लोक जनशक्ति पार्टी में आखिरकार औपचारिक तौर पर विभाजन हो गया है। अब चिराग पासवान और पशुपति पारस दोनों की पार्टियों का नाम बदल गया है। साथ ही दोनों को नया चुनाव चिह्न भी अलाट कर दिया गया है। लोजपा के दोनों में से किसी भी गुट को अब बंगला चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होगी। चिराग पासवान के हिस्से की पार्टी अब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और पशुपति पारस की पार्टी अब राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के नाम से जानी जाएगी। समाचार एजेंसी एएनआइ ने चुनाव आयोग के हवाले से बताया है कि चिराग को हेलिकाप्टर जबकि पारस गुट को सिलाई मशीन चुनाव चिह्न आवंटित किया गया है।
चुनाव आयोग ने फ्रीज किया था सिंबल
रामविलास पासवान के निधन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी पर कब्जे को लेकर जमुई सांसद चिराग पासवान और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के बीच लगातार तनातनी चल रही थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने फैसला लेते हुए चुनाव चिन्ह बंगला को फ्रीज कर दिया था। चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद चिराग पासवान ने कहा था कि, ये उनकी जीत है। उन्होंने इसको लेकर फेसबुक और ट्विटर पर लंबा चौड़ा पोस्ट भी किया था। वहीं केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने भी इसे अपनी जीत बताई थी। लेकिन मंगलवार को चुनाव आयोग के फैसले के बाद चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की कमान संभालेंगे तो वहीं पशुपति पारस अब राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया होंगे।