केंद्र सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा प्रणालियों की खामियों को दूर करने और स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्ेश्य से शनिवार को १९ राज्यों के स्थानीय निकायों को जारी ८४५३.९२ करोड़ रुपये के अनुदान में से सबसे अधिक १११६.३० करोड़ रुपये बिहार को दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने शनिवार को जारी बयान में बताया कि १९ राज्यों के स्थानीय निकायों को ८४५३.९२ करोड़ रुपये का स्वास्थ्य अनुदान जारी कर दिया गया है। यह अनुदान १५वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर जारी किया गया है। शेष नौ राज्यों को स्वास्थ्य अनुदान उस समय जारी किया जायेगा‚ जब संबंधित राज्यों से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को उनके प्रस्ताव प्राप्त हो जायेंगे। केंद्र सरकार ने १९ राज्यों के स्थानीय निकायों को जारी ८४५३.९२ करोड़ रुपये के स्वास्थ्य अनुदान में सबसे अधिक १११६.३०५४ करोड़ रुपये बिहार के स्थानीय निकायों को दिया है। इसके अलावा आंध्रप्रदेश को ४८८.१५२७ करोड़ रुपये‚ अरुणाचल प्रदेश को ४६.९४४ करोड़ रुपये‚ असम को २७२.२५०९ करोड़ रुपये‚ छत्तीसगढ को ३३८.७९४४ करोड़ रुपये‚ हिमाचल प्रदेश को ९८.००९९ करोड़ रुपये‚ झारखंड को ४४४.३९८३ करोड़ रुपये और कर्नाटक को ५५१.५३ करोड़ रुपये का स्वास्थ्य अनुदान जारी किया गया है। इसी तरह‚ मध्यप्रदेश को ९२२.७९९२ करोड़ रुपये‚ महाराष्ट्र को ७७८.००६९ करोड़ रुपये‚ मणिपुर को ४२.८७७१ करोड़ रुपये‚ मिजोरम को ३१.१९ करोड़ रुपये‚ ओडिशा को ४६१.७६७३ करोड़ रुपये‚ पंजाब को ३९९.६५५८ करोड़ रुपये‚ राजस्थान को ६५६.१७१ करोड़ रुपये‚ सिक्किम को २०.९७८ करोड़ रुपये‚ तमिलनाडु को ८०५.९२८ करोड़ रुपये‚ उत्तराखंड को १५०.०९६५ करोड़ रुपये और पश्चिम बंगाल को ८२८.०६९४ करोड़ रुपये स्वास्थ्य अनुदान दिया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने बताया कि १५वें वित्त आयोग ने वित्त वर्ष २०२१–२२ से २०२५–२६ की अवधि से संबंधित अपनी रिपोर्ट में स्थानीय निकायों को ४२७९११ करोड़ रुपये का कुल अनुदान जारी करने की सिफारिश की थी। आयोग द्वारा सिफारिश किये गये अनुदान में अन्य विषयों के साथ ७००५१ करोड़ रुपये के स्वास्थ्य अनुदान को भी शामिल किया गया है। इस पूरी राशि में से ४३९२८ करोड़ रुपये की सिफारिश ग्रामीण स्थानीय निकायों और २६१२३ करोड़ रुपये की सिफारिश शहरी स्थानीय निकायों के लिये की गई है। इन अनुदानों का उद्ेश्य प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा प्रणालियों की खामियों को दूर करना तथा स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाना है। आयोग ने स्थिति में सुधार लाने के उपायों की भी पहचान की है‚ जिनसे प्राथमिक स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत बनाने तथा ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने में मदद मिलेगी। दोनों तरह की स्थिति–सुधार उपायों के लिये अनुदानों का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकाय प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने विशेषकर अत्यानुधिक उपचार’ प्रदान करने में तथा सर्वकालिक स्वास्थ्य सुविधा के लक्ष्य को पूरा करने में मुख्य भूमिका निभा सकते हैं। संसाधनों‚ स्वास्थ्य अवसंरचना और क्षमता निर्माण को ध्यान में रखते हुए स्थानीय निकायों को मजबूत बनाने से ये निकाय सीमित क्षेत्रों में फैलने वाली महामारियों और वृहद स्तर पर फैलने वाली महामारियों से निपटने में निर्णायक भूमिका निभाने में सक्षम हो जायेंगे। इन प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा संस्थानों के निरीक्षण में पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों को साथ लाने से पूरी प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा प्रणाली मजबूत होगी। स्थानीय निकायों को साथ लाने से स्वास्थ्य व्यवस्था लोगों के प्रति जवाबदेह भी बनेगी।
मुर्शिदाबाद दौरे पर पहुंचे राज्यपाल, पीड़ितों से मुलाकात के बाद केंद्र को भेजेंगे रिपोर्ट
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस आज मुर्शिदाबाद पहुंचे और हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की। राज्यपाल पीड़ितों से मुलाकात...