नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कोलकाता में शनिवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। दोनों के बीच कई मसलों पर चर्चा हुई है। बंगाल चुनाव के बाद दोनों के बीच यह पहली मुलाकात है। हालांकि इसके बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं बताया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि दोनों ने राष्ट्रीय स्तर पर राजग का मजबूत विकल्प खड़ा करने की संभावनाओं पर विमर्श किया। बिहार एवं बंगाल में राजद एवं तृणमूल कांग्रेस का मुकाबला भाजपा से है। इसलिए दोनों की चिंताएं एक हैं। दो दिन पहले ही तेजस्वी पटना से कोलकाता चले गए थे। ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद तेजस्वी रांची आ गए हैं। झारखंड में उन्हें दो दिनों तक रहना है और पार्टी के कार्यक्रमों में शिरकत करना है।
भाजपा के खिलाफ दलों को एक मंच पर लाने की कवायद
बता दें कि भाजपा के विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की कवायद में बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जोर शोर से जुट गए हैं। कुछ दिन पहले भी तेजस्वी ने ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। एक बार फिर इनके मिलने को सियासी नजरिये से देखा जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि ममता बनर्जी से मुलाकात के दौरान राजनीतिक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। किसान आंदोलन पर भी दोनों नेताओं में विचार-विमर्श हुआ। भाजपा और एनडीए के विरोध में दलों को एक मंच पर लाने की कवायदों पर भी दोनों के बीच बातचीत होने की बात सामने आ रही है।
पुराने बिहार का विकास जरूरी
बता दें कि झारखंड में उनकी पार्टी के विधायक सत्यानंद भोक्ता राज्य सरकार के मंत्री हैं। पिछले दिनों वे पटना भी आए थे। सूत्रों का कहना है कि झारखंड में राजद का किला मजबूत करने के लिए तेजस्वी यादव वहां गए हैं। वहां से पटना लौटने के बाद 21 एवं 22 सितंबर को पार्टी की बैठक होनी है। झारखंड पहुंचे तेजस्वी ने कहा कि जब तक पुराने बिहार का विकास नहीं होगा तब तक देश का विकास नहीं होगा। इस क्रम में उन्होंने झारखंंड के सीएम के भाषा संबंधी बयान पर कहा कि भाषा किसी को बांटती नहीं।