बिहार सरकार एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है. बिहार सरकार के खनन मंत्री जनक राम के ओएसडी मृत्युंजय कुमार इनके भाई धनंजय कुमार. महिला मित्र रत्ना चटर्जी के पटना, कटिहार, अररिया में एक साथ स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने रेड किया. अहले सुबह हुई छापेमारी में ही महिला मित्र के घर से नगद 15 लाख रूपये बरामद किया गया. सुत्रों की मानें तो ओएसडी के भाई धनंजय कुमार एवं महिला मित्र के अकाउंट से भारी रकम का ट्रांजेक्शन किया गया है. बताया जा रहा है कि स्पेशल विजिलेंस ने कटिहार के आवास में महिला मित्र रानी चटर्जी रहती हैं और वहां से 15 लाख कैश बरामद किया गया है.
बता दें कि मृत्युंजय कुमार बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी है. उनपर आरोप है कि जहां भी सेवा काल में रहे हैं दबदबे के साथ भ्रष्टाचार किया है. इनके खिलाफ जब भी शिकायत जाती थी तो प्रभावित कर सबकुछ मैनेज कर लेते थे. बताया जा रहा है कि मृत्युंजय कुमार के भाई धनंजय कुमार एवं इनके महिला मित्र के नाम पर बिहार, पश्चिम बंगाल समेत दूसरे राज्यों में अरबों की सम्पत्ति है. मृत्युंजय कुमार पर U/S 12(1)(b) r/w 13(2) PC Act 1988 और 120 (B) IPC की धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बिहार में एक तरफ खनन विभाग में भारी भ्रष्टाचार की जांच हो रही है और कार्रवाई के बीच मंत्री के ओएसडी के ठिकाने से करोड़ों की सम्पत्ति का मिलना कई सवाल खड़े कर रहा है. वहीं इस बात की संभावना बनती नजर आ रही है कि आने वाले दिनों में इसके जद में कई और सफेदपोश चेहरे आ सकते हैं.
बिहार सरकार के खनन मंत्री जनक राम के ओएसडी मृत्युंजय कुमार के ठिकानों पर विशेष निगरानी इकाई की छापेमारी में मिली बेशुमार संपत्ति ने अधिकारियों को हैरान कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार ओएसडी की एक परिचित महिला और एक अन्य शख्स के ठिकानों पर भी छापेमारी चल रही है। निगरानी की टीम ने बुधवार की अलसुबह पटना के साथ ही कटिहार और अररिया में भी छापेमारी शुरू की है। अपुष्ट सूत्रों की मानें तो इस छापेमारी में करोड़ों रुपए की संपत्ति का खुलासा हुआ है। आपको बता दें कि कुछ ही दिनों पहले मंत्री जनक राम के एक पीए को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। गोपालगंज जिले के इस शख्स पर संसद में गैरकानूनी ढंग से प्रवेश के लिए फर्जी पास बनाने का आरोप था।
विशेष निगरानी इकाई की टीम खनन विभाग के ओएसडी मृत्युंजय कुमार के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। इनके अलावा धनंजय कुमार और रत्ना चौधरी नामक महिला के आवास पर भी छापेमारी हो रही है। विशेष निगरानी इकाई ने कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद यह कार्रवाई की है। माना जा रहा है कि यह कार्रवाई बालू के अवैध धंधे से काली कमाई के खिलाफ है। बिहार में खनन विभाग के मंत्री भाजपा के जनक राम हैं।
एसपी से लेकर सिपाही तक आए हैं जद में
इससे पहले भी विगत तीन से चार महीने में बालू के अवैध धंधे के कारण ही आइपीएस अफसरों सहित तमाम बड़े अफसरों के ठिकानों पर छापेमारी हो चुकी है। निगरानी की कार्रवाई की जद में एसपी रैंक के अफसर से लेकर, एसडीओ, एसडीपीओ और सिपाही तक आए हैं। यह वर्ष बालू के अवैध खनन के लिहाज से काफी बुरा रहा। सरकार को अवैध खनन से काफी नुकसान हुआ। टेंडर लेने वाली कंपनी बीच में ही काम छोड़कर भाग गई। दूसरी तरफ, बालू माफिया से मिलकर कमाई करने वाले अफसरों पर कानूनी कार्रवाई करनी पड़ी।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष अक्टूबर में ही खान एवं भूतत्व मंत्री श्री राम के निजी आप्त सचिव बबलू आर्य को संसद भवन में फर्जी पास बनवाने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था।