अफगानिस्तान में हालात को लेकर चर्चा करने के लिए आज जी-20 नेताओं के शिखर सम्मलेन में पीएम नरेंद्र मोदी हिस्सा लेंगे. वे इस बैठक में वर्चुअल माध्यम से सम्मलित होंगे. अफगानिस्तान में तालिबान शासन आने के बाद युद्ध ग्रस्त देश में बनी स्थिति पर व्यापक चर्चा होने की उम्मीद है. विदेश मंत्रालय के अनुसार पीएम मोदी भी इस सम्मेलन का भाग होंगे. मंत्रालय के अनुसार इस सम्मेलन के एजेंडा में अफगानिस्तान में मानवीय जरूरतों को लेकर प्रतिक्रिया, सुरक्षा स्थिति, आतंकवाद को रोकने के लिए चल रहे प्रयासों और मानवाधिकारों के मुद्दों को शामिल किया जाएगा.
मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, जी-20 की अध्यक्षता कर रहे इटली की ओर से मिले निमंत्रण पर पीएम नरेंद्र मोदी आगामी 12 अक्तूबर को अफगानिस्तान पर वर्चुअल माध्यम से शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. इस सम्मेलन में जी-20 नेता प्रमुख समस्याओं पर बातचीत करेंगे.
इससे पहले पीएम मोदी ने बीते माह अफगानिस्तान के हालात पर एससीओ सीएसटीओ (कलेक्टिव सिक्योरिटी ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) आउटरीच शिखर सम्मलेन में हिस्सा लिया था. इस दौरान पीएम मोदी ने अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम को लेकर भारत का पक्ष रखा था. उन्होंने कहा कि इसका सबसे अधिक असर भारत जैसे पड़ोसी देशों पर होना है. वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर हाल में न्यूयॉर्क में अफगानिस्तान पर जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए थे.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अफगानिस्तान पर जी 20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया था। MEA ने कहा कि G20 अंतरराष्ट्रीय आम सहमति बनाने में मददगार साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में बिगड़ते मानवीय संकट को दूर करने को लेकर संयुक्त राष्ट्र और उसकी एजेंसियों समेत बहुपक्षीय संगठनों के बीच एक समन्वित दृष्टिकोण की सुविधा के लिए ये अहम मंच है।