बिहार भाजपा के प्रदेश कार्यालय में सोमवार को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के प्रचार के लिए झोला बांटने का अभियान शुरू हो गया। इसका शुभारंभ केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने किया। कार्यक्रम से पहले राय ने अपने नेताओं की पोल खोल दी। उनकी साफगोई से मंच पर बैठे नेता बगले झांकते नजर आए। उन्होंने किसी को बासी रोटी खिलाने के लिए उलाहना दिया तो किसी को कुछ भी नहीं खिलाने के लिए। वहीं, एक सीनियर नेता को स्वार्थी तक कह दिया।
काफी दिनों बाद भाजपा प्रदेश कार्यालय आए नित्यानंद राय कुछ ज्यादा ही खुश दिखे। हालांकि, भाषण के दौरान मंच पर अपने साथ बैठे नेताओं के बारे में जो कुछ उन्होंने कहा, वो तारीफ कम रैगिंग ज्यादा थी। इसकी शुरुआत उन्होंने संगठन सह महामंत्री शिव नारायण महतो से की। नित्यानंद राय ने कहा- ‘शिव नारायण जी महाकंजूस हैं। भाजपा में आने के बाद तो थोड़ा बदले हैं। जब मैं विद्यार्थी परिषद् में था तो ये खाने में हम सबको बासी रोटी खिलवाते थे। यही नहीं दाल खट्टी हो जाए, तो उसमें टमाटर डलवाकर खिला देते थे’।
महतो के बाद बारी आई विधायक संजीव चौरसिया की। राय ने उनको संबोधित करते हुए कहा, ‘इनके घर हमलोग बहुत खाना खाए हैं, लेकिन इन्होंने ने नहीं खिलाया। यह तो चाचा (गंगा प्रसाद चौरसिया) के समय में हुआ। संजीव जी तो बड़े कंजूस हैं। इनका बस चले तो यह हमलोगों के लिए दरवाजा ही बंद दें’। संजीव चौरसिया के पिता गंगा प्रसाद चौरसिया हैं, जो पुराने भाजपाई हैं। अभी सिक्किम के राज्यपाल हैं।
संजीव चौरसिया के बाद मुख्यमंत्री रेणु देवी पर उन्होंने कहा- ‘दीदी ने हमें खूब अचार खिलाया है, घर जाने पर बिना अचार लिए नहीं आने देतीं’। रेणु देवी को छोड़कर सभी नेता गृह राज्यमंत्री के बयानों पर झेंपते नजर आए। सबसे ज्यादा असहज वरिष्ठ नेता और विधायक अरुण कुमार सिन्हा हुए, जिन्हें नित्यानंद राय ने मंच से स्वार्थी तक कह डाला। उन्होंने कहा- ‘राजनीति में बहुत बड़े-बड़े स्वार्थी हैं, भाई इनसे ज्यादा नहीं देखा। अपनों को भी कभी-कभी नहीं पहचानते हैं’।
हमको पता नहीं था कि प्रेस वाले यहां हैं : नित्यानंद राय
गृह राज्यमंत्री करीब आधे घंटे तक मंच से ऐसे ही बयान देते रहे। इस दौरान मंच पर बैठे नेता उनके बयानों पर एक-दूसरे का मुंह देखते रहे। सब कुछ बोलने के बाद राय मीडिया की तरफ मुखातिब हुए और कहा- ‘अरे मैंने तो देखा ही नहीं कि यहां प्रेस वाले भी हैं। मैं तो बस अपने परिवार के लोगों के बीच पुराने किस्से सुना रहा था’। फिर मीडिया वालों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘ये भाई कोई रिकॉर्ड मत करना। भैय्या ये सब मत चलाना। ये सब तो ऐसे ही था, अभी भाषण तो शुरू भी नहीं किया है’।