मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समाज सुधार यात्रा व फिलवक्त जदयू के वरिष्ठ नेताओं के कार्यकर्ताओं से संवाद के कई मायने हैं। मुख्यमंत्री हालिया विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर नए तेवर में समाज सुधार अभियान पर निकल रहे हैं। जहां भाजपा पूरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं के बीच जाकर संदेश दे रही है वहीं जदयू का भी तेवर कुछ अलग बयां कर रहा है। जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार को कहा है कि पार्टी ने २०२० विधानसभा चुनाव के नतीजों को चुनौती के रूप में लिया है और कार्यकर्ताओं के बल पर २४३ का लक्ष्य निर्धारित किया है। पार्टी के तीसरे नंबर पर आने के बाद नीतीश ने बड़़ी सूझ–बूझ से बिखरे जनाधार को वापस लाने का काम किया है‚ जिसकी बदौलत उपेन्द्र कुशवाहा और आरसीपी दोनों पार्टी के लिए रन जुटाने में लग गए हैं। पार्टी की कमान ललन सिंह को सौंपे जाने से भी पार्टी से एक बड़़ा धड़़ा जोड़़ने के लिए अच्छा संदेश गया है। बिहार में भाजपा के बढ़ते ग्राफ से विरोधी दल ही नहीं‚ उसके सहयोगी दलों में भी अंदर ही अंदर खलबली है। चुनाव परिणाम में भाजपा को ७४ सीटें मिलीं जबकि जदयू को ४३ सीटें। वर्ष २०२० के चुनाव के पहले तक जदयू बड़े़ भाई की भूमिका में था‚ किंतु मौजूदा स्थिति में वह राजद व भाजपा के बाद तीसरे स्थान पर है। अब जदयू को पहले नंबर की पार्टी बनाने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता जी –जान से जुटे हैं।
ज्ञात हो कि जदयू में शामिल होने के बाद से ही उपेन्द्र कुशवाहा प्रदेश के दौरे पर रहे। बिहार के हर जिले का उन्होंने दौरा किया। दूसरी तरफ केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह भी लगातार जिलों में मैराथन दौरा कर रहे हैं। नीतीश के मार्गदर्शन में ये दोनों नेता जनता के दरवाजे पर जा रहे हैं। इस बीच जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी लगातार कार्यकर्ताओं से संपर्क साध रहे हैं। रविवार को वे कार्यकर्ताओं के साथ कार्यक्रम में वह सुपौल में रहे। जाहिर है इन नेताओं के प्रयास से जदयू फिर अपना पुराना मुकाम हासिल कर सकती है। ज्ञात हो कि हर चुनाव के पहले व बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोई न कोई यात्रा के जरिए जनता के बीच जाते हैं। इस बार वह सरकार पर पूरी तरह ध्यान दे रहे हैं व उनके नेता जनता के बीच हैं। यह एक बड़़ी रणनीति है। २२ दिसंबर से मुख्यमंत्री समाज सुधार यात्रा पर निकल रहे हैं। अब तक १० से अधिक यात्राओं पर निकल चुके हैं नीतीश कुमारः वर्ष २००५ में एनड़ीए सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार ने सबसे पहले न्याय यात्रा शुरू की थी। इसके बाद अब तक नीतीश कुमार १० से अधिक यात्राओं पर निकल चुके हैं। वर्ष २०१९ के लोकसभा चुनाव में बड़़ी जीत हासिल करने के बाद वह जल जीवन हरियाली यात्रा पर निकले थे।
इस यात्रा ने वर्ष २०२० के विधानसभा चुनाव का ग्राउंड़ तैयार किया था। इस यात्रा से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष २०१७ में ‘विकास समीक्षा यात्रा शुरू’ की थी। पिछले १६ वर्षों में जनता के बीच जाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद की पहल पर कोई न कोई यात्रा अवश्य शुरू की है और ये सभी यात्राएं चर्चित रही हैं। मुख्यमंत्री ने विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर अधिकार यात्रा शुरू की थी। अधिकार यात्रा से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेवा यात्रा काफी चर्चित रही थी। सेवा यात्रा के पहले मुख्यमंत्री विकास यात्रा‚ न्याय यात्रा‚ प्रवास यात्रा‚ धन्यवाद यात्रा‚ फिर विश्वास यात्रा व अधिकार यात्रा पर निकल चुके हैं। राजनीतिक पंडि़तों का कहना है कि पिछली यात्राओं का नतीजा है कि नीतीश कुमार को जीत का सेहरा बंधता रहा है।