बकरीद और श्रावणी मेले से पहले कोविड गाइडलाइन में बिहार के लोगों को कोई नई छूट नहीं मिलने जा रही है. 21 जुलाई को मनाए जाने वाले बकरीद को लेकर प्रशासन ने अपील की है कि इसे घरों में ही रहकर मनाया जाए. बकरीद को लेकर पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने पुलिस अधीक्षक और तमाम पदाधिकारियों के साथ बैठक भी की है. डीएम ने बताया कि कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए बकरीद की नमाज सिर्फ घरों में ही पढ़ी जा सकती है.
शांति समिति की बैठक कर दिशा-निर्देशों को बताएं
पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि किसी भी ईदगाह या मस्जिद में नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं होगी. उन्होंने सभी एसडीओ, बीडीओ और सीओ को निर्देश जारी करते हुए थाना और अनुमंडल स्तर पर शांति समिति की बैठक कर तमाम दिशा निर्देशों को बताने के लिए निर्देश दिया है.
पहली सोमवारी से ही सुरक्षा के होंगे पुख्ता इंतजाम
वहीं दूसरी ओर सावन में लगने वाले मेले पर भी पाबंदी लगाई गई है. कोरोना की गाइडलाइन को देखते हुए सार्वजनिक मेले या समारोह पर अभी पाबंदी जारी रहेगी. साथ ही मंदिरों में कांवर लेकर जाने पर भी मनाही है. शिवालयों में पहली सोमवारी से ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का निर्देश दिया गया है.
बता दें कि बिहार में कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच सरकार अभी किसी तरह की छूट देने के मूड में नहीं है. क्योंकि बकरीद के दिन और सावन में काफी भीड़ होती है. ऐसे में अगर इसकी अनुमति दी जाती है तो यह खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. यानी फिलहाल कोरोना को देखते हुए जो नियम जारी हैं उसके अलावा बकरीद और सावन में कोई छून नहीं दी जाएगी.
केरल सरकार को SC की फटकार, कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
कोरोना के हालातों के बीच राज्य में बकरीद मनाने के लिए प्रतिबंधों में ढील देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि केरल सरकार ने लॉकडाउन के नियमों में ढील देने की व्यापारियों की मांग को मान लिया है। शीर्ष अदालत ने व्यापारियों के दबाव में बकरीद से पहले ढील देने के लिए केरल सरकार को फटकार लगाई और कहा कि यह “माफी योग्य” नहीं है।
न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने कहा कि केरल सरकार ने बकरीद के अवसर पर पाबंदियों में इस तरह की छूट देकर देश के नागरिकों के लिए राष्ट्रव्यापी महामारी के जोखिम को बढ़ा दिया है। पीठ ने कहा, “हम केरल सरकार को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निहित जीवन के अधिकार पर ध्यान देने का निर्देश देते हैं।”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दबाव में आकर किसी की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर बकरीद पर छूट की वजह से कोरोना फैला तो कड़ी कार्रवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर बकरीद के कारण केरल सरकार द्वारा लॉकडाउन में ढील के कारण कोविड संक्रमण फैलता है, तो कोई भी व्यक्ति इसे अदालत के संज्ञान में ला सकता है जो उचित कार्रवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी तरह का दबाव भारत के नागरिकों के जीवन के अधिकार के सबसे कीमती अधिकार का उल्लंघन नहीं कर सकता है। अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो कोई भी इसे हमारे संज्ञान में ला सकता है और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।