बिहार में महागठबंधन के दो अहम दल कांग्रेस और राजद के बीच गठबंधन को लेकर असमंजस की स्थिति बरकरार है। बुधवार को उस समय भ्रम की स्थिति पैदा हो गई जब राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और सोनिया गांधी के बीच फोन पर बातचीत होने का जिक्र किए जाने के बाद कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्तचरण दास ने लालू पर विधानसभा उपचुनाव प्रचार के अंतिम दिन लोगों को ‘गुमराह’ करने का आरोप लगाया। तारापुर और कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीटों पर 30 अक्टूबर को उपचुनाव होना है।
राजद उम्मीदवारों के लिए प्रचार के वास्ते बुधवार को पटना से रवाना होने के पूर्व लालू ने कहा, ‘सोनिया गांधी जी कल बात हुई थी। उन्होंने मेरा हालचाल पूछा। मैंने उनसे कहा कि मैं ठीक हूं।’ कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ अपने व्यक्तिगत समीकरण को रेखांकित करते हुए लालू ने कहा, ‘मैंने उनसे यह भी कहा कि आपकी पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी है। बड़ा दल (कांग्रेस) है। उनसे सभी समान विचारधारा वाले दलों को इकठ्ठा करके एक विकल्प (भाजपा) बनाने के लिए बैठक बुलाने को कहा।’
लालू के उक्त बयान के कुछ घंटों बाद, भक्तचरण दास ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान दोनों दलों के बीच किसी तरह के मेल-मिलाप से इंकार करते हुए कहा, ‘वह लोगों को गुमराह कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘अगर ऐसा होता तो मुझे तारापुर में राजद उम्मीदवार का समर्थन करने का निर्देश मिलता क्योंकि हमने गठबंधन धर्म के साथ विश्वासघात के विरोध में तारापुर और कुशेश्वरस्थान में अपना उम्मीदवार खड़ा किया था।’
दास ने तारापुर में उन्हें अच्छी प्रतिक्रिया मिलने का दावा करते हुए कहा, ‘तारापुर में हम पिछले साल 6,000 से अधिक मतों से हार गए थे, हम समाज के उन वर्गों का दिल वापस जीत पाए हैं जो राजद के साथ हमारे गठबंधन के कारण अलग हो गए थे।’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह लालू की कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से बातचीत का खंडन करते करते हैं, दास ने कहा, ‘मैं यहां सोनिया गांधी का प्रतिनिधि हूं। मैं स्पष्ट रूप से कह रहा हूं कि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ किसी भी राजनीतिक चर्चा का उनका दावा निराधार है। उन्होंने गठबंधन का अपमान किया है। और अब कोई और गठजोड़ नहीं होगा। हम सभी 40 लोकसभा सीटों पर भी चुनाव लड़ेंगे।’
इस बात से अवगत होने के बावजूद कि कांग्रेस कुशेश्वरस्थान से उपचुनाव लड़ना चाहती है, राजद द्वारा एकतरफा रूप से दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, ‘हम यह नहीं कह सकते कि चुनाव के बाद (2024 में) क्या होगा।’ दास ने कहा, ‘मैं कुछ महीने पहले लालू से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए दिल्ली में मिला था। हमारे बीच बेहतर समीकरणों के बावजूद उपचुनावों के बारे में उन्होंने कभी मुझसे बात करने की जहमत नहीं उठाई।’ दास ने लालू द्वारा उन्हें हाल ही में ‘भकचोन्हर’ कहे जाने को याद करते हुए कहा कि इन सबसे ऊपर उन्होंने मुझे ‘गालियां‘ दीं और अब वह लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।