इस बार पंचायत चुनाव के लिए जिस तरह भाजपा ने हुंकार भरी है उससे स्पष्ट है कि इस चुनाव में पार्टी के शीर्ष नेताओं की निगाहें लगी हैं। हालांकि बिहार का पंचायत चुनाव आधिकारिक तौर पर गैरदलीय हो रहा है और किसी भी पार्टी के बैनर तले उम्मीदवार खड़े़ नहीं होंगे‚ वैसे में मित्रदलों के बीच भी जोर आजमाईश के आसार हैं। जो संकेत मिल रहे हैं उसे देखते हुए अधिकतर पंचायत में भाजपा कार्यकर्ता के मुखिया पद पर चुनाव लड़़ने की उम्मीद है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ड़ॉ. संजय जायसवाल ने पहले ही अपने कार्यकर्ताओं को पंचायत चुनाव लड़़ने की छूट दे दी है। पंचायत चुनाव के बाद जो जिला परिषद अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होंगे उस चुनाव में भी भाजपा के उम्मीदवार चुनाव मैदान में होंगे। ज्ञात हो कि पंचायत का प्रथम चरण का चुनाव २४ सितम्बर २०२१ से शुरू होगा और १२ दिसंबर २०२१ को समाप्त होगा। यानी कि अगले तीन महीने तक पंचायत चुनाव के लिए गहमागहमी रहेगी वहीं इसके बाद अगले दो–तीन महीने तक जिला परिषद अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए आपाधापी रहेगी। इस तरह बिहार में अगले छह महीने तक चुनावी वातावरण रहेगा। इस चुनाव में भाजपा व उसके सहयोगी भी आमने–सामने होंगे। ऐसे में मित्रदलों की आपसी दोस्ती भी कसौटी पर है। भाजपा ने पहले से ही जनता के बीच जाने का कार्यक्रम तैयार कर दिया है। अभी हाल ही में बिहार में भाजपा के नेता तीन दिनों तक आशीर्वाद यात्रा पर रहे। उधर भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं को हर वक्त सक्रिय रहने का निर्देश दिया गया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार भाजपा के कार्यकर्ताओं को टास्क दिए हैं जिसके तहत सभी प्रतिनिधियों को सप्ताह में २ दिन हर टीकाकरण केंद्र पर जाना है। मंत्री को भी जनता से दूर नहीं रहना है। सभी कार्यकर्ताओं को घर–घर जाकर यह पता लगाना है कि उन्हें गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त अनाज मिल रहा है या नहीं। यह कार्यक्रम दीपावली तक चलेगा। इस बीच जरूरतमंदों को दिए जा रहे अनाज के वितरण को सुनिश्चित कराना है। जाहिर है‚ केन्द्रीय नेतृत्व के इस कार्यक्रम से भाजपा कार्यकर्ताओं की पहुंच जनता के बीच बढ़ेगी। साथ ही वोट पक्के होंगे। मंड़ल स्तर तक ५० लाख वेंड़रों के पास पहुंचने का टारगेट दिया गया है। भाजपा कार्यकर्ता रेहडी–पटरी वालों को दी जाने वाली ऋण योजना का लाभ पाने में सहयोग करेंगे। संगठन को सशक्त करने के लिए नया कार्यक्रम तैयार कर लिया गया है। १५ अगस्त से १५ सितम्बर तक सभी मंडलों की संरचना के लिए पदाधिकारी प्रवास पर हैं। २५ सितम्बर से २५ दिसम्बर अर्थात दीनदयाल उपाध्याय की जयंती से लेकर अटल जी की जयंती तक सशक्त बूथ पर कार्य करेंगे। इसके अलावा २५ सितम्बर से ६ अप्रैल २०२२ तक यानी पार्टी स्थापना दिवस तक कार्यकर्ता सक्रिय रहेंगे। उल्लेखनीय है कि भाजपा वर्ष २०२४ में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर आक्रामक रुख तैयार करने जा रही है। इस बीच पार्टी अपने एजेंडे़ पर चलेगी। एनआरसी को बिहार समेत यूनिफॉर्म सिविल कोड़ या समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए आगे बढ़ेगी। पिछले दिनों प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में भाजपा ने समान नागरिक संहिता लागू करने का स्पष्ट संकेत दे दिया है। ॥ दरअसल‚ बिहार विधानसभा चुनाव के बाद भी आराम फरमाने की आदत छोड़़ भाजपा नेताओं को जनता के बीच जाने का निर्देश मिला है। प्रदेश के हर बूथ का खाका तैयार कर लिया गया है। बूथ पर छह राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
आयोग ने दी अपराधियों को गिरफ्तार करने की हिदायत
राज्य निर्वाचन आयोग ने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर स्वतंत्र‚ निष्पक्ष और शांतिपूर्ण वातावरण में पंचायत चुनाव कराने के लिए विधि व्यवस्था का सख्ती के साथ पालन कराने की हिदायत दी है। आयोग ने गृह सचिव को भेजे पत्र में कहा है कि पंचायत आम निर्वाचन स्वच्छ‚ निष्पक्ष एवं भयमुक्त वातावरण में सम्पन्न कराने हेतु यह अत्यंत आवश्यक है कि असामाजिक एवं उपद्रवी तत्वों को निरुत्साहित किया जाये तथा उनके विरुद्ध अभी से सरकार के पास उपलब्ध वैधानिक विकल्पों का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जाये। विगत पंचायत आम निर्वाचन के दौरान बूथ लूट एवं अन्य निर्वाचन संबंधी अपराध से संबंधित स्थानों का मैप तैयार किया जाये। निर्वाचन संबंधी आपराधिक मामलों का डाटा बेस तैयार किया जाये। लंबित गैर जमानती वारंट एवं फरार अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करायी जाये। दंड प्रक्रिया संहिता के सुसंगत प्रावधानों के अधीन असामाजिक एवं उपद्रवी एवं अशांति पैदा करने वाले तत्वों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की जाये। ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस गश्ती तेज करायी जाए एवं भेद्य तथा संवेदनशील स्थानों का मैप तैयार किया जाए।
आयोग ने कहा कि सूचना के आधार पर मतदाताओं को प्रभावित करने के उद्ेश्य से अवैध रूप से वितरण की जाने वाली नगद राशि एवं सामग्री को छापेमारी कर जप्त करते समय यह ध्यान रखा जाये कि जप्त राशि सामग्री का संबंध निश्चित रूप से निर्वाचन से हो। आयोग ने लाइसेंसी हथियारों का सत्यापन कराने का भी निर्देश दिया है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चुनाव कराने हेतु नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का मैप और चुनावी हिंसा की भी मैंपिंग तैयार कर ली जाए ताकि मतदान सुगमता से कराया जा सके। अन्य वैधानिक उपाय जो स्वच्छ‚ निष्पक्ष एवं भय मुक्त वातावरण में चुनाव कराने के लिए आवश्यक हों‚ वे किये जायें। आयोग ने कहा कि आदर्श आचार संहिता पंचायत आम निर्वाचन की अधिसूचना निर्गत की तिथि से सभी जिलों के पंचायत निकाय क्षेत्रों में लागू हो गयी है एवं संबंधित जिले के अंतिम चरण के विधिवत रूप से परिणाम घोषणा तक यह जारी रहेगी। इसलिए विधि व्यवस्था एवं आदर्श आचार संहिता से संबंधित प्रतिवेदन प्रत्येक दिन आयोग को उपलब्ध करायी जाये। आयोग के निर्देशों का अनुपालन कडाई से किया जाये।
पिछले चुनावों में हुइ घटनाओं से सबक लेने को कहा॥ आयोग ने कहा कि पंचायत आम निर्वाचन २०११ के अवसर पर केवल मतदान के दिन १३ हथियार‚ २३८ कारतूस जब्त किय गये। जबकि‚ १६९९ वाहन जप्ती‚ १०‚६८‚२६२ रुपये नगद‚ ४९३ लीटर शराब और १८८ मोर्बाल जब्त किये गये। ८३२८ व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था। वहीं ६०४ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। इसी प्रकार पंचायत आम निर्वाचन २०१६ के अवसर पर भी मतदान के दिन घटनाएं हुई थीं‚ जिसमें वैशाली जिले के लालगंज प्रखंड के एक मतदान केन्द्र पर एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई। वहीं‚ इसी जिले के महुआ प्रखंड के एक मतदान केन्द्र से ३०० मीटर की दूरी पर गोलीबारी की घटना हुई जिसमें एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई और एक व्यक्ति घायल हो गया था। मतदान के दिन की घटनाओं पर काबू पाने के लिए आवश्यक है कि अभी से असामाजिक तत्वों एवं उपद्रवी तत्वों के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जाये।