मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत आवेदन इतने अधिक आ गए कि अब इसके लाभार्थी के चयन के लिए उद्योग विभाग रैंडम सिस्टम अपनाएगा। पंद्रह दिनों बाद लाभार्थी चयन की प्रक्रिया आरंभ होगी। उद्योग विभाग ने इस बाबत नेशनल इनफारेमेटिक सेंटर (NIC) से तकनीक उपलब्ध कराने का कहा है। चयन की प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी रखा जाएगा।
रैंडम सिस्टम को अपनाए जाने के मूल में हैं ये तथ्य
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना (2021-21) के तहत एससी-एसटी योजना के तहत 200, मुख्यमंत्री ईबीसी उद्यमी योजना के तहत 200, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत 200 तथा मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना के तहत 200 लोगों का चयन होना है। इस योजना के तहत अधिकतम पांच लाख रुपए का ऋण और पांच लाख रुपए की सब्सिडी दी जानी है। संकट यह हुआ कि कुल आठ सौ लोगों को ऋण मिलना है और आवेदन 64 हजार के करीब आ गए हैं। आवेदन की शर्त यह नहीं थी कि जो पहले आवेदन करेगा उसे पहले ऋण मिलेगा। यानी फर्स्ट कम, फर्स्ट सर्व का सिस्टम इसमें लागू नहीं होना है। इसलिए तय हुआ कि मतदान में जिस तरह से मतदानकर्मियों की ड्यूटी लगाने में रैंडम सिस्टम को उपयोग में लाया जाता है उसी तरह से इन योजनाओं के लाभार्थी का चयन कर लिया जाए।
इस तरह रैंडम सिस्टम से तय होंगे लाभार्थी के नाम
उद्योग विभाग के आला अधिकारी ने बताया कि विभाग ने पहले से यह तय किया हुआ है कि किस योजना के तहत किस जिले में कितनी संख्या में लाभार्थी होंगे। जिस जिले से लोगों ने आवेदन किया है उस जिले के सभी आवेदन को एक साथ जमा कर लिया जाएगा। इसके बाद आईटी की मदद से रैंडम सिस्टम के माध्यम से उतनी संख्या में लाभार्थियों का चयन कर लिया जाएगा जितना जिले का लक्ष्य है। इस सिस्टम को पूरी तरह से पारदर्शी रखा जाएगा और सब कुछ कंप्यूटर के माध्यम से होगा।
स्क्रूटनी का काम को पूरा कर लिया गया
उद्योग विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जितने आवेदन आए थे उनके स्क्रूटनी का काम पूरा कर लिया गया है। अधूरी जानकारी वाले आवेदन हटा दिए गए हैं।