अपराधियों को १५ दिनों के अंदर कडी से कडी सजा दी जाये। इस घटना के खिलाफ १० जनवरी को जिला में प्रतिवाद भी किया जायेगा।
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