मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में स्वास्थ्य केंद्रों‚ मेडिकल उपकरणों और डेटा की निगरानी एवं विश्लेषण के लिए स्वास्थ्य विभाग के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का उद्घाटन किया। नीतीश ने यहां मंगलवार को विकास भवन में स्वास्थ्य विभाग के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का उद्घाटन किया। उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह देश में पहला स्वास्थ्य विभाग का कमांड एंड कंट्रोल सेंटर है। इसके माध्यम से सभी स्वास्थ्य केंद्रों का मॉनिटरिंग‚ मेडिकल उपकरणों सहित डाटा की निगरानी एवं विश्लेषण भी किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मुजफ्फरपुर एवं नालंदा में इसकी शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री ने जिला अस्पताल मुजफ्फरपुर के ओपीडी में डॉक्टर और मरीज से बातकर वहां इलाज और सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि वर्ष २००६ से स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई काम किए गए हैं। पहले लैंडलाइन टेलीफोन के माध्यम से मुख्यमंत्री सचिवालय एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अस्पतालों में चिकित्सकों से बातकर जानकारी ली जाती थी। खुशी की बात है कि आज कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की शुरुआत की गई है। अब नई तकनीक के माध्यम से स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को और प्रभावी ढंग से क्रियान्वित एवं नियंत्रित किया जाएगा। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डे‚ भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी‚ मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार‚ स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत‚ मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार‚ बिल गेट्स मिलिंडा फाउंडेशन के कंट्री हेड हरि मेनन‚ अपर कार्यापालक निदेशक‚ राज्य स्वास्थ्य समिति अनिमेश कुमार पराशर समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जब से हमलोगों को काम करने का मौका मिला है‚ तब से सभी क्षेत्रों में विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष २००५ में सरकार में आने के बाद सवæ कराया‚ जिसकी रिपोर्ट फरवरी २००६ में आयी। सवæ से पता चला कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक माह में ३९ लोग इलाज के लिए लोग आते थे। स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई कदम उठाए गए और अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लोग १० हजार लोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं ॥। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान के परिसर में टेलीमेडिसीन स्टूडियो (ई–संजीवनी) का शुभारंभ किया । मुख्यमंत्री ने टेलीमेडिसीन स्टूडियो (ई– संजीवनी ) का निरीक्षण किया । मुख्यमंत्री ने परिसर में निर्माणाधीन स्वास्थ्य भवन का भी निरीक्षण किया। इसके बाद राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान के सभागार में मुख्यमंत्री ने १९१९ करोड ९५ लाख रुपए की लागत से ७७२ विभिन्न योजनाओं का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास‚ कार्यारम्भ‚ उद्घाटन एवं लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने जमुई में लगभग ५०० करोड रुपए की लागत से बनने वाले मेडिकल कॉलेज और हॉस्पीटल का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में यहां उपस्थित लोगों तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुडे सभी लोगों का मैं अभिनंदन करता हूं । मुझे खुशी है कि आज कई योजनाओं का शिलान्यास‚ कार्यारम्भ‚ उद्घाटन एवं लोकार्पण किया गया है। इसके संबंध में विस्तृत जानकारी आपलोगों को दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सातों दिन‚ २४ घंटे लोगों का ट्रीटमेंट शुरू किया गया। सभी अस्पतालों में हॉस्पीटल मैनेजर को रखा गया। हमलोगों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक मुफ्त दवा की व्यवस्था कराई। तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत से पटना के गार्डिनर अस्पताल में कार्यक्रम आयोजित कर मुफ्त दवा उपलब्ध कराने की शुरुआत करायी गई । मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छह बेडों का था‚ जिसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में परिणत कर ३० बेडों की व्यवस्था की जा रही है।
बिहार इस सेवा का शुभारंभ करने वाला देश का पहला राज्य
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण भवन सभागार में विभिन्न स्वास्थ्य परियोजनाओं का शिलान्यास किया और स्वैच्छिक रक्तदाता स्मार्ट कार्ड का शुभारंभ भी किया गया। इस सेवा का शुभारंभ करने वाला बिहार देश का पहला राज्य है। पूर्व में प्रत्येक स्वैच्छिक रक्तदान के बाद रक्तदाता को पेपर डोनर कार्ड दिया जाता था जिसके खोने की आशंका बनी रहती थी तथा बार–बार अलग–अलग डोनर कार्ड देने से रिकार्ड संधारण में भी कठिनाई होती थी।
स्मार्ट डोनर कार्ड में सभी रक्तदाताओं को एक विशेष पहचान संख्या दी जायेगी जिसमें कार्ड में रक्तदाताओं का नाम‚ जन्मतिथि‚ पूरा पता‚ ब्लड ग्रुप‚ मोबाइल नंबर एवं उनकी फोटो भी रहेगी। इस रक्तदाता स्मार्ट कार्ड के शुरू हो जाने से रक्तदाताओं की सही पहचान के साथ ही रक्तदाता कार्ड के दुरुपयोग में कमी आएगी तथा रक्तदान और आपूर्ति के रिकॉर्ड संधारण तथा अद्यतन स्थिति की जानकारी भी विभाग के पास उपलब्ध रहेगी। इस सेवा के माध्यम से भविष्य में आयोजित होने वाले स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों की योजना बनाने‚ ब्लड और ब्लड कंपोनेंट प्राप्त करने में भी काफी मदद होगी। ज्ञात हो कि वर्ष २०१४ में बिहार में जहां मात्र ६४ ब्लड सेंटर थे वहीं वर्तमान में कुल ९९ ब्लड सेंटर कार्यरत हैं जो जरूरतमंदों को रक्त अथवा रक्त अवयव उपलब्ध कराते हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मुंगेर के त्रिपुरारी कुमार मिश्र एवं सीतामढी के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रतिमा आनन्द को स्वैच्छिक रक्तदाता स्मार्ट कार्ड दिया गया।
बिहार में पहले छह सरकारी मेडिकल कॉलेज थे जबकि २ प्राइवेट मेडिकल कॉलेज थे। अब राज्य में ११ सरकारी मेडिकल कॉलेज और ६ प्राइवेट मेडिकल कॉलेज यानि कुल १६ मेडिकल कॉलेज हैं। हमलोगों ने आईजीआईएमएस में भी काफी काम कराया। अब इसे २५०० बेडों वाला अस्पताल बनाया जा रहा है। पहले कोई यहां इलाज के लिए नहीं आना चाहता था‚ लेकिन अब यहां बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था एवं सुविधा के लिए काफी लोग आते हैं और उनका बेहतर इलाज हो रहा है। पटना में एम्स का निर्माण कराया गया। दरभंगा में भी एम्स का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य उपकेंद्र में इलाज के लिए आने वाले लोगों को बेहतर इलाज के लिए विशेषज्ञों के माध्यम से टेलीमेडिसीन द्वारा परामर्श देने का काम प्रारंभ किया गया है। सीटी स्कैन‚ रेडियोलॉजी‚ पैथोलॉजी‚ डायलिसिस सहित मरीजों को हर प्रकार की सुविधाएं सभी जिला अस्पतालों में उपलब्ध करायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण अस्पताल‚ राजवंशीनगर में हड्डी से संबंधित बीमारी के उपचार के लिए इसे सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाया गया राजेंद्र नगर में आंख की चिकित्सा को बेहतर बनाने के लिए अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाया गया । गार्डिनर रोड वाले अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाया जा रहा है। पटना के इन तीन सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में अलग डायरेक्टर होंगे और यह स्वायत्त अस्पताल होगा। यह स्वास्थ्य विभाग से डायरेक्ट रूप से जुडा होगा।