बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार को हुई। विधानसभा और परिषद में शोक प्रस्ताव के बाद दोनों सदन को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले विपक्ष के विधायक काला मास्क पहनकर विधानमंडल पहुंचे। वे सरकार के खिलाफ लगातार नारेबाजी करते रहे। राजद विधायक सतीश दास हेलमेट पहनकर पहुंचे। वे हाथों में ‘झाल’ (हाथों से बजाने वाला एक बाजा) भी लिए हुए थे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को ‘झाल’ सौंप देंगे। उधर, विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होते ही परंपरा के मुताबिक शोक प्रस्ताव लाया गया। इसके बाद मंगलवार तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई। परिषद् में भी विपक्ष के सदस्य काला मास्क पहनकर पहुंचे थे।
विधानसभा और विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होने से पहले सीएम नीतीश कुमार विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर में पहुंचे। यहां उन्होंने स्पीकर विजय सिन्हा से मुलाकात की। इसके बाद विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह के चैंबर में गए। सभापति ने बुके देकर सीएम का स्वागत किया।
मानसून सत्र 30 जुलाई तक चलेगा। मानसून सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने पूरी तैयारी कर ली है। महंगाई से लेकर कोरोना के दौरान हुई मौतों के मुद्दों पर विपक्ष सरकार पर हमला बोलेगी। साथ ही बजट सत्र में विपक्ष के विधायकों के साथ हुई मारपीट मामले पर भी हंगामे के आसार हैं।
राजद विधायक सतीश दास की भी बजट सत्र में पिटाई हुई थी। उन्होंने भास्कर के साथ बातचीत में कहा कि पिछले बजट सत्र में उनकी पिटाई हुई थी और उन्हें पीएमसीएच और उसके बाद दिल्ली एम्स रेफर किया गया था। सदन में फिर से उन पर हमला ना हो जाए इसलिए वे हेलमेट लगाकर आए हैं और नीतीश कुमार को झाल सौंपने आए हैं। उधर, महुआ के राजद विधायक मुकेश रोशन भी हेलमेट, फर्स्ट एड और काला मास्क लेकर सदन पहुंचे थे।
विरोध के लिए महागठबंधन ने की तैयारी
मानसून सत्र से पहले रविवार शाम को राबड़ी आवास पर महागठबंधन की बैठक हुई। इसमें महागठबंधन के तमाम दलों ने कई मुद्दों पर सत्ता पक्ष को घेरने के लिए रणनीति बनाई। बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि हम तो चाहते हैं कि सदन की कार्यवाही अच्छे से चले। सरकार ही नहीं चलने देती है। सवालों का जवाब नहीं देती है। उन्होंने यह भी कहा कि बजट सत्र में जो कुछ हुआ, वो सीएम के इशारों पर ही हुआ था। नीतीश कुमार को मानसून सत्र में सदन में माफी मांगनी चाहिए।
हंगामेंदार रहा था बजट सत्र
इससे पहले विधानमंडल के बजट सत्र में जोरदार हंगामा हुआ था। 23 मार्च को विपक्ष के विधायकों के साथ विधानसभा में मारपीट भी की गई थी। मार्शल और पुलिसकर्मियों ने महिला विधायकों भी सदन से बाहर निकाल दिया था। कई को तो सदन के बाहर फेंका जा रहा था। इससे पहले विपक्ष के कुछ विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को चैंबर में ही बंद कर दिया था। कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षाकर्मियों ने विजय सिन्हा को बाहर निकाला था।